चौधरी कन्हैया प्रसाद आरोही : स्मृति शेष

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जन्मतिथि – 23-01-1938,पुण्यतिथि – 17-04-2015

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

आखर परिवार, भोजपुरी भाषा-साहित्य के सुप्रसिद्ध हस्ताक्षर, महान साहित्यकार, भोजपुरी के साहित्य के लगभग हर विधा में निखारे वाला, भोजपुरी के इनसाइक्लोपिडिया, चौधरी कन्हैया प्रसाद आरोही जी के पुण्यतिथि प बेर बेर नमन क रहल बा, श्रद्धांजलि दे रहल बा।

गांव नोनार, थाना पीरो जिला भोजपुर बिहार में 23 जनवरी 1938 के कन्हैया प्रसाद जी के जनम भइल रहे । कृषि के क्षेत्र में शैक्षणिक योग्यता आ कृषि विभाग में अधिकारी रहनी । जिला कृषि पदाधिकारी के पद से रिटायर भइनी । नोनार , भोजपुर के रहे वाला चौधरी कन्हैया प्रसाद जी के उपनाम आरोही आ बशर रहल ह ,सरकारी विभाग मे नौकरी करत रहनी आ आपन पुरा समय भोजपुरी खाति समर्पित कई देले रहनी !

एगो भाषा खाति , एगो भारतीय भाषा खाति साहित्य के जवन जवन विधा हो सकेला लगभग हर विधा मे चौधरी कन्हैया प्रसाद जी लिखले बानी । कविता , गजल ,कहानी , दोहा , नाटक , चईता , बिरहा , एकांकी नाटक , नाटक , प्रबंध , सोरठा , चौपाई , छंद , ग्रंथ , लघुकथा , हाईकू , सवइया , उपन्यास , बरवे आदि । माने साहित्य के अईसन कवनो विधा उँहा के कलम से बांचल ना रहल ह ।

कनक किशोर जी के माध्यम से चौधरी कन्हैया प्रसाद सिंह ‘आरोही ‘ के भोजपुरी जी के रचना संसार के जानकारी मिलल ह जवन कुछ हइसन बा –

१ माटी के महक – कविता संग्रह – १९६७
२ गीत जिनगी के – कविता संग्रह – १९७८
३ भोजपुरी साहित्यकार दर्पण -१ – संदर्भ ग्रंथ- १९८२
४ नया एगो सूरज- ग़ज़ल संग्रह – १९८७
५ भोजपुरी साहित्यकार दर्पण-२ – संदर्भ ग्रंथ-१९८७
६ बड़प्पन – कहानी संग्रह – १९९०
७ सही मंजिल – कहानी संग्रह – १९९२
८ बेगुनाह – कहानी संग्रह – १९९९
९ आदमियत – एकांकी संग्रह – १९९९
१० भोजपुरी साहित्यकार दर्पण -३ – संदर्भ ग्रंथ – १९९९
११ साक्षात लक्ष्मी – नाटक – २०००
१२ आरोही हजारा – दोहा कोश – २००२
१३ बरवै ब्रम्ह रामायण – प्रबंध काव्य – २००४
१४ कुँवर गाथा – प्रबंध काव्य – २००४
१५ सहस्त्रदल – सोरठा कोश – २००४
१६ अजस्रधारा – बरवै कोश – २००५
१७ जयघोष – कुँवर काव्य – २००८
१८ विश्वासघात – नाटक संग्रह – २००९
१९ अपराजित – एकांकी संग्रह – २००९
२० शिव – लघुकथा संग्रह- २००९
२१ ब्रम्हा – कविता संग्रह – २०१०
२२ नीम – हाइकु संग्रह – २०१०
२३ अनुमन्ता – एकांकी संग्रह – २०१४
२४ धर्मी – एकांकी संग्रह – २०१४
२५ भोजपुरी इनसाइक्लोपीडिया ः – संदर्भ ग्रंथ – २०१६
२६ आरोही रचनावली भाग १ – कहानी संग्रह – १९१८
२७ गोपी गीत – प्रेम काव्य – १९१९
२८ आरोही रचनावली भाग २ – एकांकी संग्रह – १९१९
२९ आरोही रचनावली भाग ३ – काव्य संग्रह- १९१९
३० भोजपुरी इनसाइक्लोपीडिया भाग २ – संदर्भ ग्रंथ – २०२०
३१ माटी करे पुकार – कविता संग्रह – २०२०
३२ अन्तहीन – सोरठा कोश – प्रेस में

आरोही जी ‘ आरोही पचासा’ में लिखले बानी –

आरोही जे झेल ले, हर आंधी तूफान।
समय साथ बांचल रहे, रचना बने महान ॥

सांचो , आरोही जी के भोजपुरी भाषा आ साहित्य में अजगुत योगदान रहल बा । साहित्य में सिरजना से ले के भोजपुरी के इंसाइक्लोपिडिया तकले कन्हैया प्रसाद जी भोजपुरी साहित्य के थाती में अनमोल मितियन के सजा के गइल बानी । लगभग 70 साल भोजपुरी भाषा आ साहित्य के देले बानी ।

भोजपुरी साहित्यांगन प कन्हैया प्रसाद जी के 13 गो से बेसी किताब बाड़ी स जवनन के पढल जा सकेला आ ओहि 13 में से एगो किताब ‘ गोपी गीत ‘ से हई गीत –

ऊधो ! कलपत जमुना तीर ।
उपवन में भटकत गइया , ग्वाल बाल सब खोजे
पसु पंछी आ जीव जंतु , मोहन पथ ताके रोजे
आके याद मधुर मुरली स्वर , देत करेजा चीर ।।
कुरिल कुंज वृंदावन नयना , निसिदिन रहे लोराइल
नंद- यशोदा गाँवो-घर के, खुशहाली मृझाइल
कुम्हलाइल गाछी कदंब के , सिसकत बहत समीर ।।
केकर फ़ेंकल जादू टोना , के आ गइल पराइल
देख देख उबकाई आवे , आगा भोजन आइल
मन बेचैन छिनाइन सब सुख , लीखल के तकदीर ?
जमुना-तट जा बिना चिता के, बिना आग जर जाईं
लागत पास खड़ा मनमोहन , छुवत छू ना पाईं
” आरोही ” माथा पर पर्वत , तरवा तर शमशीर ।।

आखर परिवार अपना प्रिय साहित्यकार के पुण्यतिथि प बेर बेर नमन क रहल बा श्रद्धांजलि दे रहल बा ।

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