अन्नाद्रमुक विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा के साथ दोबारा गठबंधन कर सकती है

अन्नाद्रमुक विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा के साथ दोबारा गठबंधन कर सकती है

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

WhatsApp Image 2025-08-14 at 5.25.09 PM
WhatsApp Image 2025-08-14 at 5.25.09 PM
previous arrow
next arrow
WhatsApp Image 2025-08-14 at 5.25.09 PM
WhatsApp Image 2025-08-14 at 5.25.09 PM
previous arrow
next arrow

अन्नाद्रमुक महासचिव और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एडप्पादी के पलानीस्वामी ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की। ऐसा कहा जा रहा है कि अन्नाद्रमुक राज्य में विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा के साथ दोबारा गठबंधन कर सकती है। यह जानकारी सूत्रों ने दी।

तमिलनाडु में हिंदी थोपे जाने समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई

सूत्रों के अनुसार, अन्नाद्रमुक के नेता ने शाह के साथ तमिलनाडु में हिंदी थोपे जाने समेत कई मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने इस पर अपनी पार्टी के विचारों को साझा किया। तमिलनाडु में मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक ने भाजपा के राज्य नेतृत्व के साथ कुछ मतभेदों के बाद 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले सितंबर 2023 में नाता तोड़ लिया था।

इससे पहले अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। उन्हें भाजपा की तमिलनाडु इकाई के प्रमुख के. अन्नामलाई की आक्रामक राजनीतिक शैली से उत्पन्न स्थिति से अवगत कराया था। अन्नाद्रमुक नेताओं ने द्रविड़ नेता सीएन अन्नादुरई पर की गई टिप्पणी के लिए अन्नामलाई से माफी मांगने या उन्हें हटाने की मांग की थी।

अन्नामलाई ने अन्नाद्रमुक की आलोचना कम कर दी है

अन्नामलाई ने पिछले कुछ समय से अन्नाद्रमुक की आलोचना कम कर दी है। ऐसा माना जा रहा है कि यदि अन्नाद्रमुक और भाजपा में फिर से गठबंधन होता है तो वे राज्य में सत्तारूढ़ द्रमुक नीत आइएनडीआइए गठबंधन को कड़ी चुनौती देंगे। विगत कुछ वर्षों में राज्य में अन्नाद्रमुक के वोट शेयर में गिरावट आई है।

स्टालिन के हिंदी थोपने के बयान से उनका गुप्त एजेंडा आया सामने : अन्नामलाई

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के आरोपों को खारिज करते हुए राज्य भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने स्पष्ट किया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उल्लेखित तीन भाषा नीति का उद्देश्य छात्रों को कई भाषाएं सीखने का अवसर प्रदान करना है। यह ¨हदी थोपने का प्रयास नहीं है।

एक्स पर अन्नामलाई ने कहा कि नीति को हिंदी थोपने के प्रयास के रूप में गलत तरीके से पेश कर मुख्यमंत्री ने डीएमके के छिपे हुए एजेंडे को सामने ला दिया है। उनकी बातों से लगता है कि केवल वे लोग ही कई भाषाएं सीख सकते हैं जिनके पास पैसा है।

अन्नामलाई ने कही ये बात

स्कूल शिक्षा विभाग के नीति नोट का हवाला देते हुए अन्नामलाई ने बताया कि तमिलनाडु सरकार ने स्वयं संस्कृत और अन्य भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण धन आवंटित किया था।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!