Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
बिहार भाजपा के पास कोई सुशील मोदी जैसा नहीं,क्यों? - श्रीनारद मीडिया

बिहार भाजपा के पास कोई सुशील मोदी जैसा नहीं,क्यों?

बिहार भाजपा के पास कोई सुशील मोदी जैसा नहीं,क्यों?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

जयंती पर स्मरण

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी होते, तो वे आज ७३ साल के होते। हालांकि वे जन्मदिन मनाते नहीं थे, कोई पार्टी या भोज नहीं देते थे, लेकिन सार्वजनिक जीवन में जो लोग उनके करीबी या प्रशंसक रहे, वे ५ जनवरी को उनके सरकारी आवास ( १ पोलो रोड या ५ देशरत्न मार्ग ) पर जाकर मिलते और अपनी शुभकामनाएँ अवश्य देते थे।
उनके समकालीन एक वरिष्ठ पत्रकार ने कभी लिखा था कि बिहार में भाजपा-विरोधी राजनीति की कमजोरी यह है कि उनके पास कोई सुशील मोदी नहीं है।
जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीति का सूरज चढने और तपने लगा, तब भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति से देश भर में बहुतों के चेहरे झुलसने लगे और व्याकुल लोग बचाव में केवल राजनीतिक भेदभाव होने के आरोप की छीनी छतरी तानते रहे।
इसी संदर्भ में यह कहा गया कि यदि विपक्ष के पास ठोस सबूत हैं, तो उन्हें भाजपा नेताओं के विरुद्ध अदालत, ईडी या सीबीआई के पास जाना चाहिए । सुशील मोदी ने यही किया था।

वे १९९६ में चारा घोटाला के खिलाफ सबूत के साथ पटना हाईकोर्ट गए। उनके साथी थे सरयू राय ( झारखंड के पूर्व मंत्री) और रविशंकर प्रसाद ( सांसद, पूर्व कानून मंत्री)। इसके बाद ही इस मामले में सीबीआई को जांच का आदेश दिया गया। उस समय केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार नहीं थी। यह तथ्य और प्रमाण की ताकत थी कि इस घोटाले के चार मामलों में लालू प्रसाद को सजा हुई,इस प्रक्रिया में समय जो भी लगा।


वर्ष २०१७ में सुशील मोदी ने पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार की बेनामी सम्पत्ति के प्रमाण/ दस्तावेज जुटाए। उस समय नीतीश कुमार राजद के सहयोग से सरकार चला रहे थे। उनके उपमुख्यमंत्री थे लालू-राबड़ी के बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव ।
सुशील मोदी ने बेनामी सम्पत्ति के दस्तावेज मीडिया के सामने रखने के लिए लगातार ८० से ज्यादा प्रेस कॉन्फ्रेंस किये। दबाव ऐसा बना कि मुख्यमंत्री को तेजस्वी यादव से सभी आरोपों का बिंदुवार जवाब मांगना पड़ा।
जब तेजस्वी यादव न आरोपों का ठोस जवाब दे पाए और न मंत्री पद से इस्तीफा ही दिया, तब अपनी छवि बचाने के लिए नीतीश कुमार को अपनी सरकार का इस्तीफा देना पड़ा था।
पटना में २७ जुलाई २०१७ को एक तेज घटनाक्रम के साथ सत्ता परिवर्तन हो गया। उसके नायक थे सुशील मोदी । रणनीतिकार अमित शाह के नेतृत्व वाली जो भाजपा २०१५ के चुनाव में सत्ता से बाहर हो गई थी, उसकी वापसी अकेले सुशील मोदी के दस्तावेजी सबूतों के मीडिया और जांच एजेंसियों के पास पहुँचने से सम्भव हो पायी।
सुशील मोदी ने बाद में बेनामी सम्पत्ति के सारे दस्तावेज एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित कराये। २०१९ में उनकी यह पुस्तक (लालू लीला) प्रभात प्रकाशन से छपी।
इससे पहले उनके लेखों का संग्रह २०१५ में छपा -“बीच समर में”। यह उनका बड़प्पन था कि अपने लेखों और जेल डायरी के सम्पादन का काम उन्होंने मुझे सौंपा । यह काम मेरे लिए उनके व्यक्तित्व को बहुत निकट से जानने का अवसर बना।

उनकी अध्ययनशीलता और हर मुद्दे पर संदर्भ सामग्री को सहेजने की प्रवृत्ति ऐसी थी कि वे किसी भी विषय पर तध्य और तर्क के साथ लिखते-बोलते रहे।
पटना सायंस कालेज से बॉटनी में टॉपर सुशील मोदी यदि राजनेता न होते, तो यशस्वी पत्रकार होते। उन्होंने संसद और विधान मंडल में विपक्ष की राजनीति को उस ऊँचाई पर बनाये रखने की कोशिश की, जहां डा.लोहिया, आडवाणी, मधु लिमये, हीरेन मुखर्जी, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, जार्ज फर्नान्डीस ,कर्पूरी ठाकुर और कपिल देव सिंह जैसे नेताओं ने उसे पहुँचा दिया था।
सुशील मोदी की जयंती पर कार्यक्रम तो अब होते रहेंगे, लोग भाषण देकर या सुनकर चले जाएंगे, लेकिन आज के युवा नेताओं के लिए ज्यादा जरूरी है उनकी दोनों पुस्तकें पढना।

आभार- कुमार दिनेश

Leave a Reply

error: Content is protected !!