नौकरशाही से नाराज नीतीश के मंत्री ने दिया इस्तीफा, मदन साहनी ने कहा- गाड़ी और घर भी नहीं मिला अच्छा.

नौकरशाही से नाराज नीतीश के मंत्री ने दिया इस्तीफा, मदन साहनी ने कहा- गाड़ी और घर भी नहीं मिला अच्छा.

श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

बिहार की नीतीश कुमार सरकार को बड़ा झटका लगा है। बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री मदन साहनी ने इस्तीफे की घोषणा कर दी है। साहनी ने नौकरशाही से नाराजगी जाहिर करते हुए यहां तक कहा है कि उन्हें गाड़ी और घर अच्छा नहीं मिला। साहनी ने कहा कि वह लोगों को सेवा नहीं कर पा रहे हैं तो पद पर बने रहने का औचित्य नहीं है। हालांकि, उन्होंने कहा है कि वह नीतीश कुमार के साथ बने रहेंगे।

साहनी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, ”मैं नौकरशाही के विरोध में इस्तीफा दे रहा हूं। मुझे जो गाड़ी या घर मिला मैं उससे संतुष्ट नहीं हूं, क्योंकि यदि मैं लोगों को सेवा नहीं कर सकता, यदि अधिकारी मेरी बात नहीं सुनते तो लोगों के काम नहीं हो सकते हैं। यदि उनके काम नहीं हो रहे हैं तो मुझे इसकी (मंत्री पद) आवश्यकता नहीं है।”

साहनी ने ट्रांसफर पोस्टिंग में अनदेखी का आरोप लगाया है। साथ ही कहा कि नीतीश कुमार के करीबी अफसरों ने खूब संपत्ति बनाई है। मदन साहनी ने सीएम नीतीश कुमार के नजदीकी चंचल कुमार की संपत्ति जांच की मांग भी की है।

मदन साहनी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हम लोग बरसों से तानाशाही झेल रहे हैं, यातना झेल रहे हैं लेकिन अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है। साहनी ने कहा कि इसलिए अब हमने मन बना लिया है कि हम अब इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने आगे कहा कि जब हम किसी का भला नहीं कर सकते है तो हम केवल सुविधा लेने के लिए नहीं बैठे हैं। पार्टी से इस्तीफा देने के सवाल पर सहानी ने कहा कि पार्टी में बने रहेंगे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में भी रहेंगे।

अपर मुख्य सचिव अतुल प्रसाद पर मनमानी का आरोप लगाया

मदन साहनी ने विभाग के अपर मुख्य सचिव अतुल प्रसाद पर मनमानी का आरोप लगाया। साहनी ने कहा कि विभाग में मंत्रियों की कोई नहीं सुनता है। सारे नियम-कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। समाज कल्याण विभाग में सालों से कई अधिकारी जमे हुए हैं और मनमाना काम कर रहे हैं। इसे हटाने की जब बात कही तो विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सुनने से इनकार कर दिया। मंत्री ने कहा कि यह सिर्फ मेरी हालत नहीं है बल्कि बिहार में किसी भी मंत्री की कोई अधिकारी नहीं सुनता है। यह सबको पता है कि जून महीने में वैसे पदाधिकारी जो 3 साल से एक ही जगह पर पदस्थापित हैं, उनका ट्रांसफर होता है। हमने उन सभी अधिकारियों की लिस्ट अपर मुख्य सचिव के सामने रखी पर उसको देखने वाला कोई नहीं है।

पिछड़ा होने पर प्रताड़ना का आरोप लगाया
समाज कल्याण मंत्री ने इस्तीफे की पेशकश करते हुए कहां कि पिछड़ा वर्ग के आने के कारण हमें दबाया जाता है और कोई बात नहीं सुनता। अगर मंत्री की भी बात सरकार में नहीं सुनी जाएगी तो ऐसी हालत में मंत्री पद पर रह कर क्या फायदा? मदन सहनी ने आरोप लगाते हुए यह भी कहा यह पहली बार नहीं है। पिछली बार भी ऐसे ही मुझे दबाया गया था, पर सुनने वाला कोई नहीं था। बर्दाश्त की भी एक सीमा होती है। अब इस्तीफे के अलावा मेरे पास और कोई चारा नहीं बचा है।

बीजेपी नेता ने भी लगाए थे आरोप
बिहार में विभागों के अंतर्गत अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग पर कई बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। मदन सहनी से पहले बीजेपी के नेता ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने भी अपने ही सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कई लोग हैं जो पैसे लेकर ट्रांसफर-पोस्टिंग करते हैं जिस बात की जांच होनी चाहिए. उन्होंने तो कुछ संबंधित मंत्रियों के घरों पर रेड डालने के लिए सीएम नीतीश के सामने अपनी मांग भी रख दी है।

Leave a Reply

error: Content is protected !!