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बिहार सरकार में सबकुछ ठीक नहीं? आपस में भिड़े मंत्री मदन सहनी और जीवेश मिश्रा. - श्रीनारद मीडिया

बिहार सरकार में सबकुछ ठीक नहीं? आपस में भिड़े मंत्री मदन सहनी और जीवेश मिश्रा.

बिहार सरकार में सबकुछ ठीक नहीं? आपस में भिड़े मंत्री मदन सहनी और जीवेश मिश्रा.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार सरकार के दो मंत्री ब्यूरोक्रेट्स के मुद्दे पर आपस में ही भिड़ गए हैं. बीजेपी कोटे से मंत्री जीवेश मिश्रा और जेडीयू कोटे से मंत्री मदन सहनी के बीच तल्खी इतनी बढ़ गई कि सहनी ने मिश्रा को सीमा में रहने की नसीहत दे दी है. बता दें कि बीते दिनों विभाग में अफसरशाही के बेलगाम होने का आरोप लगाते हुए मदन सहनी ने इस्तीफा देने की घोषणा की थी.

आज दरभंगा में मीडिया से बात करते हुए मदन सहनी ने बिहार सरकार में मंत्री जीवेश मिश्रा को दलाल बता दिया. सहनी ने कहा कि उनको अपने से मतलब रखनी चाहिए. मैं राजनीतिक प्राणी हूं, कोई तालमेल बैठाने के लिए नहीं आया हूं. उन्होंने आगे कहा कि जो काम करने की सलाह वो मुझे दे रहे हैं, उसका मैं सबकुछ जानता हूं.

समाजिक कल्याण मदन सहनी से जब श्रम संसाधन मंत्री जीवेश कुमार के बयान के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा कि मंत्री को अपनी हद में रहना चाहिए, हम उनके जैसा नहीं है और मेरे बारे में बयान देंगे, तो हम भी उनके बारे में बहुत कुछ कहने को तैयार बैठे है.

क्या कहा था जीवेश मिश्रा ने- जीवेश मिश्रा ने मदन सहनी के इस्तीफे पर कहा था कि बिहार में अफसरशाही नहीं है. इस्तीफा देने की बजाय मंत्री को अपने विभाग से तालमेल बनानी चाहिए. बताते चलें कि जीवेश मिश्रा और मदन सहनी एक ही जिले के मंत्री हैं.

सरकार में सबकुछ ठीक नहीं?– बताया जा रहा है कि मंत्रियों के बीच इस तरह के बयानबाजी से सियासी पारा चढ़ गया है. हालांकि आज मदन सहनी सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात कर सकते हैं. माना जा रहा है कि मुलाकात के बाद मदन सहनी के इस्तीफे पर फैसला किया जा सकता है.

पीएचइडी मंत्री रामप्रीत पासवान भी समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी के समर्थन में उतर गये है. उन्होंने कहा कि यह सही है बहुत से अफसर को बहुत इगो है. इस बात को सभी जानते है. हमलोग बोल देते है, बहुत लोग बोल नहीं पाते है. इसलिए हमें यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि कुछ अफसर मनमानी करते है. वह किसी की नहीं सुनते है. जब मंत्री से यह पूछा गया कि पीएचइडी में भी ऐसे अफसर है,तो उन्होंने कहा कि नहीं.

पीएचइडी के सभी अफसर ठीक है. वह नीतिगत काम करते है और हम विभाग के अफसरों से संतुष्ट है, लेकिन ऐसे अफसरों को भी देखना होगा, जो मनमानी कर रहे है. दूसरी ओर जब समाज कल्याण मंत्री से श्रम संसाधन मंत्री जीवेश कुमार के बयान के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा कि मंत्री को अपनी हद में रहना चाहिए, हम उनके जैसा नहीं है और मेरे बारे में बयान देंगे, तो हम भी उनके बारे में बहुत कुछ कहने को तैयार बैठे है.

नीतीश कुमार से मिल सकते हैं मदन सहनी- बताया जा रहा है कि समाजिक कल्याण मंत्री मदन सहनी आज सीएम नीतीश कुमार से मिल सकते हैं. सहनी ने इसके लिए सीएम से समय भी मांगा है. इससे पहले मदन सहनी ने मीडिया में आकर इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया था. मंत्री सहनी विभाग के अधिकारियों की मनमानी से खुश नहीं थे.

बिहार सरकार के मंत्री मदन सहनी गुरुवार को अपने इस्तीफा की पेशकश करके एक नये विवाद को सामने ला दिया है्. नीतीश कैबिनेट में समाज कल्याण मंत्रालय की बागडोर थामने वाले जदयू नेता मदन सहनी ने अधिकारियों के उपर इलजाम लगाया है कि वो मंत्रियों की नहीं सुनते हैं. प्रेस को संबोधित करते हुए उन्होंने अपनी बात रखी. वहीं मदन सहनी के लगाए आरोपों को अब जीतनराम मांझी ने भी सही ठहराया है.

हम पार्टी के अध्यक्ष जीतनराम मांझी गुरूवार को दिल्ली से पटना लौटे. इस दौरान मीडिया ने उनसे कुछ सवालात किये. जिसमें बिहार सरकार के मंत्री मदन सहनी द्वारा लगाया गया आरोप भी शामिल था. मीडिया ने मदन सहनी के उन आरोपों पर जीतनराम मांझी का पक्ष जाना जिसमें उन्होंने यह आरोप लगाया है कि बिहार में मंत्रियों की बात अधिकारी नहीं सुनते हैं.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जीतन राम मांझी मदन सहनी के समर्थन में खुलकर उतर गए और इस आरोप को सही ठहराया है कि बिहार में कोई भी अधिकारी मंत्रियों की बात नही सुनता है. मांझी ने कहा कि इस बात को मैने एनडीए विधानमंडल दल की बैठक में भी उठाया है. क्योंकि किसी विधायक या मंत्री को अधिकारी कोई तरजीह नहीं देते हैं.

गौरतलब है कि बिहार की सियासत में गरमाहट उस समय आयी जब सरकार के मंत्री ने अधिकारियों की मनमानी का आरोप लेकर इस्तीफे की पेशकश कर दी. मदन सहनी विभाग के प्रधान सचिव अतुल कुमार पर नाराज हैं और आरोप लगाया है कि कामकाज में शून्य रहने पर भी वो चार साल से जमे हुए हैं. बता दें कि जून-जुलाइ में प्रदेश में ट्रांसफर-पोस्टिंग का दौर रहता है. मंत्री का आरोप है कि जो ट्रांसफर-पोस्टिंग मंत्री को करना चाहिए. वो भी अधिकारी के द्वारा ही होता है.

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