राहुल गांधी को लेकर सीआरपीएफ ने सुरक्षा प्रोटोकॉल पालन न करने का आरोप लगाया है

राहुल गांधी को लेकर सीआरपीएफ ने सुरक्षा प्रोटोकॉल पालन न करने का आरोप लगाया है

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं। उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाली सीआरपीएफ ने इस बात को लेकर चिंता जताई है।

सीआरपीएफ के वीवीआईपी सिक्योरिटी के प्रमुख सुनील जून ने इस संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ-साथ राहुल गांधी को भी पत्र लिखकर भविष्य में सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की है।

‘राहुल नहीं मानते सिक्योरिटी प्रोटोकाल’

सीआरपीएफ ने राहुल गांधी के पिछले नौ महीने में छह विदेशी दौरे का भी उल्लेख किया है, जिसकी जानकारी सुरक्षा एजेंसी को नहीं दी गई। 10 जून को खरगे और राहुल को लिखे पत्र में जून ने राहुल पर सिक्योरिटी प्रोटोकॉल नहीं मानने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे वीवीआईपी सुरक्षा से जुड़े कायदे कानून का उल्लंघन कर रहे हैं।

‘बिना बताए विदेश चले गए राहुल गांधी’

पत्र में खासतौर पर प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर बिना बताए विदेश यात्रा पर जाने की शिकायत की गई है। नियम के तहत जेड प्लस एडवांस सिक्योरिटी लायजन वाले वीआइपी को विदेश दौरे से 15 दिन पहले अपनी सिक्योरिटी एजेंसी को सूचित करना जरूरी होता है, लेकिन ऐसा नहीं किया है।

सीआरपीएफ के अनुसार, राहुल देश के चुनिंदा अति संवेदनशील महत्व के वीवीआईपी में से हैं।सीआरपीएफ ने राहुल गांधी के पिछले नौ महीने में छह विदेशी दौरे का उल्लेख किया है, जिसकी जानकारी सुरक्षा एजेंसी को नहीं दी गई। इनमें 30 दिसंबर 2024 से नौ जनवरी तक इटली, 12 मार्च से 17 मार्च तक वियतनाम, 17 से 23 अप्रैल तक दुबई, 11 से 18 जून तक कतर के दोहा, 25 जून से छह जुलाई तक लंदन और चार से आठ सितंबर तक मलेशिया का दौरा शामिल है।

राहुल को एएसएल के साथ मिली है जेड प्लस सिक्योरिटी

राहुल को सीआरपीएफ के एडवांस सिक्योरिटी लायजन (एएसएल) के साथ जेड प्लस सिक्योरिटी प्राप्त है। इसके अंतर्गत सीआरपीएफ के 56 कमांडो हमेशा उनकी सुरक्षा में तैनात रहते हैं। इसमें आंतरिक और बाहरी सुरक्षा घेरे होते हैं।

इतना ही नहीं, सुरक्षा में आधुनिक तकनीक और उपकरणों का प्रयोग किया जाता है। एडवांस सिक्योरिटी लायजन के तहत राहुल गांधी के देश-विदेश के सभी दौरों के लिए पहले से सुरक्षा का इंतजाम किया जाता है।

सुरक्षा में किसी भी प्रकार की चूक न हो, इसके लिए एक येलो बुक तैयार की गई है, जिसमें सुरक्षा देने वाली एजेंसी और सुरक्षा लेने वाले वीवीआइपी के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं। देशभर में सभी वीवीआइपी की सुरक्षा इसी येलो बुक में दर्ज प्रोटोकाल के अनुसार की जाती है।

यह विपक्ष के नेता को डराने की कोशिश : कांग्रेस

कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि सीआरपीएफ के पत्र का समय और उसका तुरंत सार्वजनिक होना कई सवाल खड़े करता है। यह ऐसे समय आया है जब राहुल गांधी चुनाव आयोग की मिलीभगत से भाजपा द्वारा की गई वोट चोरी के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं। क्या यह विपक्ष के नेता को डराने की एक परोक्ष कोशिश है? क्या सरकार उनके द्वारा उजागर किए जाने वाले सच से घबरा गई है?

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