भारत-ब्रिटेन संबंधों की नींव में ही लोकतंत्र है-पीएम मोदी

भारत-ब्रिटेन संबंधों की नींव में ही लोकतंत्र है-पीएम मोदी

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर इस समय भारत की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। आज पीएम नरेंद्र मोदी और यूके पीएम की मुलाकात हुई। ब्रिटिश पीएम बनने के बाद स्टार्मर की ये पहली भारत की यात्रा है। दोनों नेताओं ने मुलाकात के बाद एक संयुक्त बयान में जारी किया।

पीएम मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री स्टार्मर से मुलाकात के बाद कहा कि भारत और ब्रिटेन स्वाभाविक साझेदार हैं। उन्होंने कहा कि भारत-ब्रिटेन साझेदारी वैश्विक स्थिरता और आर्थिक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण आधार बन रही है।

‘भारत और ब्रिटेन के संबंध हुए मजबूत’

पीएम मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री स्टारर के नेतृत्व में भारत और ब्रिटेन के संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। इसी जुलाई में, मेरी ब्रिटेन यात्रा के दौरान हमने ऐतिहासिक व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (CETA) पर हस्ताक्षर किए थे।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के साथ संयुक्त वक्तव्य में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस समझौते (व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौते) से दोनों देशों के बीच आयात लागत कम होगी, युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, व्यापार बढ़ेगा और इससे हमारे उद्योगों और उपभोक्ताओं को लाभ होगा। समझौते पर हस्ताक्षर के कुछ ही महीनों के भीतर आपकी भारत यात्रा, जिसमें आपके साथ अब तक का सबसे बड़ा व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल आया है, भारत-ब्रिटेन साझेदारी में नए जोश का प्रतीक है।

पीएम मोदी ने बताया प्रधानमंत्री स्टार्मर से क्या बात हुई?

पीएम मोदी ने कहा कि भारत और ब्रिटेन स्वाभाविक साझेदार हैं। लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन जैसे मूल्यों में आपसी विश्वास हमारे संबंधों की नींव में निहित है। वैश्विक अस्थिरता के वर्तमान युग में, भारत और ब्रिटेन के बीच यह बढ़ती साझेदारी वैश्विक स्थिरता और आर्थिक प्रगति का एक महत्वपूर्ण आधार रही है।

उन्होंने कहा कि आज की बैठक में हमने हिंद-प्रशांत, पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता तथा यूक्रेन संघर्ष पर चर्चा की। यूक्रेन संघर्ष और गाजा के मुद्दों पर, भारत बातचीत और कूटनीति के माध्यम से शांति के सभी प्रयासों का समर्थन करता है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में, हम समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

सरकार का यह आग्रह कि इन वार्ताओं में खालिस्तानी उग्रवाद का मुद्दा उठाया जाए, ब्रिटेन में हाल ही में हुई कुछ घटनाओं पर आधारित है। मार्च में विदेश मंत्री एस. जयशंकर की लंदन यात्रा के दौरान सुरक्षा में सेंध लगी थी, जब प्रदर्शनकारियों ने चैथम हाउस में एक कार्यक्रम में बाधा डाली थी।

भारत लगातार उठा रहा सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बाधित करने का मुद्दा

विदेश मंत्रालय ने उस समय एक बयान में कहा था, “हमने विदेश मंत्री की ब्रिटेन यात्रा के दौरान सुरक्षा भंग होने की फुटेज देखी है। हम अलगाववादियों और चरमपंथियों के इस छोटे समूह की भड़काऊ गतिविधियों की निंदा करते हैं। हम ऐसे तत्वों द्वारा लोकतांत्रिक स्वतंत्रता के दुरुपयोग की निंदा करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि ऐसे मामलों में मेजबान सरकार अपने राजनयिक दायित्वों का पूरी तरह पालन करेगी।”

भारत ने जनवरी में भारतीय उच्चायोग के बाहर सड़क पर हुए प्रदर्शनों से लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बाधित करने के प्रयासों तक की घटनाओं को बार-बार उठाया है, जिसमें हैरो की घटना भी शामिल है। कार्यकर्ताओं ने इमरजेंसी फिल्म के प्रदर्शन को रोकने की कोशिश की थी।

बैठक में इन लोगों ने लिया हिस्सा

प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री स्टार्मर के बीच बैठक में सौ से अधिक कार्यकारी अधिकारियों के ब्रिटेन के व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया। यह बैठक जुलाई में हस्ताक्षरित मुक्त व्यापार समझौते और तेजी से बढ़ते द्विपक्षीय रक्षा और तकनीकी संबंधों की पृष्ठभूमि में हुई।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय व्यापार 56 अरब अमेरिकी डॉलर का है। मुझे विश्वास है कि इसे दोगुना करने का लक्ष्य 2030 की निर्धारित समय सीमा से पहले ही हासिल कर लिया जाएगा।” प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि ब्रिटेन के नौ विश्वविद्यालय भारत में अपने परिसर खोलेंगे।

 मुंबई के राजभवन में गुरुवार सुबह भारत एवं ब्रिटेन के व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के बीच हुई। बातचीत में रक्षा क्षेत्र एवं शिक्षा क्षेत्र सहित कई और महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण समझौते हुए। इस बातचीत के बाद एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन को भारत का स्वाभाविक साझीदार बताया और कहा कि मौजूदा वैश्विक अस्थिरता के दौर में भारत और ब्रिटेन के बीच यह बढ़ती साझेदारी वैश्विक स्थिरता एवं आर्थिक प्रगति का एक महत्त्वपूर्ण आधार बन रही है।

संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और ब्रिटेन स्वाभाविक साझीदार हैं। लोकतंत्र, स्वतंत्रता एवं कानून का राज ही हमारे संबंधों की नीव है। मौजूदा वैश्विक अस्थिरता के दौर में भारत और ब्रिटेन के बीच यह बढ़ती साझेदारी वैश्विक स्थिरता एवं आर्थिक प्रगति का आधार बन रही है।

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