दधीचि देहदान समिति सिवान एवं सिवान ब्लड डोनर क्लब जीते-जी रक्तदान, मरणोपरांत नेत्रदान – मानवता की नई मिसाल

दधीचि देहदान समिति सिवान एवं सिवान ब्लड डोनर क्लब जीते-जी रक्तदान, मरणोपरांत नेत्रदान – मानवता की नई मिसाल
सिवान की पहली मरणोपरांत नेत्रदाता बनीं लाइची कुँवर जी

श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):

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मानवता की सेवा को समर्पित सिवान ने आज एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। दधीचि देहदान समिति सिवान एवं सिवान ब्लड डोनर क्लब के संयुक्त प्रयास से मरणोपरांत सिवान का पहला नेत्रदान सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह प्रेरक उदाहरण स्थापित किया दिवंगत लाइची कुँवर जी (उम्र लगभग 90 वर्ष) ने, जिन्होंने जीवनकाल में ही नेत्रदान का पवित्र संकल्प लिया था।

समिति के कोषाध्यक्ष भारत भूषण पांडेय जी की दादी माँ लाइची कुँवर जी ने अपने ग्राम धर्म मकरियार, बदली मोड़ (सिवान) में 90 वर्ष का स्नेहपूर्ण और सम्मानित जीवन बिताया। आज उनके निधन उपरांत, उनके नेत्रदान का संकल्प पूर्ण हुआ, जिससे किसी जरूरतमंद की जिंदगी में प्रकाश पहुँचाया जा सकेगा।

नेत्रदान प्रक्रिया दधीचि देहदान समिति पटना के प्रांतीय सचिव आनंद प्रधान जी के प्रयासों एवं इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS), पटना के नेत्र अधिकोष प्रमुख डॉ. नीलेश मोहन एवं डॉ. बिभूति प्रसन्ना के निर्देशन में पूरी की गई।
इस कार्य को सफलतापूर्वक अंजाम दिया—
डॉ. अंशुमन, बलदेव कुमार जी, एवं मारुति नंदन जी की टीम ने।

इस अवसर पर दधीचि देहदान समिति सिवान के
अध्यक्ष – नीलेश वर्मा नील,
उपाध्यक्ष – राकेस सहाय,
जॉइंट सेक्रेट्री – प्रदीप कुमार आशुतोष
उपस्थित रहे तथा दिवंगत आत्मा को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।

समिति ने जनमानस से प्रेरक आह्वान करते हुए कहा—
“जीते-जी रक्तदान करें और मरणोपरांत नेत्रदान का संकल्प लेकर मानवता की सेवा में अमर योगदान दें।”

लाइची कुँवर जी का यह कदम केवल उनके परिवार ही नहीं, बल्कि पूरे सिवान के लिए गौरव का विषय है। यह मिसाल समाज में नई जागरूकता एवं सेवा की प्रेरणा जगाती है।

— दधीचि देहदान समिति सिवान
— सिवान ब्लड डोनर क्लब

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