ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस नहीं रहे

ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस नहीं रहे

रोमन कैथोलिक चर्च के आध्यात्मिक धर्मगुरु पोप फ्रांसिस (जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो) का निधन हो गया है

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

  • पोप रोम के बिशप और कैथोलिक चर्च के दृश्य प्रमुख हैं, जो ईसा मसीह को अपना अदृश्य प्रमुख मानते हैं। उन्हें सुप्रीम पोंटिफ (Supreme Pontiff) के रूप में भी जाना जाता है, और उनके कार्यालय को पापेसी कहा जाता है।
    • वह वेटिकन सिटी में रहते हैं और कैथोलिकों पर उनका पूर्ण नियंत्रण है।
  • उनका चुनाव कार्डिनल्स कॉलेज (वरिष्ठ अधिकारी) द्वारा एक कॉन्क्लेव (मतदान) के माध्यम से किया जाता है और कोई भी बपतिस्मा (Baptized) प्राप्त कैथोलिक व्यक्ति पोप बन सकता है, लेकिन कार्डिनल आमतौर पर अपने में से ही किसी एक को चुनते हैं।

वेटिकन सिटी:

  • वेटिकन सिटी विश्व का सबसे छोटा संप्रभु राज्य है। यह देश रोम, इटली से घिरा हुआ है, तथा वर्ष 1929 में लैटर्न संधि पर हस्ताक्षर के साथ इटली से स्वतंत्र हो गया।
  • इसका शासन पोप के हाथों में है, जो सरकार की सभी शाखाओं पर सर्वोच्च प्राधिकार रखते हैं। यह स्वतंत्र रूप से संचालित होता है, इसकी अपनी डाक प्रणाली, वित्तीय संरचना है और इसमें कोई आयकर नहीं है।
  • वेटिकन संग्रहालय और सेंट पीटर्स बेसिलिका यहीं स्थित हैं। इसका राजस्व वैश्विक कैथोलिक दान, निवेश और प्रकाशनों की बिक्री से आता है।

Vatican_City_Location

प्रांसिस पोप के जीवन के महत्वपूर्ण क्षण

  • जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो का जन्म 17 दिसंबर, 1936 को हुआ था।
  • 1969 में जेसुइट ऑर्डर में पुजारी नियुक्त किया गया था।
  • 1973-79 तक वे अर्जेंटीना में शीर्ष नेता थे।
  • 1992 में ब्यूनस आयर्स के सहायक बिशप और 1998 में शहर के आर्कबिशप बने।
  • 2001 में पोप जॉन पॉल द्वितीय द्वारा कार्डिनल बनाया गया था।
  • मार्च 2013 में एक कॉन्क्लेव में पोप चुना गया था।
  • 1,300 वर्षों में पहले गैर-यूरोपीय पोप थे।
  • उन्होंने पोप के कई पारंपरिक दिखावे को त्याग दिया।
  • अपोस्टोलिक पैलेस में भव्य पोप अपार्टमेंट के बजाय आधुनिक वेटिकन गेस्ट हाउस में रहना पसंद किया।
  • फ्रांसिस ने इटली के बाहर 47 यात्राएं कीं।
  • 65 से अधिक राज्यों और क्षेत्रों का दौरा किया।
  • 465,000 KM से अधिक की यात्रा की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया

पोप फ्रांसिस के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया। प्रधानमंत्री ने एक्स पोस्ट में लिखा है कि पोप प्रांसिस के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है। दुख और याद की इस घड़ी में कैथोलिक समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। पोप फ्रांसिस को दुनिया भर के लाखों लोग हमेशा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद रखेंगे।
छोटी उम्र से ही उन्होंने प्रभु ईसा मसीह के आदर्शों को साकार करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया था। उन्होंने गरीबों और वंचितों की तत्पर से सेवा की। जो लोग पीड़ित थे, उनके लिए उन्होंने आशा की भावना जगाई।
मैं उनके साथ अपनी मुलाकातों को याद करता हूं और समावेशी और सर्वांगीण विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता से बहुत प्रेरित हुआ। भारत के लोगों के प्रति उनका स्नेह हमेशा संजोया जाएगा।

हमेशा कमजोर लोगों के साथ खड़े रहे: मैक्रों

फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि पोप फ्रांसिस ने अपने पूरे कार्यकाल में हमेशा कमजोर लोगों का पक्ष लिया है और उन्होंने यह कार्य बहुत विनम्रता के साथ किया। मैक्रों ने संवाददाताओं से कहा, “युद्ध और क्रूरता के इस समय में उनके मन में दूसरों के लिए सबसे कमजोर लोगों के लिए संवेदना थी।
इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कहा कि पोप फ्रांसिस के निधन की खबर बहुत दुखद है। मेलोनी ने एक बयान में कहा कि मुझे उनसे सलाह और शिक्षा मिलने का सौभाग्य प्राप्त है। हम दुख से भरे दिल से उन्हें अलविदा कहते हैं।

जर्मनी के चांसलर ने कहा कि पोप फ्रांसिस को समाज के सबसे कमजोर लोगों के प्रति अथक प्रतिबद्धता के लिए याद किया जाएगा। वे विनम्रता और ईश्वर की दया में विश्वास से प्रेरित थे।
इज़राइल के राष्ट्रपति ने शोक संवेदना में कहा कि गहरी आस्था और असीम करुणा के व्यक्ति थे। उन्होंने अपना जीवन गरीबों के उत्थान और दुनिया में शांति का आह्वान करने के लिए समर्पित कर दिया। मुझे सच में उम्मीद है कि मध्य पूर्व में शांति और (गाजा में) बंधकों की सुरक्षित वापसी के लिए उनकी प्रार्थनाओं का जल्द ही जवाब मिलेगा।

पोप फ्रांसिस का निधन दुनिया के लिए क्षति

पूर्वी तिमोर के राष्ट्रपति जोस रामोस-होर्ता ने सोमवार को कहा कि पोप फ्रांसिस का निधन न केवल ईसाइयों के लिए बल्कि दुनिया के लिए भी बहुत बड़ी क्षति है। उन्होंने कहा कि दिवंगत पोप के सम्मान में पूर्वी तिमोर में झंडे एक सप्ताह तक आधे झुके रहेंगे।

Leave a Reply

error: Content is protected !!