बिहार पुलिस ने उद्योगपति गोपाल खेमका हत्याकांड को सुलझा लिया है

बिहार पुलिस ने उद्योगपति गोपाल खेमका हत्याकांड को सुलझा लिया है

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या जमीन खरीद-बिक्री, बांकीपुर क्लब के विवाद और व्यावसायिक संबंधों में खटास के कारण हुई थी। बिहार पुलिस ने खेमका हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने का दावा करते हुए अब तक तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया।

इसमें हत्या की सुपारी देने वाले व्यवसायी अशोक साव और गोली मारने वाले शूटर उमेश यादव को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है, जबकि हथियार उपलब्ध कराने के आरोपित विकास उर्फ राजा की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई है।

पुलिस मुख्यालय में मंगलवार को डीजीपी विनय कुमार, एसटीएफ के अपर पुलिस महानिदेशक कुंदन कृष्णन, पटना के आइजी जितेंद्र राणा और एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने संयुक्त प्रेस वार्ता कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। पुलिस ने घटना में शामिल हथियार, मोटरइसाइकिल, सुपारी की राशि समेत कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद किए हैं।

डीजीपी ने बताया कि हत्या की सुपारी देने वाले मास्टरमाइंड अशोक साव के उदयगिरी अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 601 की तलाशी में साढ़े छह लाख रुपये नगद, एक पिस्टल, 17 कारतूस, जमीन के ढेर सारे कागजात, मोबाइल और अन्य सामान बरामद किया गया है। वहीं शूटर उमेश के घर से नाइन एमएम पिस्टल, 7.62 एमएम के 56 राउंड कारतूस, दो मैगजीन और 14 गोली बरामद किया गया है।

हत्या किस खास जमीन के कारण हुई है, इसका पता अभी नहीं लग पाया है। डीजीपी का कहना है कि अशोक साव के पास से बरामद जमीन के दसतावेजों की स्क्रूटनी की जा रही है। इसके बाद ही कुछ स्पष्ट रूप से बताय जा सकेगा।

डेढ़ माह पहले रची साजिश, चार लाख में दी सुपारी:

पुलिस के अनुसार, अशोक साव और उमेश यादव से जान-पहचान डेढ़ साल पहले बिहारशरीफ में ही एक शादी समारोह में हुई थी। बिहारशरीफ का रहने वाले अशोक साव ने गोपाल खेमका की हत्या का षड्यंत्र करीब डेढ़ महीने पहले रचा था। इसके बाद उसने उमेश को हत्या के लिए शूटर और हथियार की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी दी।

अशोक ने दो नए मोबाइल फोन भी लिए जिसमें एक उमेश को दिया और इसी से बातचीत करने को कहा। उमेश मालसलामी का रहने वाला है, उसने पास के ही विकास उर्फ राजा से संपर्क किया। विकास हत्या, डकैती, आर्म्स एक्ट समेत कई कांड दर्ज है। विकास ने गोली मारने के लिए चार लाख की सुपारी मांगी।

चार लाख की बात सुन उमेश के मन में विचार आया कि क्यों न वहीं हत्या कर सुपारी के पूरे चार लाख रुपये रख लें। उसने खुद हत्या करने का निश्चय लिया। अशोक साव ने गोपाल खेमा की फोटो और गाड़ी की नंबर प्लेट के साथ उसे नाइन एमएम के हथियार, दो मैगजीन 18 गोली मुहैया कराई।

एडीजी ने सुनाई कॉल रिकॉर्डिंग, खेमका का भी आया जिक्र:

एडीजी कुंदन कृष्णन ने प्रेस वार्ता के दौरान अशोक साव के मोबाइल की कॉल रिकॉर्डिंग का एक अंश भी सुनाया। इसमें अशोक साव की जमीन की खरीद-बिक्री को लेकर ही किसी दूसरे व्यक्ति से गर्मा-गर्म बहस हो रही है। इस बातचीत में गोपाल खेमका का भी जिक्र आता है।

एक ओर से डेढ़ करोड़ की मांग की जाती है। बीच-बीच में गालियां भी सुनाई देती है। उन्होंने बताया कि ऐसी कई काल रिकार्डिंग मिली है, जिनकी जांच की जा रही है। गोपाल खेमका के मोबाइल और लैपटाप की भी जांच की जाएगी।

पुलिस थ्योरी में तीन अपराधियों की भूमिका:

  • अशोक साव, मास्टरमाइंड : जमीन विवाद और व्यापारिक संबंधों में खटास के कारण गोपाल खेमका की हत्या की साजिश रची। उमेश यादव को दी सुपारी। उदयगिरी अपार्टमेंट से हुआ गिरफ्तार।
  • उमेश यादव, शूटर : अशोक साव से चार लाख रुपये में हत्या की सुपारी ली। गोपाल खेमका को अपार्टमेंट के दरवाजे पर गोली मारी। मालसलामी के घर से हथियार, मोटरसाइकिल, कपड़े, मास्क आदि बरामद।
  • विकास उर्फ राजा, हथियार सप्लायर : मालसलामी के रहने वाले विकास को ही पहले मिलनी थी हत्या की सुपारी। हथियार उपलब्ध कराने में भूमिका। पुलिस ने मंगलवार की सुबह किया एनकाउंटर।

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