जिज्ञासा, तार्किकता और सकारात्मकता से बढ़ती है मेधा शक्ति: डॉक्टर गणेश दत्त पाठक

जिज्ञासा, तार्किकता और सकारात्मकता से बढ़ती है मेधा शक्ति: डॉक्टर गणेश दत्त पाठक

 

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डॉक्टर शाहनवाज आलम के नेतृत्व वाले यूनिटी एंड पीस फाउंडेशन द्वारा यूनिटी इंटरनेशनल स्कूल में मेधा सशक्तिकरण कार्यशाला का आयोजन, छात्रों को प्रदान किया गया मार्गदर्शन

श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):

मेधा यानी बौद्धिकता ही जिंदगी में सफलता और संतुष्टि प्रदान कर जीवन को सार्थक बनाती है। जिज्ञासा, तार्किकता और सकारात्मकता मेधा शक्ति को सशक्त बनाती है। हम पढ़ाई करते हैं तो हमें क्यों पढ़ाई करते हैं? यह समझना एक अनिवार्य तथ्य है। पढ़ाई का मूल उद्देश्य एक बेहतर समझ का निर्माण करना ही है। हर पल हर आयाम में जिज्ञासा का भाव, हर आयाम को तर्कों के आधार पर परखने की आदत और सदैव सकारात्मक रहने से ही हमारा बौद्धिक विकास होता है और हमारी मेधा शक्ति सशक्त होती है। ये बातें मंगलवार को नगर के आनंद नगर स्थित यूनिटी इंटरनेशनल स्कूल में डॉक्टर शाहनवाज आलम के नेतृत्व वाले यूनिटी एंड पीस फाउंडेशन द्वारा आयोजित मेधा सशक्तिकरण कार्यशाला में छात्रों को संबोधित करते हुए शिक्षाविद् डॉक्टर गणेश दत्त पाठक ने कही।

 

यूनिटी इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित मेधा सशक्तिकरण कार्यशाला में सर्वप्रथम प्रिंसिपल हामिद अली ने शिक्षा के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उसके बाद शिक्षाविद् डॉक्टर गणेश दत्त पाठक ने कार्यशाला में विस्तार से अपनी बातें रखीं। डॉक्टर पाठक ने कहा कि आज हर अभिभावक की आकांक्षा होती है कि उनके बच्चे की मेधा शक्ति यानी बौद्धिक स्तर का विकास हो। सिर्फ किताबों को पढ़ने से मेधा शक्ति का विकास नहीं हो पाता है। अपितु अपने चतुर्दिक दिख रहे हर तथ्य के प्रति जिज्ञासा का भाव होना आवश्यक है। कोई चीज क्या है, कैसे है, क्यों हैं, कहां है, कितना है? इन सवालों को बच्चों के मन में उठना आवश्यक है। इससे बच्चों की संकल्पनात्मक समझ विकसित होती है और उनका बौद्धिक स्तर भी बढ़ता है।

 

साथ ही, कार्यशाला में डॉक्टर गणेश दत्त पाठक ने कहा कि हर छात्र को हर तथ्य को तर्क के आधार पर परखना चाहिए। छात्रों के लॉजिकल होने से भी उनका बौद्धिक विकास संभव हो पाता है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में प्रतिस्पर्धा में गुणात्मक और मात्रात्मक बढ़ोतरी हो रही है । हर छात्र तनाव में दिख रहा है और उनके अभिभावक और भी ज्यादा तनाव में दिख रहे हैं। ऐसे में सकारात्मक रहने से मेधा शक्ति को एक जबरदस्त ऊर्जा मिलती है। इसलिए छात्र ही नहीं अभिभावक भी सकारात्मक रहने का प्रयास करें।

कार्यशाला में शिक्षाविद् डॉक्टर गणेश दत्त पाठक ने बच्चों को पौष्टिक आहार के सेवन और जंक फूड से दूरी बनाने, अध्ययन में नियमितता, स्वच्छता, शारीरिक स्तर पर व्यायाम, प्राणायाम के महत्व, मोबाइल के सदुपयोग, सेवा भावना को विकसित करने के बारे में भी सलाह दिया गया। उन्होंने बच्चों को पारिवारिक संवाद के महत्व के बारे में भी बताया। यूनिटी इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन डॉक्टर शाहनवाज आलम और वाइस चेयरमैन डॉक्टर रबाब फातिमा ने अपने संदेश में कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए ऐसे मेधा सशक्तिकरण कार्यशाला का आयोजन समय समय पर किया जाता रहेगा। इस अवसर पर स्कूल के डायरेक्टर शेख अबरार अहमद, यूपीएफ के प्रोग्राम कॉर्डिनेटर नाजिर कलीम, हर्षित अग्रवाल, आतिफ अनवर सहित अन्य शिक्षकगण उपस्थित रहे।

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