केस मैनेज करने के नाम पर SP बनकर ठगी: FIR कॉपी से निकालते हैं नंबर, केस से नाम हटाने के लिए मांगते हैं पैसा

केस मैनेज करने के नाम पर SP बनकर ठगी: FIR कॉपी से निकालते हैं नंबर, केस से नाम हटाने के लिए मांगते हैं पैसा

श्रीनारद मीडिया, गोपालगंज (बिहार):

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गोपालगंज में साइबर अपराधियों ने ठगी का नया तरीका अपनाया है। ये अपराधी खुद को पुलिस अधीक्षक (एसपी) या एसपी कार्यालय का अधिकारी बताकर लोगों से केस मैनेज करने या नाम हटाने के नाम पर पैसे मांग रहे हैं। साइबर अपराधी एससीआरबी पोर्टल से एफआईआर की कॉपी निकालकर उसमें दर्ज पीड़ितों के फोन नंबर प्राप्त करते हैं। इसके बाद, वे खुद को गोपालगंज पुलिस या एसपी कार्यालय का कर्मचारी बताकर फोन करते हैं। वे पीड़ित को केस से नाम हटाने या केस को मैनेज करने का झांसा देते हैं और बदले में पैसे की मांग करते हैं।

 

जनता को सतर्क रहने की अपील एसपी अवधेश दीक्षित ने जनता को इस प्रकार की ठगी से बचने के लिए आगाह किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस या एसपी कार्यालय द्वारा किसी भी व्यक्ति से पैसे की मांग नहीं की जाती। उन्होंने कहा, “अगर कोई व्यक्ति एसपी या पुलिस के नाम पर पैसों की मांग करता है, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। पहले ही दर्ज हो चुकी हैं एफआईआर इस मामले में पहले से तीन एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। पुलिस ने इन अपराधियों को पकड़ने के लिए जांच तेज कर दी है। एसपी ने जनता से अपील की है कि वे संदिग्ध फोन कॉल्स की सूचना पुलिस को दें। कैसे बचें ऐसे साइबर ठगी से? किसी भी संदिग्ध कॉल के मामले में पुलिस के आधिकारिक हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें। साइबर अपराधी अक्सर डराने की कोशिश करते हैं।

 

किसी भी धमकी को गंभीरता से लेने से पहले उसकी सत्यता जांचें।अगर आपको ऐसा फोन आता है, तो तुरंत स्थानीय पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम शाखा को सूचित करें। पुलिस कभी भी कॉल या अन्य माध्यम से पैसे की मांग नहीं करती। एसपी की चेतावनी एसपी ने कहा कि साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

 

उन्होंने जनता से सतर्क रहने और जागरूकता फैलाने की अपील की। इसके साथ ही, पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि किसी भी ठगी की सूचना पर तत्काल कदम उठाए जाएंगे। धोखे से बचने के लिए इन बातों का ध्यान रखें अनजान कॉल्स का जवाब देने से पहले सोचें। किसी भी प्रकार के पैसे ट्रांसफर करने से पहले संबंधित व्यक्ति या संस्था की सत्यता जांचें। अपने व्यक्तिगत और बैंकिंग विवरण को गोपनीय रखें। सतर्कता और जागरूकता ही साइबर अपराध से बचाव का सबसे बड़ा उपाय है।

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