कांग्रेस की पटना में बैठक,नाराज नेताओं को मनाने की बात हो रही है
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार विधानसभा चुनाव के काउंटडाउन के बीच कांग्रेस में असंतोष की आग सुलग रही है. टिकट वितरण को लेकर उठी नाराजगी और गुटबाजी ने आलाकमान को चिंता में डाल दिया है. इसी तनावपूर्ण माहौल के बीच मैदान संभालने के लिए पार्टी ने अपने तीन अनुभवी नेताओं केसी वेणुगोपाल, अजय माकन और अशोक गहलोत को सीधे पटना भेजा है.
तीनों नेताओं ने शनिवार देर रात कांग्रेस वॉर रूम में आंतरिक समीक्षा की, जबकि आज गठबंधन दलों के साथ समन्वय बैठक की तैयारियां हैं. मकसद साफ है—राहुल-प्रियंका की रैली से पहले पार्टी में एकजुटता का संदेश देना.
पटना में डैमेज कंट्रोल ऑपरेशन शुरू
शनिवार देर रात पटना पहुंचते ही केसी वेणुगोपाल, अजय माकन और अशोक गहलोत ने विधायक दल के नेता शकील अहमद खान के आवास पर जिला आब्जर्वरों के साथ लंबी बैठक की.आगमन के तुरंत बाद तीनों नेता विधायक दल के नेता शकील अहमद खान के आवास स्थित वॉर रूम में जुटे. बैठक में जिला आब्जर्वरों से रिपोर्ट ली गई, और उम्मीदवारों को तीन कैटेगरी—ए, बी और सी—में बांटा गया ताकि जीत की रणनीति उसी हिसाब से तय हो सके.
वरिष्ठ नेताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि राहुल गांधी के दौरे से पहले असंतोष पूरी तरह शांत होना चाहिए. इसके लिए नाराज नेताओं से व्यक्तिगत मुलाकात और शिकायत सुनने की रणनीति तैयार की गई है.
राहुल के दौरे से पहले असंतोष खत्म करें
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की रैलियों से पहले संगठन की एकजुटता का प्रदर्शन हो। पटना पहुंचे नेताओं ने जिला आब्जर्वरों को यह भी कहा है कि वे उन नेताओं की पहचान करें जो बार-बार असंतोष फैला रहे हैं. आज गहलोत, वेणुगोपाल और माकन की राजद, वीआईपी और वाम दलों के नेताओं के साथ बैठक तय है, ताकि गठबंधन की उपलब्ध सीटों, प्रचार कार्यक्रमों और साझा एजेंडे पर तालमेल बनाया जा सके.
जिन जिलों में असंतोष ज्यादा है, वहां वरिष्ठ नेता खुद जाकर बातचीत करेंगे, जो नेता नहीं मानेंगे, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है.
राहुल-प्रियंका के दौरे से पहले सबकुछ दुरुस्त करने की कवायद
कांग्रेस का फोकस अब ‘नाराज को मनाना और मैदान में एकजुटता दिखाना है. आलाकमान का प्लान है कि राहुल और प्रियंका की रैलियों से पहले पार्टी के भीतर सभी गुटों को साध लिया जाए.
आलाकमान जानता है बिहार में बिखरी कांग्रेस, एनडीए के खिलाफ महागठबंधन को कमजोर कर सकती है. पार्टी को डर है कि टिकट से वंचित बागी नेता निर्दलीय या अन्य दलों से मैदान में उतर सकते हैं. यही वजह है कि हाईकमान हर जिले से रिपोर्ट लेकर सटीक और सख्त कदम उठाने के मूड में है.
दिल्ली से आए नेताओं का कहना है कि “कोई भी कीमत पर संगठन की एकता टूटने नहीं दी जाएगी” और इसी संदेश के साथ कांग्रेस ने पूरे बिहार में ‘डैमेज कंट्रोल मिशन’ को सक्रिय कर दिया है.
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