भोजपुरी गायक खेसारी लाल यादव राजनीति में उतर गये हैं!
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भोजपुरी एक्टर और सिंगर खेसारी लाल यादव के पास कितनी संपत्ति है. चल संपत्ति कितनी है और अचल संपत्ति कितनी है. अगर आपको इसकी जानकारी नहीं है, तो आपको बता देते हैं कि भेजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार खेसारी लाल यादव करीब 25 करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक हैं. वह लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के टिकट पर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 लड़ रहे हैं.
24.81 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति के मालिक
बिहार के सारण जिले की छपरा विधानसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के उम्मीदवार भोजपुरी अभिनेता शत्रुघ्न यादव उर्फ खेसारी लाल यादव के हलफनामे के अनुसार, उनके पास 24.81 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति है. बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश की सबसे लोकप्रिय बोली भोजपुरी के सबसे प्रसिद्ध गायकों व अभिनेताओं में से एक यादव को राजद ने पार्टी में शामिल होने के एक दिन बाद इस सीट से उम्मीदवार बनाया.
पत्नी चंदा के साथ राजद में शामिल हुए भोजपुरी स्टार
खेसारी लाल यादव की पत्नी चंदा भी दो दिन पहले पटना में लालू प्रसाद की पार्टी में शामिल हो गयीं. इसके अगले ही दिन यानी शुक्रवार को चुनाव अधिकारी के समक्ष खेसारी लाल यादव ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. चुनाव आयोग के समक्ष नामांकन करते समय एक हलफनामे में यादव ने बताया कि उनके पास 16.89 करोड़ रुपए की चल संपत्ति और 7.91 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति है.
6.49 करोड़ की अचल संपत्ति के मालिक हैं खेसारी
खेसारी लाल यादव की पत्नी के पास 90.02 लाख रुपए की चल संपत्ति और 6.49 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति है. हलफनामे के अनुसार, भोजपुरी अभिनेता के पास 5 लाख रुपए और उनकी पत्नी के पास 2 लाख रुपए कैश हैं. यादव के पास कई बैंक खाते और 35 लाख रुपए के सोने के आभूषण हैं.

3 करोड़ की लग्जरी कार है राजद उम्मीदवार शत्रुघ्न यादव के पास
हलफनामे के अनुसार, राजद उम्मीदवार खेसारी लाल की चल संपत्ति में 3 करोड़ रुपए की एक लग्जरी कार भी है. यादव ने लगभग 100 फिल्मों में काम किया है और 5,000 से अधिक भोजपुरी गीत गाये हैं. उन्होंने दावा किया कि उनके पिता मंगरू यादव शुरुआत में सुबह में एक रेहड़ी-पटरी वाले के रूप में और रात में एक सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करते थे.

मवेशी चराते, दूध और लिट्टी-चोखा बेचते थे खेसारी लाल यादव
खेसारी का दावा है कि वह बचपन में मवेशी चराते और उनका दूध बेचते थे. उन्होंने कहा है कि बाद में वह दिल्ली चले गये, जहां उन्होंने अपने माता-पिता और पत्नी के साथ ‘लिट्टी-चोखा’ बेचना शुरू किया.
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