अल्पसंख्यक बाहुल्य इलाके में टीकाकरण के प्रति लोगों में अलख जगा रही है आशा कार्यकर्ता निशा

अल्पसंख्यक बाहुल्य इलाके में टीकाकरण के प्रति लोगों में अलख जगा रही है आशा कार्यकर्ता निशा

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

शुरूआती विरोध के बाद टीकाकरण के महत्व को समझने लगी हैं ग्रामीण अल्पसंख्यक महिलाएं:
टीकाकरण के प्रति महिलाओं के उत्साह को देखते हुए परिवार के पुरुष सदस्य भी लगाने लगे हैं टीका:

श्रीनारद मीडिया‚ अररिया,  बिहारः


परिवार व समाज की खुशहाली व विकास में महिलाओं की भागीदारी शुरू से ही महत्वपूर्ण रही है। आज महिलाएं सामाजिक स्तर पर हर बड़े बदलाव का सूत्रधार बन रही हैं। समाज के समक्ष खड़ी किसी बड़ी चुनौती के वक्त महिलाएं आगे बढ़ कर अपने नेतृत्व के दम पर इससे निपटने का साहस दिखाने के लिये भी अब आगे आने लगी है। वैश्विक महामारी के इस दौर में भी ऐसे कई उदाहरण मिलते हैं। जब क्षेत्र की महिलाओं ने सामुदायिक स्तर पर संक्रमण के प्रसार को रोकने व बचाव संबंधी उपायों को बढ़ावा देने के प्रयासों में जुटे रह कर अपनी सफलता का मिसाल पेश किया है। जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चंद्रदेई पंचायत की आशा कार्यकर्ता जैबुन निशा का नाम भी कुछ ऐसी ही महिलाओं की सूची में शामिल है।

लोगों के लापरवाह रवैया में बदलाव का बनी सूत्रधार :

अल्पसंख्यक बाहुल्य चंद्रदेई पंचायत में कोरोना महामारी को लेकर शुरू से ही लोगों के बीच असमंजस की स्थिति रही है। यहां तक की गांव में किसी की तबीयत खराब होने बावजूद लोग जांच से कतराते थे। आम लोगों में शिक्षा का अभाव जागरूकता के मार्ग में बाधा थी। वहीं मेहतन मजदूरी कर किसी तरह जीविकोपार्जन में लगे गांव की अधिकांश आबादी स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को लेकर अनभिज्ञ बने थे। इधर पंचायत के वार्ड संख्या 08 की आशा कार्यकर्ता जैबुन निशा लगातार प्रखंड व जिला स्तर पर हो रही स्वास्थ्य संबंधी बैठकों में अपनी भागीदारी के कारण महामारी की गंभीरता से बहुत हद तक परिचित हो चुकी थी। उन्होंने ग्रामीणों के इस लापरवाह रवैया में बदलाव की ठानी। और अपने प्रयासों में जुट गयी। उन्होंने वैक्तिगत स्तर पर लोगों से संपर्क करना शुरू किया। क्षेत्र भ्रमण के दौरान उन्होंने लगातार ग्रामीण महिलाओं को महामारी के खतरों के प्रति आगाह किया। जहां कहीं भी संक्रमित मरीज होने का पता चलता वो वहां जाकर लोगों को इसके खतरे के प्रति आगाह करते हुए बचाव संबंधी उपाय की विस्तृत जानकारी देती। उनकी सलाह से लोग तेजी से ठीक हो रहे थे। इस तरह उन्होंने ग्रामीणों खास कर महिलाओं का विश्वास जीतने में सफल रही।

निरंतर प्रयासों से ग्रामीण महिलाओं को टीकाकरण के लिये किया राजी :

जब कोरोना टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू हुई। तो ग्रामीणों में टीकाकरण को लेकर उत्साह की कमी थी। गांव के लोग कोरोना को कोई बीमारी मानने को राजी नहीं थे। वहीं बहुत से लोगों के मन टीकाकरण को लेकर व्याप्त संशय अभियान की सफलता में बाधक साबित हो रहा था। लोग टीकाकरण को लेकर सोशल मीडिया पर परोसे जा रहे भ्रामक जानकारियों से प्रभावित थे। बावजूद इसके उन्होंने अपनी जिद नहीं छोड़ी। उन्होंने पंचायत के मुखिया सहित अन्य जनप्रतिनिधियों से संपर्क स्थापित कर लोगों के बीच जागरूकता अभियान के संचालन का निर्णय लिया। ग्रामीण स्तर पर जागरूकता संबंधी बैठकें व चौपाल आयोजित किये गये। निशा के प्रयासों को देखते हुए क्षेत्र की अन्य स्वास्थ्य कर्मी भी अपने इलाकों में ऐसी ही गतिविधियों के संचालन के लिये प्रेरित हुई। निशा के उत्साह व समर्पण को स्थानीय जनप्रतिनिधि व प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्य अधिकारियों का भी भरपूर सहयोग प्राप्त हुआ। निरंतर प्रयासों से क्षेत्र की महिलाएं निशा के पक्ष में आ खड़ी हुई। उन्होंने बढ़-चढ़ कर अभियान में अपनी भागीदारी निभाई। अपने परिवार व समाज के अन्य लोगों के टीकाकरण को भी प्रमुखता के आधार पर संपन्न कराया। लिहाजा पंचायत की आधी से अधिक आबादी का टीकाकरण संपन्न हो चुका है। गांव की अधिकतर महिलाएं कोरोना का टीका ले चुकी हैं। वहीं महिलाएं अब गांव के पुरूषों पर भी टीकाकरण का दबाव बनाने लगी है। गांव के पुरूष भी अब टीकाकरण को प्राथमिकता देने लगे हैं।

महामारी के इस दौर में निशा का प्रयास सराहनीय :

चंद्रदेई के मुखिया आसिफुर्रहमान वैश्विक महामारी के इस दौर में निशा के प्रयासों की तारिफ करते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को इस संक्रामक बीमारी के प्रति जागरूक करने व सुरक्षा के लिहाज से उनका टीकाकरण सुनिश्चित कराने में निशा भूमिका महत्वपूर्ण रही है। पीएचसी अररिया की स्वास्थ्य प्रबंधक प्रेरणा रानी वर्मा बताती हैं कि गांव में लगने वाले जांच शिविर व टीकाकरण सत्र को सफल बनाने में हमेशा निशा ने सक्रिय भूमिका निभाई है। अभी भी पंचायत के बहुत से लोग टीकाकरण से वंचित हैं। स्वास्थ्य विभाग के कदम से कदम मिलाकर वे पंचायत में शतप्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित कराने की अपनी मुहिम में जुटी है। जो निशा की तरह दूसरे अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के लिये किसी मिसाल से कम नहीं।

 

यह भी पढ़े

आज मनाया जा रहा राष्ट्रीय ध्वज दिवस.

सरकारी विद्यालयों के बच्चों तक ऑनलाइन शिक्षण की पहुंच हेतु “द बिहार टीचर्स” ने आयोजित की वर्चुअल मीटिंग

सरकारी विद्यालयों के बच्चों तक ऑनलाइन शिक्षण की पहुंच हेतु “द बिहार टीचर्स” ने आयोजित की वर्चुअल मीटिंग

Leave a Reply

error: Content is protected !!