पटना डबल मर्डर केस में हुआ बड़ा खुलासा, प्रेम में शक बना खून की वजह, दोनों आरोपी गिरफ्तार
श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क:
पटना के जानीपुर थाना के नगवां में 31 जुलाई की शाम हुए भाई-बहन की नृशंस हत्या मामले में पटना पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. घटना के 24 घंटे के भीतर ही पुलिस ने इस दोहरे हत्याकांड में शामिल दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया है. अंजली और उसके छोटे भाई अंशु की हत्या के पीछे प्रेम प्रसंग में उपजा संदेह, क्रोध और साजिश की कहानी सामने आई है.
क्या बोले एसएसपी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में शुभम कुमार उर्फ सन्नी कुमार, पिता मृत्युंजय कुमार और रौशन कुमार, पिता शंभू शर्मा (दोनों निवासी फुलिया टोला, थाना फुलवारी शरीफ) शामिल हैं. एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने कहा है कि दोनों आरोपियों पर स्पीडी ट्रायल चलाया जाएगा और कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी.एससी ने बताया कि रोशन शुभम को लड़की के बातचीत के कॉल डिटेल और चैटिंग बैटिंग डिलीट करने में सहयोग किया साक्षय मिटाने में उसका सहयोग है. यह घटना न सिर्फ प्रेम की विकृत परिणति को उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे भावनात्मक असंतुलन और असुरक्षा की भावना जघन्य अपराध को जन्म देती है. समाज, परिवार और प्रशासन को ऐसे मामलों में सतर्क रहना होगा.
जांच में क्या पता चला पुलिस जांच में सामने आया है कि रौशन के परिवार और अंजली के परिवार के बीच पहले से पारिवारिक जान-पहचान थी. इसी परिचय के माध्यम से रौशन ने ही अंजली की दोस्ती शुभम से कराई थी, जो बाद में प्रेम संबंध में बदल गई. शुभम और अंजली के बीच रिश्ता करीब से शुरू हुआ, दोनों के परिवार वालों को इसकी जानकारी थी.हाल के दिनों में शुभम को शक हुआ कि अंजली का ध्यान अब उसकी ओर नहीं रहा और वह किसी अन्य से बातचीत करने लगी है. इसी संदेह और ईर्ष्या के चलते शुभम ने रौशन के साथ मिलकर खौफनाक साजिश रच डाली.
हत्या के बाद जलाई लाश
दोनों ने मोती चौक खगौल के एक दुकान से केरोसिन तेल खरीदा और एम्स गोलंबर होते हुए जानीपुर के नगवां गांव में अंजली के घर पहुंचे. शुभम ने दरवाजा खुलवाया. अंजली से कहासुनी होने लगी. इस दौरान उसका 10 वर्षीय भाई अंशु जाग गया. शुभम ने पहले अंशु की ईंट से सर पर मार हत्या कर दी और फिर अंजली का तकिये से मुंह दबाकर मार डाला. हत्या के बाद दोनों की लाशों पर केरोसिन छिड़ककर आग लगा दी गई.
घटना के बाद दोनों आरोपी अपने मोबाइल से चैटिंग डिलीट करने लगे ताकि साक्ष्य मिटाया जा सके. पुलिस की विशेष टीम ने वैज्ञानिक, तकनीकी और मानवीय अनुसंधान के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. उनसे केरोसिन की खाली बोतल और तीन मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं.घटना के बाद हुआ था बवाल इस पूरे मामले की जांच के लिए वरीय पुलिस अधीक्षक ने नगर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी की निगरानी में विशेष SIT का गठन किया था.
इसमें अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी फुलवारी शरीफ दीपक कुमार, निरीक्षक संजीव कुमार, थानाध्यक्ष संजीत कुमार, अवर निरीक्षक नवीन कुमार, सागर कुमार, धर्मेन्द्र कुमार राय, आशीष कुमार, संजीव कुमार, हर्षवर्धन कुमार, खुशबू कुमारी और राजनारायण यादव शामिल थे.
इस घटना के बाद नगवां गांव और जानी पुर मोड़ पर भारी बवाल हुआ था. सीपीआई एमएल के नेता थाने विधायक गोपाल रविदास के नेतृत्व में लोगों ने सड़क जाम, नारेबाजी, और धरना-प्रदर्शन किया. रामकृपाल यादव, सहित कई राजनीतिक व सामाजिक संगठनों ने घटनास्थल पर पहुंचकर अपराधियों को फांसी देने की मांग की. इलाके में तनाव देखते हुए पुलिस बल की तैनाती करनी पड़ी.
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