क्या तीन देशों से आए अल्पसंख्यक बिना पासपोर्ट के देश में रह सकते है?

क्या तीन देशों से आए अल्पसंख्यक बिना पासपोर्ट के देश में रह सकते है?

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

WhatsApp Image 2025-08-14 at 5.25.09 PM
WhatsApp Image 2025-08-14 at 5.25.09 PM
previous arrow
next arrow
WhatsApp Image 2025-08-14 at 5.25.09 PM
WhatsApp Image 2025-08-14 at 5.25.09 PM
previous arrow
next arrow

पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए अल्पसंख्यकों के पासपोर्ट नियमों में बदलाव किया गया है। गृह मंत्रालय ने आदेश जारी करते हुए कहा कि 31 दिसंबर 2024 से पहले इन तीन देशों से भारत आने वाले अल्पसंख्यकों को पासपोर्ट दिखाने की जरूरत नहीं है। वो बिना पासपोर्ट के भी देश में रह सकते हैं।

यह आदेश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए 6 अल्पसंख्यकों – हिंदू, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और पारसी समुदाय के लोगों पर लागू होगा। अगर यह लोग 21 दिसंबर 2024 से पहले भारत में आए हैं, तो ये बिना पासपोर्ट के यहां रह सके हैं।

नेपाल-भूटान के नागरिकों पर भी लागू होगा नियम

गृह मंत्रालय ने सोमवार को Immigration and Foreigners (Exemption) Order 2025 जारी किया है। इस आदेश के अनुसार, 1959 से 30 मई 2003 तक नेपाल, भूटान और तिब्बत से भारत आए लोगों को विदेशी रजिस्ट्रेशन ऑफिसर के पास अपना नाम रजिस्टर करवाना होगा, जिसके बाद वो भी बिना पासपोर्ट के भारत में रह सकते हैं। हालांकि, चीन, मकाउ, हांगकांग और पाकिस्तान से भारत आने वाले नेपाली और भूटानी नागरिकों पर यह नियम लागू नहीं होंगे।

सरकार ने किया था सजा का प्रावधान

दरअसल इसी साल अप्रैल में सरकार ने पासपोर्ट के नियमों में बदलाव करते हुए बिल पास किया था कि बिना पासपोर्ट के भारत आने वाले लोगों को 5 साल तक की जेल, 5 लाख तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है। मगर, अब कुछ लोगों को इसमें रियायत दे दी गई है।

गृह मंत्रालय ने आदेश दिया है कि पासपोर्ट नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बिना पासपोर्ट के भारत आने वाले विदेशियों को 5 लाख रुपये का जुर्माना देना होगा।

केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए अल्पसंख्यकों को पासपोर्ट नियमों में राहत दी है। गृह मंत्रालय ने सोमवार को आदेश जारी कर कहा कि 31 दिसंबर 2024 से पहले भारत आने वाले हिंदू, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और पारसी समुदाय के लोग बिना पासपोर्ट भी भारत में रह सकेंगे।

गृह मंत्रालय ने रखी ये शर्त

गृह मंत्रालय के नए आदेश के अनुसार, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बाग्लादेश से आए अल्पसंख्यकों जिनमें हिंदू, ईसाई, सिक्ख, जैन, बौद्ध पारसी और जैन समुदाय लोग भारत में बिना पासपोर्ट के रह सकते हैं। लेकिन इस आदेश के साथ एक शर्त भी लगाई गई है। शर्त के अनुसार, 6 समुदाय के लोग अगर भारत में 21 दिसंबर 2024 से पहले से रह रहे हैं तो वो बिना पासपोर्ट के भी यहां रह सकते हैं।

गृह मंत्रालय के इस आदेश का लाभ उन लोगों को मिलेगा, जो तीनों देशों से धार्मिक उत्पीड़न या अन्य कारणों से भारत आकर बस गए थे। अब उन्हें पासपोर्ट न होने पर भी भारत से बाहर नहीं किया जाएगा।

नेपाल, भूटान और तिब्बत के नागरिकों को भी छूट

इसके अलावा, नेपाल, भूटान और तिब्बत से 1959 से 30 मई 2003 तक भारत आए नागरिकों को भी छूट दी गई है। इन लोगों को विदेशी रजिस्ट्रेशन ऑफिसर के पास अपना नाम दर्ज करवाना होगा। पंजीकरण के बाद वे भी बिना पासपोर्ट भारत में रह सकते हैं। हालांकि चीन, मकाउ, हांगकांग और पाकिस्तान से होकर आने वाले नेपाली और भूटानी नागरिकों पर यह नियम लागू नहीं होगा।

इससे पहले, सरकार ने अप्रैल 2025 में पासपोर्ट नियमों में संशोधन करते हुए यह प्रावधान किया था कि बिना पासपोर्ट भारत आने वाले विदेशियों को पांच साल तक की जेल या पांच लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। लेकिन अब गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि निर्दिष्ट समुदायों को इसमें राहत दी जाएगी।

पासपोर्ट नियमों का पालन करना जरूरी

फिर भी मंत्रालय ने साफ किया है कि पासपोर्ट नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। बिना पासपोर्ट भारत आने वाले विदेशी नागरिकों को पांच लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।

केंद्र सरकार के इस कदम से पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए अल्पसंख्यक समुदायों को बड़ी राहत मिली है। यह फैसला उन लोगों के लिए जीवन में स्थिरता और सुरक्षा लाएगा जो वर्षों से भारत में रह रहे हैं लेकिन पासपोर्ट न होने की वजह से कानूनी मुश्किलों का सामना कर रहे थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!