सारण में कृमि से बचाव के लिए किशोर-किशोरियों को खिलायी गयी अल्बेंडाजोल की गोली

सारण में कृमि से बचाव के लिए किशोर-किशोरियों को खिलायी गयी अल्बेंडाजोल की गोली
• सिविल सर्जन ने दवा खिलाकर किया अभियान का शुभारंभ
• कृमि से बचाव के लिए चलाया गया विशेष अभियान
• राष्ट्रीय कृमि दिवस पर जिले के विभिन्न विद्यालयों और आंगनवाड़ी केंद्रों पर चला अभियान
• 19 सितंबर को चलेगा मॉप-अप राउंड

श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, अमनौर, सारण (बिहार):

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सारण जिले में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर मंगलवार को विशेष अभियान चलाकर स्कूली बच्चों और किशोर-किशोरियों को अल्बेंडाजोल की गोली खिलाई गई। इस अभियान की शुरुआत सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने छपरा शहर के एक निजी विद्यालय में बच्चों को दवा खिलाकर की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाने के लिए यह अभियान अत्यंत जरूरी है, क्योंकि कृमि से होने वाली बीमारियाँ बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर गंभीर प्रभाव डालती हैं।
जिले में इस बार 24 लाख 73 हजार 921 बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों और मदरसों में विशेष कैंप आयोजित किए गए। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जिले के शहरी और ग्रामीण सभी प्रखंडों में यह अभियान सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है। इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. सुमन कुमार, डीपीओ आईसीडीएस, डीपीएम अरविन्द कुमार, डीसीएम ब्रजेंद्र कुमार सिंह, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ. रंजितेश कुमार, यूनिसेफ एसएमसी आरती त्रिपाठी, वीसीसीएम अंशुमन पांडेय, सुबोध पांडेय समेत विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिका और बच्चें मौजूद थे।
कृमि संक्रमण से बच्चों को होता है बड़ा नुकसान
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि कृमि संक्रमण बच्चों में मुख्य रूप से व्यक्तिगत स्वच्छता की कमी, गंदगी में खेलने और संक्रमित मिट्टी के संपर्क से फैलता है। इसके कारण बच्चों के शरीर में खून की कमी, कुपोषण और हीमोग्लोबिन स्तर में गिरावट जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। यह उनकी पढ़ाई-लिखाई पर असर डालता है और मानसिक विकास भी प्रभावित होता है।
19 सितंबर को मॉप-अप राउंड
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. सुमन कुमार ने बताया कि जो बच्चे किसी कारणवश दवा खाने से वंचित रह गए हैं, उन्हें ध्यान में रखते हुए 19 सितंबर को मॉप-अप राउंड आयोजित किया जाएगा। इसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जिले का कोई भी बच्चा दवा खाने से छूट न पाए। स्वास्थ्य विभाग ने सभी प्रखंडों में स्वास्थ्यकर्मियों और शिक्षकों की टीम लगाई है, ताकि अभियान को हर स्तर पर सफल बनाया जा सके।
अभियान की निगरानी में जुटा स्वास्थ्य विभाग
डीपीएम अरविन्द कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए व्यापक तैयारी की है। ब्लॉक स्तर पर अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है और जिला स्तर पर टीम लगातार निगरानी कर रही है। उन्होंने अभिभावकों से अपील की है कि वे बच्चों को अल्बेंडाजोल की दवा अवश्य दिलवाएँ, क्योंकि यह पूरी तरह सुरक्षित है और बच्चों के स्वास्थ्य को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक है।

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