LetsInspireBihar अभियान के द्वारा “बिहार के विकास में महिलाओं की भूमिका” पर सम्मेलन का हुआ आयोजन.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
अतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर #LetsInspireBihar अभियान के #गार्गी_अध्याय द्वारा पटना में “बिहार के विकास में महिलाओं की भूमिका” विषय पर सम्मेलन सह पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया गया । आईएमए हाॅल में आयोजित कार्यक्रम में पद्मश्री से अलंकृत आदरणीया प्रो उषा किरण खान जी, पद्मश्री से अलंकृत आदरणीया डाॅ शांति राय जी, मगध महिला महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्या आदरणीया प्रो जयश्री मिश्रा, बिहार उद्यमिता समूह की सचिव श्रीमती सारिका मल्होत्रा जी, प्रमुख समाजसेवी श्रीमती अंजू रोमा जी, गार्गी अध्याय की प्रमुख विदुषी डाॅ प्रीति बाला जी समेत अनेक सम्मानित अतिथिगण सम्मिलित हुए ।
संबोधन के क्रम में सर्वप्रथम मैंने सभी उपस्थित महिलाओं को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दीं और कहा कि महिलाओं की सक्रिय भूमिका के अभाव में बिहार में वांछित विकास की गति में तीव्रता लाना संभव नहीं है । मैंने सभी को यह बताया कि जब बिहार की विरासत से प्रेरित तथा उज्ज्वलतम भविष्य हेतु संकल्पित “आइए, मिलकर प्रेरित करें बिहार” अभियान की परिकल्पना हो रही थी.
तब अंर्तमन गार्गी वाचक्नवी का स्मरण कर रहा था और कह रहा था कि जिस भूमि ने अत्यंत प्राचीन काल में ही वैसी विदुषी को साक्षात देखा था जिन्हें संपूर्ण भारतवर्ष से एकत्रित हुए विद्वानों में सर्वश्रेष्ठ चुने गए महर्षि याज्ञवल्क्य को भी विद्वतापूर्वक चुनौती देने का साहस था, उसका भविष्य भला उज्ज्वलतम क्यों न हो । इसी उद्देश्य से जब हर जिले में अध्याय स्थापित होने लगे, तब बुद्धिजीवी महिलाओ के सामूहिक चिंतन तथा योगदान हेतु गार्गी अध्याय को भी स्थापित किया गया ताकि गार्गी की बौद्धिक परंपरा अभिवृद्धि प्राप्त कर सके।
अभियान के उद्देश्यों को बताते हुए मैंने कहा कि बिहार की भूमि प्राचीन काल से ही ज्ञान, शौर्य एवं उद्यमिता की प्रतीक रही है और यह कि हम उन्हीं यशस्वी पूर्वजों के वंशज हैं जिनमें अखंड भारत के साम्राज्य को स्थापित करने की क्षमता तब थी जब न आज की भांति विकसित मार्ग थे, न सूचना तंत्र और न उन्नत प्रौद्योगिकी । यह हमारे पूर्वजों के चिंतन की उत्कृष्टता ही थी जिसने बिहार को तब अग्रणी भूमिका में स्थापित किया था । उर्जा निश्चित आज भी वही है चूंकि हम उन्हीं यशस्वी पूर्वजों के वंशज हैं, परंतु यदि हम वांछित उन्नति नहीं कर पा रहे तो आवश्यकता केवल इस चिंतन की है कि नैसर्गिक उर्जा का प्रयोग हम कहाँ कर रहे हैं ।
आवश्यकता लघुवादों यथा जातिवाद, संप्रदायवाद आदि संकीर्णताओं से परे उठकर राष्ट्रहित में आंशिक ही सही परंतु कुछ निस्वार्थ सकारात्मक सामाजिक योगदान समर्पित करने की है । आवश्यकता चिंता नहीं अपितु चिंतन तथा आपस में संघर्ष नहीं अपितु सहयोग करने का है जिसे बढ़ाने में महिलाओं की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है ।
इस कार्यक्रम के पूर्व समाज में विशिष्ट योगदान दे रहीं महिलाओं से लेट्स इंस्पायर बिहार गार्गी पुरस्कार हेतु आनलाइन नॉमिनेशन की मांग की गई थी तथा सम्मेलन के विषय पर आलेख तथा कलात्मक चित्र के साथ अभिभाषण के लिए नॉमिनेशन भी आमंत्रित किए गए थे । कार्यक्रम में अनेक महाविद्यालयों से आमंत्रित 30 प्रतिभागियों द्वारा बिहार के विकास में महिलाओं की भूमिका, प्रमुख चुनौतियाँ तथा उनके संभावित समाधानों पर उत्कृष्ट विचार व्यक्त किए गए ।
इस प्रतियोगिता के पश्चात प्रथम तीन समेत कुल 13 युवतियों को यंग वुमेन थाॅट एम्बेसेडर के रूप में चयनित किया गया । कला तथा लेखन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए भी 13 यंग वुमेन आर्ट एम्बेसेडरों तथा 13 यंग वुमेन लिटेररी एम्बेसेडरों का चयन निर्णायकों द्वारा किया गया । मैंने गार्गी पुरस्कार से सम्मानित होने वाली बिहार के अलग-अलग क्षेत्रों से पधारी हुई सभी 25 महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि इस अभियान में हमारी अपेक्षा उनसे यही है कि यदि समाज को सही दिशा में बढ़ाना है तो महिलाओं को भी सक्रिय रूप में नेतृत्व प्रदान करना होगा तथा सकारात्मक मार्गदर्शन भी देना होगा ।
महाविद्यालयों से सम्मिलित युवतियों से भी मैंने गार्गी की परंपरा की वाहिका बनने का आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें किसी भी परिस्थिति में स्वयं के सामर्थ्य को कम नहीं आंकना चाहिए । पुरस्कार वितरण के पश्चात जब सभागार से निकल रहा था तब #यात्री_मन अत्यंत आशान्वित था और कह रहा था कि गार्गी अध्याय द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम भले ही प्रथम था परंतु श्रंखला निश्चित ही बहुत दूर तक जाएगी चूंकि यदि महिलाओं द्वारा बिहार के विकास में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लेते हुए योगदान समर्पित किया जाने लगेगा तो उज्ज्वलतम भविष्य के निर्माण का अवरोध भला कौन कर सकेगा ।
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