दूसरे देशों पर निर्भरता ठीक नहीं- मोदी
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात दौरे पर पहुंचे। उन्होंने भावनगर में करीब 35 मिनट तक जनता को संबोधित किया। PM ने विकसित भारत, कानूनों में बदलाव और आत्मनिर्भर भारत का जिक्र किया।
PM ने कहा कि भारत आज विश्व बंधु की भावना से आगे बढ़ रहा है। दुनिया में हमारा कोई दुश्मन नहीं है। सच में अगर हमारा कोई दुश्मन है तो वो है दूसरे देशों पर हमारी निर्भरता। हमें मिलकर भारत के इस दुश्मन को हराना है।
दूसरों पर निर्भर रहेंगे तो हमारे आत्मसम्मान को चोट पहुंचेगी। हम भावी पीढ़ी के भविष्य को दांव पर नहीं लगा सकते, इसलिए कहते हैं 100 दुखों की एक दवा, वो है आत्मनिर्भर भारत।
PM सुबह 10 बजे भावनगर पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने एयरपोर्ट से जवाहर ग्राउंड तक रोड शो किया। ‘समुद्र से समृद्धि’ कार्यक्रम में सौराष्ट्र और गुजरात में 34,200 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का वर्चुअली उद्घाटन और शिलान्यास किया।
ये योजनाएं पोर्ट्स, शिपिंग एंड वाटरवेज मंत्रालय, गुजरात मैरीटाइम बोर्ड और अन्य राज्यों के समुद्री बोर्ड से जुड़ी हुई हैं।
दूसरे देशों पर निर्भरता सबसे बड़ा दुश्मन: भारत आज विश्व बंधु की भावना से आगे बढ़ रहा है। दुनिया में हमारा कोई दुश्मन नहीं है। सच में अगर हमारा कोई दुश्मन है तो वो है दूसरे देशों पर हमारी निर्भरता। यह हमारा दुश्मन है। हमें मिलकर भारत के इस दुश्मन को हराना है।
हमें यह बात हमेशा दोहराना है जितनी ज्यादा विदेशी निर्भरता, उतनी ज्यादा देश की विफलता। दुनिया में शांति स्थिरता और समृद्वि के लिए दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले देश को आत्मनिर्भर रहना पड़ेगा। दूसरों पर निर्भर रहेंगे तो हमारे आत्मसम्मान को चोट पहुंचेगी। हम भावी पीढ़ी के भविष्य को दांव पर नहीं लगा सकते इसलिए कहते हैं 100 दुखों की एक दवा, वो है आत्मनिर्भर भारत।
भारत को अगर 2047 तक विकसित होना है तो आत्मनिर्भर होना पड़ेगा। आत्मनिर्भर होने के अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। 140 करोड़ देशवासियों को एक संकल्प लेना चाहिए कि चिप हो या शिप, हमें भारत में ही बनानी है।
अब बिजनेस और कारोबार को और सरल करना है। मानसून सेशन के दौरान संसद में हमने कई पुराने कानूनों को बदला है जो अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे हैं। मैरीटाइम सेक्टर में रिफॉर्म किया है। इन कानूनों के आने से शिपिंग सेक्टर में बड़ा बदलाव आने वाला है।
भारत में कौशल की कमी नहीं है, लेकिन आजादी के बाद कांग्रेस ने इसे नजरअंदाज किया। छह-सात दशकों तक भारत वो सफलता हासिल नहीं कर सका जिसके हम हकदार थे। इसके दो बड़े कारण थे, लंबे समय तक कांग्रेस सरकार ने देश को लाइसेंस कोटा राज में लटकाए रखा।
जब ग्लोबलाइजेशन का दौर आया तो इम्पोर्ट का रास्ता पकड़ लिया, उसमें भी करोड़ों के घोटाले कर दिए। देश के नौजवानों का बहुत नुकसान किया। इन नीतियों ने भारत की असली ताकत को सामने आने से रोक दिया। साथियों देश का कितना नुकसान हुआ, इसका उदाहरण हमारा शिपिंग सेक्टर है। भारत सदियों से एक समुद्री ताकत था। हम शिप बिल्डिंग के सेंटर हुआ करते थे।