कफ सिरप की क्वॉलिटी और गलत उपयोग पर केंद्र सख्त
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
सिरप में 48.6 प्रतिशत डाइएथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया है. बताया जाता है कि एंटी-फ्रीज और ब्रेक फ्लूइड्स में इस्तेमाल होने वाला डीईजी, निगलने पर किडनी फेल होने से मौत होने का खतरा बना रहता है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, ये जांच हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में चल रही हैं, जहां से कुल 19 दवाओं (जिनमें खांसी की दवाएं, एंटीबायोटिक्स और बुखार की दवाएं शामिल हैं) के सैंपल लिए गए. शुक्रवार से शुरू हुई इस जांच का उद्देश्य दवा निर्माण प्रक्रिया में संभावित खामियों की पहचान करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय सुझाना है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि NIV (National Institute of Virology), आईसीएमआर, नीरी (NEERI), AIIMS नागपुर और CDSCO के विशेषज्ञों की एक टीम बच्चों की मौत के कारणों की वैज्ञानिक जांच कर रही है. मंत्रालय ने बताया कि CDSCO द्वारा जांचे गए छह नमूने और मध्य प्रदेश फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (MPFDA) द्वारा जांचे गए तीन नमूनों में डायइथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) और इथिलीन ग्लाइकॉल (EG) जैसे घातक रासायनिक तत्व नहीं पाए गए.हालांकि, ये नमूने उन दो संदिग्ध खांसी की दवाओं में से नहीं थे जिनमें से एक ‘Coldrif Cough Syrup’ जांच के दायरे में है.
Coldrif में घातक तत्व
तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित Sresan Pharma की निर्माण इकाई से लिए गए Coldrif कफ सिरप के सैंपलों की जांच में DEG की मात्रा अनुमेय सीमा से अधिक पाई गई. इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने इस खांसी की दवा की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया और बाजार से स्टॉक हटाने का आदेश जारी किया. इसके साथ ही कंपनी के Sunguvarchathram (कांचीपुरम) स्थित संयंत्र पर निरीक्षण कर उत्पादन भी रोका गया. मध्य प्रदेश सरकार ने भी शनिवार को Coldrif की बिक्री पर राज्यव्यापी प्रतिबंध लगा दिया.
ताबड़तोड़ एक्शन
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में 9 बच्चों की मौत संदिग्ध गुर्दे की विफलता से हुई है, जबकि 13 बच्चे अब भी इलाजरत हैं. मुख्यमंत्री मोहान यादव ने कहा, ‘यह अत्यंत दुखद घटना है. Coldrif सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है. कंपनी के अन्य उत्पादों पर भी कार्रवाई होगी. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.’ राजस्थान में भी दो बच्चों की मौत के बाद राज्य सरकार ने जयपुर की Kaysons Pharma पर कार्रवाई की है. राज्य सरकार ने कंपनी द्वारा निर्मित सभी 19 दवाओं की आपूर्ति निलंबित कर दी है और राज्य औषधि नियंत्रक राजाराम शर्मा को निलंबित कर दिया है.
कफ सिरप की क्वॉलिटी और गलत इस्तेमाल पर केंद्र सख्त. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ कफ सिरप की गुणवत्ता और सही इस्तेमाल को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की. बैठक में सचिव ने साफ कहा कि सभी दवा कंपनियां संशोधित Schedule M के नियमों का सख्ती से पालन करें, वरना उनके लाइसेंस रद्द किए जाएं.
राज्यों से कहा गया कि बच्चों में कफ सिरप का इस्तेमाल सोच-समझकर करें, क्योंकि ज़्यादातर खांसी अपने आप ठीक हो जाती है और दवा की ज़रूरत नहीं होती. सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निगरानी बढ़ाने,अस्पतालों से समय पर रिपोर्ट भेजने, IDSP-IHIP प्लेटफॉर्म पर शिकायतें दर्ज कराने और पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय मजबूत करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके.
स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रधान सचिवों, स्वास्थ्य सचिवों और औषधि नियंत्रकों के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय की बैठक शुरू हो गई है. यह एक वर्चुअल बैठक है. छिंदवाड़ा में संदिग्ध रूप से गुर्दों के काम करना बंद कर देने के कारण 14 बच्चों की मौत होने के बाद पुलिस ने लापरवाही के आरोप में एक चिकित्सक को गिरफ्तार किया है और ‘जहरीले’ ‘कफ सिरप’ की निर्माता कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया है.