“गैर-संचारी रोगों के खिलाफ जंग में अग्रणी स्वास्थ्यकर्मियों को सिविल सर्जन ने किया सम्मानित
• आयुष्मान आरोग्य मंदिरों से बदली स्वास्थ्य सेवा की तस्वीर
• रिविलगंज के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी समेत 7 स्वास्थ्यकर्मियों को मिला अवार्ड
• आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर मिल रहा है गैर-संचारी बीमारियों का इलाज
• सीएचओ की निभा रहें है महत्वपूर्ण भूमिका
श्रीनारद मीडिया, छपरा (बिहार):
छपरा जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए विभाग कृत-संकल्पित है और इसको लेकर विभिन्न स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। गैर संचारी रोग का स्क्रीनिंग और उपचार की सुविधा सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है। खासकर ग्रामीण क्षेत्र में संचालित आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर अब ग्रामीणों को बेहतर सुविधाएं मिल रही है। इस कार्यक्रम में उत्कृष्ट योगदान के लिए समय-समय पर स्वास्थ्य कर्मियों को सम्मानित करने का भी प्रावधान है।
इसी कड़ी में सारण के सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा के द्वारा रिविलगंज के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राकेश कुमार समेत 7 स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। सिविल सर्जन ने रिविलगंज के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राकेश कुमार, बीएचएम संजीव कुमार, रिविलगंज भादपा की सीएचओ गीता त्रिपाठी, परसा बनकेरवा के सीएचओ सत्यवीर सिंह, टेकनिवास रिविलगंज के सीएचओ सत्येंद्र कुमार,
रिविलगंज मोहब्बत परसा के सीएचओ कुमारी प्रियंका, दरियापुर के सुंदरपुर की सीएचओ नेहा सिंह को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया है। गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की रोकथाम, समय पर पहचान और उपचार के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मियों को सम्मानित कर स्वास्थ्य विभाग ने उनके योगदान को सराहा है। यह सम्मान सारण जिले में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर चल रहे प्रयासों के हिस्से के रूप में दिया गया।
गैर-संचारी रोगों की स्क्रीनिंग और इलाज में सीएचओ की भूमिका महत्वपूर्ण:
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में आयुष्मान भारत कार्यक्रम के तहत संचालित आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। विशेषकर हाइपरटेंशन, डायबिटीज, कैंसर आदि गैर-संचारी रोगों की स्क्रीनिंग और इलाज में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) और अन्य स्वास्थ्यकर्मी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में एनसीडी स्क्रीनिंग के लिए लक्ष्यानुरूप कार्य करें, ताकि प्रारंभिक स्तर पर बीमारियों की पहचान हो सके और समय पर उपचार शुरू हो सके।
उत्साहवर्धन करना हमारी प्राथमिकता:
जिला गैर-संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. भूपेंद्र कुमार ने बताया कि “गैर-संचारी रोग आज देश के सामने बड़ी चुनौती हैं। यदि इनका समय रहते स्क्रीनिंग और प्रबंधन न हो, तो यह गंभीर रूप ले सकते हैं। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों तक इन बीमारियों की रोकथाम, जांच और इलाज की सुविधा पहुँचाई जा रही है। इस कार्य में सीएचओ और फ्रंटलाइन स्वास्थ्यकर्मी अहम भूमिका निभा रहे हैं। इनका उत्साहवर्धन करना हमारी प्राथमिकता है।” इस कड़ी में रिविलगंज के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राकेश कुमार के नेतृत्व में एनसीडी सेवाओं को मजबूत बनाने में बेहतरीन योगदान देने वाले 7 स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।
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