मोहनजोदड़ों जैसा महत्वपूर्ण चिरांद, सत्रहवें महोत्सव हुआ दिव्य
महाआरती से देर रात तक जगमगाता रहा, मेला जैसा दृश्य
श्रीनारद मीडिया, मनोज तिवारी, छपरा (बिहार):
ज्येष्ठ पूर्णिमा की धवल चांदनी रात में गंगा सरयुग और सोन नद के संगम पर स्थित चिरांद में भारत की सांस्कृतिक अध्यात्म और ज्ञान परंपरा का अद्भुत समन्वय साकार हुआ। चिरांद विकास परिषद् के 17 वें महोत्सव में गंगा गरिमा रक्षा संकल्प के साथ ही विरासत संरक्षण व प्राकृतिक के सनिध्य में सतत विकास का लोक विमर्श प्रवण चढ़ा। गंगा महा आरती और चिरांद चेतना महोत्सव का उद्घाटन अयोध्या के विश्व प्रसिद्ध लक्षमण किलाधीश महंथ श्री मैथली रमन शरण ने किया। समोराह की अध्यक्षता सारण के जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री पुनीत कुमार गर्ग ने की।
गंगा एवं गुरु पूजन के बाद मनंथ श्री मैथली रमण शरण जी ने वेद उच्चारण और शंख ध्वनि के साथ दीप प्रज्ज्वलित कर चिरांद चेतना महोत्सव एवं गंगा गरिमा संकल्प समारोह का शुभारंभ कराया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ऋषियों के तप से सिद्ध यह ज्ञान क्षेत्र भगवन श्रीराम के आविर्भाव और अभ्युदय यात्रा से जुड़ा हुआ है।
अपने गुरु महर्षि विश्वामित्र के साथ राम और लक्ष्मण अयोध्या से चलकर अपनी पहली दिग्विजय यात्रा के क्रम में पहली बार चिरांद स्थित संगम पर पहुंचे और रात्रि विश्राम किया था, इस पुण्य भूमि पर उन्हें समर का प्रताप मिला था। वहीँ, उन्होंने बताया कि यहाँ प्राप्त हुए पुरातात्विक साक्ष्य यह बताते हैं कि यह स्थान कभी आवादी शून्य नहीं रहा। इस प्रकार यहाँ दैहिक दैविक भौतिक तापों से मुक्ति का ज्ञान समृद्ध अवस्था में विद्यमान था।
वहीँ, अपने अध्यक्षीय भाषण में जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुनीत गर्ग ने कहा कि यहाँ स्थान हड़प्पा, मोहनजोदड़ों नालंदा और विक्रमशिला जैसा महत्वपूर्ण है। इस स्थान का संरक्षण और विकास हो तो पूरे विश्व के लोग यहां आएंगे और प्राचीन भारत के सतत विकास के मॉडल के बारे में जान और समझ सकेंगे। चिरांद विकास परिषद् ने जल-प्रकृति संरक्षण, शिक्षा स्वस्थ्य साहित्य संस्कृति जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण करने वाले प्रसिद्धि परांगमुख कर्मयोगियों को सम्मानित करने की परंपरा शुरू की है।
इस अवसर पर रामकृष्ण आश्रम के स्वामी दिव्यात्मानन्द जी महाराज, चिरांद विकास परिसद के संरक्षक श्री श्री 1008 कृष्णगिरि नागा बाबा ( जयकारा बाबा ) लक्ष्मण किला के अधिकारी सूर्य प्रकाश शरण कला संस्कृति के अधिकारी विभा भर्ती चिरांद विकास परिषद् के अध्यक्ष कृषकान्त ओझा, रामदयाल शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किये। परिषद के श्री श्रीराम तिवारी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
इस वर्ष सामाजिक कार्य के लिए श्री देवेश नाथ दीक्षित, स्वस्थ्य सेवा में कार्य करने के लिए डॉ रविशंकर, पत्रकारिता और साहित्य रचना के माध्यम से योगदान देने वाले राकेश प्रवीर, कत्थक नृत्यांगना कुमारी अनीशा कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले नचिकेता एवं पुलिस अधिकार मनीष कुमार को चिरांद रत्न से सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम के बाद बाल कलाकार गायक रौनक रतन ने गंगा गीत प्रस्तुत कर गंगा महा आरती के लिए भावपूर्ण वातावरण का निर्माण कर दिया।
आचार्य राजेश के नेतृत्व में कशी से आये 11 आचार्यों ने दिव्या गंगा महा आरती की। हजारों की संख्या में एकत्रित जागृत लोगों के समक्ष सत्यम कला मंच ने संस्कार गीत वराहमासा, चिरांद गाथा सारण महिमा जैसे कार्यक्रम प्रस्तुत किये। देर रात तक चिरांद का गंगा तट जगमाता रहा।
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