योगी सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार,28 या 29 मई को शपथ संभव.

योगी सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार,28 या 29 मई को शपथ संभव.

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

2022 में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार के दूसरे मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारियां शुरू हो गई हैं। सुबह प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मध्यप्रदेश के सभी कार्यक्रम निरस्त करके अचानक लखनऊ पहुंच गईं। शाम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे। वहीं, राजभवन में शपथ समारोह की तैयारियां हो रही हैं, इससे माना जा रहा है कि 28 या 29 मई को योगी सरकार के दूसरे मंत्रिमंडल विस्तार का शपथ ग्रहण समाराेह हो सकता है।

सूत्रों के मुताबिक, पूर्व IAS एके शर्मा का डिप्टी CM बनना तय है। वहीं, केशव प्रसाद मौर्या को उत्तर प्रदेश भाजपा की कमान सौंपते हुए OBC चेहरे के साथ भाजपा चुनाव में जा सकती है।

दूसरी बार मंत्रिमंडल का होगा विस्तार
19 मार्च 2017 को सरकार गठन के बाद 22 अगस्त 2019 को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मंत्रिमंडल विस्तार किया था। उस दौरान मंत्रिमंडल में 56 सदस्य थे। कोरोना के चलते तीन मंत्रियों का निधन हो चुका है। हाल ही में राज्यमंत्री विजय कुमार कश्यप की मौत हुई थी, जबकि पहली लहर में मंत्री चेतन चौहान और मंत्री कमल रानी वरुण का निधन हो गया था।

UP में कैबिनेट मंत्रियों की अधिकतम संख्या 60 तक हो सकती है। पहले मंत्रिमंडल विस्तार में 6 स्वतंत्र प्रभार मंत्रियों को कैबिनेट की शपथ दिलाई गई थी। इसमें तीन नए चेहरे भी थे।

यह है UP के मंत्रिमंडल की संख्या
उत्तर प्रदेश सरकार में अधिकतम 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं। मौजूदा मंत्रिमंडल में 23 कैबिनेट मंत्री, 9 स्वतंत्र प्रभार मंत्री और 22 राज्यमंत्री हैं, यानी कुल 54 मंत्री हैं। इस हिसाब से 6 मंत्री पद अभी भी खाली हैं। ऐसे में योगी सरकार अगर अपने कैबिनेट से किसी भी मंत्री को नहीं हटाती है तो भी 6 नए मंत्री बनाए जा सकते हैं। चुनावी साल है इसलिए योगी सरकार कैबिनेट में कुछ नए लोगों को शामिल कर प्रदेश के सियासी समीकरण को साधने का दांव चल सकती है।

कोरोना महामारी में सिस्टम की नाकामी से उपजे असंतोष और पंचायत चुनाव में मिली हार के बाद से भाजपा की चिंता अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बढ़ गई है। सूबे के विधानसभा चुनाव में महज आठ महीने का समय बाकी है।

प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव दे सकते हैं इस्तीफा, केशव प्रसाद मौर्या बन सकते हैं दोबारा अध्यक्ष

उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव में भाजपा की हार का करा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह पर फोड़ा जाना तय माना जा रहा है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक पश्चिम बंगाल चुनाव में प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल को चुनाव में लगाए जाने के बाद प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के नेतृत्व में पंचायत चुनाव लड़ा गया।

उत्तर प्रदेश सरकार ने पंचायत चुनाव में पूरी ताकत झोंकी, लेकिन मंत्री समेत सीएम भी खास असर नहीं डाल पाए। बीते दिनों दिल्ली में भाजपा और आरएसएस के बीच हुई बैठक में प्रदेश अध्यक्ष का न बुलाया जाना चर्चा का विषय बना हुआ है। इसलिए स्वतंत्र देव सिंह का हटना तय माना जा रहा है। समय से पहले हटाए जाने के कयास के बीच किसी ओबीसी चेहरे को नेतृत्व दिया जाएगा। इसमें केशव प्रसाद मौर्या का नाम सबसे आगे हैं। उन्हीं के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने 2017 के चुनाव में जीत हासिल कर 14 साल बाद सरकार बनाई थी।

मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय समीकरण को साधने की तैयारी, ब्राह्मण और दलित वोटों पर फोकस

योगी सरकार बनने के बाद उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण नेताओं को कोई अहमियत नहीं दी गई। सपा सरकार के दौरान प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रहे डॉक्टर लक्ष्मीकांत बाजपेई को भाजपा सरकार बनने के बाद से लगातार हाशिए पर रखा गया।

ब्राह्मण चेहरे के हाशिए पर रखे जाने और ब्राह्मण में खास पैठ न रखने वाला चेहरा उत्तर प्रदेश सरकार में ना होने की वजह से ब्राह्मणों में नाराजगी है। ऐसे में आगामी चुनाव को देखते हुए मंत्रिमंडल में जातीय समीकरण को तरजीह मिल सकती है। वहीं, पार्टी सूत्रों के मुताबिक विधानसभा चुनाव के 8 महीने पहले योगी सरकार में 3 डिप्टी सीएम बनाए जा सकते हैं। इनमें से एक दलित चेहरा भी हो सकता है।

ये भी पढ़े…

Leave a Reply

error: Content is protected !!