भारत के निर्माण में छत्तीसगढ़ की अहम भूमिका- पीएम मोदी

भारत के निर्माण में छत्तीसगढ़ की अहम भूमिका- पीएम मोदी

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए परिसर के लोकार्पण के अवसर पर राज्य के समृद्ध इतिहास, वर्तमान प्रगति और भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस अवसर को “ऐतिहासिक” बताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की 25 वर्षों की यात्रा में परिवर्तन का साक्षी रहना उनके लिए गर्व की बात है।

प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ के साथ अपने आत्मीय रिश्ते को याद करते हुए कहा कि एक कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने यहां काफी समय बिताया और बहुत कुछ सीखा। उन्होंने इस अवसर पर संविधान सभा के सदस्य रहे छत्तीसगढ़ के महान मनीषियों रवि शंकर शुक्ल, बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल, घनश्याम सिंह गुप्त, किशोरी मोहन त्रिपाठी, राम प्रसाद पुताई और रघुराज को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि इन विभूतियों ने पिछड़े क्षेत्रों से दिल्ली पहुंचकर बाबा साहब के नेतृत्व में संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

विरासत और विकास का समन्वय

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रव्यापी भावना को दोहराते हुए कहा कि आज पूरा देश विरासत और विकास को साथ लेकर चल रहा है। उन्होंने देश की संसद में पवित्र सेंगोल के महत्व का उल्लेख किया और कहा कि नई संसद की गैलरियाँ भारत के लोकतंत्र की प्राचीनता को दर्शाती हैं। उन्होंने खुशी जताई कि यही सोच और भावना छत्तीसगढ़ के नए विधानसभा भवन में भी झलकती है, जो राज्य की समृद्ध संस्कृति का प्रतिबिंब है।

माओवाद के अंत और परिवर्तन की कहानी

प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ के पिछले 25 वर्षों के परिवर्तन को ‘अद्भुत और प्रेरणादायी’ बताया। उन्होंने कहा- “कभी यह राज्य माओवाद और पिछड़ेपन से पहचाना जाता था, आज वहीं राज्य समृद्धि, सुरक्षा और साहित्य का प्रतीक बन रहा है। भारत आज नक्सलवाद और माओवादी आतंक को भी समाप्त करने की तरफ बढ़ रहा है।

आज बस्तर ओलंपिक की चर्चा देश के कोने-कोने में है।” उन्होंने इस परिवर्तन का श्रेय “छत्तीसगढ़ की जनता का परिश्रम और भाजपा सरकारों का दूरदर्शी नेतृत्व” को दिया। उन्होंने मुरिया दरबार (बस्तर की आदिम संसद) का ज़िक्र करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में समाज और शासन मिलकर समस्याओं का समाधान करते रहे हैं।

विकसित भारत 2047 का लक्ष्य

प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के रजत जयंती समारोह के उत्सव को एक आरंभ बिंदु बताया। उन्होंने जोर दिया कि वर्ष 2047 तक, विकसित भारत निर्माण के लक्ष्य को हासिल करने में छत्तीसगढ़ की भूमिका बहुत बड़ी होने वाली है। उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे एक ऐसी विधानसभा का उदाहरण बनाएं, जो विकसित भारत के हर राज्य को प्रेरित करे, जिसका लक्ष्य सदैव ‘छत्तीसगढ़ विकसित, भारत का निर्माण’ हो।

जन कल्याण ही श्रेष्ठता का मापदंड

प्रधानमंत्री ने कहा कि नई विधानसभा की श्रेष्ठता उसके भवन की भव्यता से नहीं, बल्कि यहां लिए जाने वाले जन कल्याण के निर्णयों से निर्धारित होगी। उन्होंने विधायकों से अपील की कि उनके हर निर्णय का लक्ष्य किसान, युवा, नारी शक्ति और अंत्योदय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधानसभा केवल कानून बनाने का स्थान नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के भाग्य निर्माण का प्रखर केंद्र है।

उन्होंने सभी से ‘कर्तव्य को सर्वोपरि’ रखने और ‘जनता-जनार्दन की सेवा’ को जीवन का अध्याय बनाने का संकल्प लेने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री और विशेष रूप से रमन सिंह जी को इस कल्पना को साकार करने के लिए धन्यवाद दिया और लोकतंत्र के इस नए मंदिर के लोकार्पण पर सभी को शुभकामनाएं दीं।

अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिभा का भी अनावरण

नवा रायपुर के सेक्टर-19 स्थित नए विधानसभा भवन लोकार्पण के अवसर पर प्रधानमंत्री ने अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिभा का अनावरण किया। वहीं, एक पेड़ मां के नाम लगाया। कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, नेता प्रतिपक्ष डा चरणदास महंत, विधानसभा अध्यक्ष डा रमन सिंह भी मौजूद है। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डा रमन सिंह ने कहा कि विधान सभा भवन के निर्माण में प्रदेश की चीजों का 80 प्रतिशत योगदान है।

विधानसभा की एक-एक ईंट में छत्तीसगढ़ की पहचान है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश को 11 से चौथे स्थान पर लाया। ये किसी को छेड़ते नहीं और जो छेड़ता है उसे छोड़ते नहीं है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने संबोधन की शुरुआत जय जोहार से की। उन्होंने कहा कि विधानसभा के नए भवन का लोकार्पण मोदी के कर कमलों से हो रहा है। ये गौरव की बात है। ये नया भवन लोकतांत्रिक व्यवस्था में सुधार लाने में मदद करेगा।

नए विधानसभा का ‘इको-फ्रेंडली’ भवन

करीब 273 करोड़ रुपये की लागत से 20.78 हेक्टेयर में फैला नए विधानसभा भवन लगभग तीन वर्षों में तैयार हुआ है। इसकी नींव अगस्त 2020 में रखी गई थी, जबकि निर्माण कार्य अगस्त 2022 में शुरू हुआ। पारंपरिक महलों की शैली में बने इस भवन में 13 आकर्षक गुंबद हैं, जिनके भीतर कटोरे के आकार में धान की बालियां उकेरी गई हैं-राज्य की समृद्ध कृषि परंपरा का प्रतीक। भवन के 13 दरवाजों पर भी बारीक कलाकृतियों में धान की बालियां चित्रित हैं।

इसकी बनावट राष्ट्रपति भवन से मिलती-जुलती है। वर्तमान में 90 विधायकों के लिए बने इस भवन में भविष्य को ध्यान में रखते हुए 120 सदस्यों की बैठक व्यवस्था की गई है। भवन तीन ब्लाकों ए, बी और सी में विभाजित है। आधुनिक सुविधाओं से युक्त इस भवन में विधानसभा सचिवालय, सेंट्रल हाल, सभागृह, तीन मीटिंग हाल, दर्शक दीर्घा, मीडिया लाउंज, आर्ट गैलरी और कैंटीन जैसी व्यवस्थाएं हैं। इसकी दीवारों और कारिडोर को बस्तर व सरगुजा की पारंपरिक कला से सजाया गया है। खास बात यह है कि इसमें मौजूदा विधायकों के साथ-साथ पूर्व विधायकों के लिए भी बैठने की व्यवस्था की गई है, जो पुराने विधानसभा में नहीं थी।

तीन ब्लाकों में ये व्यवस्थाएं

ब्लाक ए – सचिव, उप सचिव, अधिकारियों व कर्मचारियों के कार्यालय, समिति शाखा कक्ष व विधानसभा से जुड़ी अन्य शाखाएं
ब्लाक बी – सदन, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष के कक्ष और कार्यालय, सेंट्रल हाल, मेंबर्स लाउंज, डाइनिंग एरिया, मुख्य और प्रमुख सचिव कार्यालय, ध्यानाकर्षण व रिपोर्टर ब्रांच ब्लाक सी – मंत्रियों और विधायकों के कक्ष, लोअर ग्राउंड फ्लोर पर एलोपैथी, होम्योपैथी और आयुर्वेदिक अस्पताल, रेलवे रिजर्वेशन, पोस्ट आफिस और बैंक

नए विधानसभा भवन व परिसर में सुविधाएं और खासियत

– विधानसभा की बिल्डिंग के पास 500 लोगों की क्षमता का आडिटोरियम
– हाईटेक लाइब्रेरी का निर्माण, संसद की तर्ज पर सेंट्रल हाल, कैबिनेट मीटिंग हाल
– विधानसभा बिल्डिंग में म्यूजियम, साथ ही आर्ट गैलेरी
– पूरी बिल्डिंग पेपरलेस वर्क सिस्टम से लैस
– परिसर में जल और ऊर्जा संरक्षण की समग्र व्यवस्था

 

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