भगवान की भक्ति से मन की संतुष्टि के साथ मिलता है सुख
श्रीनारद मीडिया, सिधवलिया, गोपालगंज (बिहार):
भगवान की भक्ति से मन की संतुष्टि के साथ सुख भी मिलता है। क्योंकि यह अच्छे कर्म का ही फल है l बुरे कर्म से मन मे संतुष्टि एवं सुख का नाश हो जाता है lयह बातें उज्जैन के कथावाचिका ममता दीदी पाठक ने शनिवार की रात्रि मे प्रवचन के दौरान कही।
वे बैकुंठपुर प्रखंड के दक्षिण बनकटी गांव में चल रहे नौ दिवसीय शतचंडी महायज्ञ को लेकर श्रीमद् भागवत कथा सुना रही थी। अपने प्रवचन के दौरान ममता पाठक ने कहा कि अच्छे कर्म से सुख की प्राप्ति होती है जिससे मनुष्य गर्व एवं अभिमान नहीं करना चाहिए क्योंकि मनुष्य पुन: बूरा कर्म करना आरम्भ कर देता है और फिर व क्लेश और दुख भोगने लगता है l
मनुष्य को दूसरे की संतुष्टि और सुख से द्वेष नहीं करना चाहिए और ना ही उसे किसी दूसरे के दुख और क्लेश को देखकर खुश होना या तालिया नहीं पीटना चाहिए ल प्रवचन मे मुखिया विकास सिंह, रवि, सुनील,मनोज, मंटू,दिनेश,संजय सहित अन्य श्रोता उपस्थित थे l
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