वोटिंग के बाद ईवीएम को स्ट्रॉन्ग रूम में कड़ी सुरक्षा घेरे के बीच लॉक कर दिया गया है
ईवीएम को तीन स्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा गया है
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद 121 सीटों पर उम्मीदवारों का भविष्य ईवीएम में कैद हो गया। पटना, मुजफ्फरपुर, समेत 18 जिलों में मतदान के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को स्ट्रॉन्ग रूम में कड़ी सुरक्षा के बीच लॉक कर दिया गया है। चुनाव आयोग के अनुसार इन्हें 3 लेयर की सुरक्षा घेरे में रखा गया है, जहां परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा। इन्हें 14 नवंबर को मतगणना के दिन ही निकालकर सीधे काउंटिंग सेंटर पर ले जाया जाएगा।
बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि प्रथम चरण में मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, नालंदा, पटना, भोजपुर एवं बक्सर जिले में 6 नवंबर को कुल 45341 बूथों पर मतदान हुआ। वोटिंग के बाद ईवीएम और वीवीपैट को चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों, पोलिंग एजेंटों और केंद्रीय प्रेक्षकों की मौजूदगी में वीडियोग्राफी कराते हुए स्ट्रॉन्ग रूम में डबल लॉक सिस्टम के तहत सीलबंद कर रखा गया है।
चुनाव आयोग ने कहा कि स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। आयोग के भंडारण प्रोटोकॉल के अनुसार स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा के लिए 3 स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इसमें 2 स्तरीय शस्त्र सुरक्षा बल तैनात किया गया है, जिसमें अंदरूनी भाग की सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बलों को दिया गया है। इसके अतिरिक्त परिसर के बाहरी सुरक्षा व्यवस्था हेतु जिला पुलिस तैनात है। इसके अतिरिक्त सेंटर पर सीसीटीवी कैमरों से भी मॉनिटरिंग की जा रही है।
आयोग ने स्पष्ट किया कि मॉक पोल के दौरान खराब पाए गए एवं सुरक्षित बची हुई अन्य ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को दूसरी जगह चिह्नित स्ट्रॉन्ग रूम में निर्धारित सुरक्षा व्यवस्था के अंतर्गत रखा गया है। चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों को भी लिखित रूप से सूचित किया गया है कि वे अपने प्रतिनिधियों को स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी करने के लिए नियुक्त कर सकते है। हालांकि, उन्हें सुरक्षा के आंतरिक परिधि क्षेत्र से बाहर रहने की अनुमति दी गई है।
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