केन्द्र सरकार ने पद्म पुरस्कार 2025 की घोषणा

केन्द्र सरकार ने पद्म पुरस्कार 2025 की घोषणा

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

तीस गुमनाम नायकों के नाम है सम्मिलित

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को पद्म पुरस्कार 2025 की घोषणा की। मध्य प्रदेश की सामाजिक उद्यमी सैली होल्कर, मराठी लेखक मारुति भुजंगराव चितमपल्ली, कुवैत की योग शिक्षिका शेखा एजे अल सबा, उत्तराखंड के ट्रैवल ब्लॉगर दंपत्ति ह्यूग और कोलीन गैंटजर को पद्मश्री से सम्मानित किया गया।देश की पहली महिला कठपुतली कलाकार समेत 30 गुमनाम नायकों को केंद्र ने पद्मश्री से सम्मानित किया है। भीम सिंह भावेश, पी दत्ताचनमूर्ति, एल हंगथिंग और डॉक्टर नीरजा भटला को भी पद्म श्री से नवाजा गया है। गोवा के 100 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी लीबिया लोबो सरदेसाई और पश्चिम बंगाल के ढाक वादक गोकुल चंद्र दास का नाम भी सूची में शामिल है।

गुमनाम हीरो के बारे में जानें

  • दिल्ली की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरजा भटला को पद्म श्री मिला है। नीरजा का गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का पता लगाने, उसकी रोकथाम और प्रबंधन पर विशेष योगदान है।
  • भोजपुर के सामाजिक कार्यकर्ता भीम सिंह भावेश को पद्म श्री मिला है। वे पिछले 22 वर्षों से अपनी संस्था ‘नई आशा’ के माध्यम से समाज के सबसे हाशिए पर पड़े समूहों में से एक मुसहर समुदाय के उत्थान में जुटे हैं।
  • थाविल वादक पी दत्ताचनमूर्ति को पद्म श्री मिला है। वे दक्षिण भारतीय संगीत और संस्कृति से जुड़े शास्त्रीय ताल वाद्य यंत्र थाविल के वादक हैं। दत्ताचनमूर्ति के पास पांच दशक का विशाल अनुभव है।
  • नगालैंड के किसान एल. हैंगथिंग को पद्म श्री से सम्मानित किया गया है। हैंगथिंग नोकलाक के रहने वाले हैं। हैंगथिंग को गैर-देसी फलों की खेती में 30 से अधिक वर्षों का अनुभव है।
  • गोवा के स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाली लीबिया लोबो सरदेसाई को भी पद्म श्री मिला है। उन्होंने 1955 में पुर्तगाली शासन के खिलाफ लोगों को एकजुट करने के लिए एक भूमिगत रेडियो स्टेशन ‘वोज दा लिबरडेबे (स्वतंत्रता की आवाज)’ की सह-स्थापना की थी।
  • पुरस्कार पाने वाले पश्चिम बंगाल के 57 वर्षीय ढाक वादक गोकुल चंद्र डे ने पुरुष प्रधान समाज में 150 महिलाओं को प्रशिक्षित करके लैंगिक रूढ़िवादिता को तोड़ा। डे ने पारंपरिक वाद्य यंत्र से 1.5 किलोग्राम हल्का ढाक भी बनाया। वे विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। खास बात यह है कि डे पंडित रविशंकर और उस्ताद जाकिर हुसैन के साथ अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं।
  • महिला सशक्तिकरण की मुखर समर्थक 82 वर्षीय सैली होलकर ने लुफ्त होने वाली माहेश्वरी शिल्प को जिंदा किया। इतना ही नहीं, उन्होंने मध्य प्रदेश के महेश्वर में हथकरघा विद्यालय की स्थापना भी की। सैली का जन्म अमेरिका में हुआ है। मगर उन्होंने रानी अहिल्याबाई होलकर की विरासत से प्रेरित होकर 300 साल पुरानी बुनाई विरासत को पुनर्जीवित करने के लिए अपने जीवन के पांच दशक खपा दिए।

क्या हैं पद्म पुरस्कार

पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण के तौर पर दिए जाते हैं। कला, साहित्य, सामाजिक कार्य, विज्ञान, इंजीनियरिंग, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा के क्षेत्र में अहम योगदान देने वाली हस्तियों को इन पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है। पद्म श्री पुरस्कार भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्म भूषण के बाद भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है।

Leave a Reply

error: Content is protected !!