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‘खेला होबे’ के बाद ‘दीदी एबार, दिल्ली चलो’ नारा, ‘मिशन 2024’ पर TMC. - श्रीनारद मीडिया

‘खेला होबे’ के बाद ‘दीदी एबार, दिल्ली चलो’ नारा, ‘मिशन 2024’ पर TMC.

खेला होबे’ के बाद ‘दीदी एबार, दिल्ली चलो’ नारा, ‘मिशन 2024’ पर TMC.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ‘खेला होबे’ नारा देकर बीजेपी के ‘आसोल पोरिबोर्तन’ की हवा निकालने वाली टीएमसी के हौसले रिजल्ट के बाद काफी बढ़े हुए हैं. पश्चिम बंगाल चुनाव में हैट्रिक बनाकर सीएम ममता बनर्जी बनर्जी ने अपने सियासी कद को बढ़ाने के साथ ही दूसरी पार्टियों को भी अपनी ताकत का अहसास कराया है. टीएमसी ने ‘खेला होबे’ से आगे की सोची है और नारा दिया जा रहा है ‘दीदी एबार दिल्ली चलो’. इस बार बंगाली पीएम की मांग भी जारी है. सोशल मीडिया पर दोनों नारों का वीडियो वायरल है.

तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में ‘खेला होबे’ नारे का खूब प्रचार किया था. चोट के बाद चुनाव प्रचार में एक पैर पर प्लास्टर लगाकर उतरीं पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी भी चुनावी सभाओं में लोगों से ‘खेला होबे’ के नाम पर समर्थन मांगती थी. इस नारे को लेकर कई गाने भी बने. ‘खेला होबे’ की धुन पर टीएमसी समर्थक जमकर डांस करते भी दिखते थे. दो मई को निकले रिजल्ट में टीएमसी ने पश्चिम बंगाल में बंपर जीत के साथ जबरदस्त ‘खेला’ किया था. इस जीत से उत्साहित टीएमसी ने ‘दीदी एबार दिल्ली चलो’ और ‘बंगाली पीएम’ का नारा दिया है.

कुछ दिनों पहले टीएमसी में फेरबदल करते हुए पार्टी के सांसद अभिषेक बनर्जी को महासचिव बनाते हुए बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के रिजल्ट से सीख लेते हुए टीएमसी ने युवाओं पर फोकस करना भी शुरू कर दिया है. कद्दावर नेता मुकुल रॉय की घर वापसी के बाद टीएमसी का ‘मिशन दिल्ली 2024’ पर सारा फोकस है. इसी को देखते हुए ‘दीदी एबार दिल्ली चलो’ और ‘बंगाली पीएम’ नारे को घर-घर तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है. टीएमसी ने 2024 के लोकसभा चुनाव प्रचार का काम तेज कर दिया है.

ममता ने बंगाल में उपचुनाव कराने की मांग की, तो माकपा ने कहा- 112 नगरपालिकाओं में कब होगा मतदान?

खास बात यह है कि टीएमसी ने ‘दीदी एबार दिल्ली चलो’ नारे को लेकर कॉलर ट्यून और रिंग टोन भी रिलीज किया है. व्हाट्सएप से भी नारे का वीडियो कैंपेन किया जा रहा है. बीजेपी की आईटी सेल से मुकाबले के लिए टीएमसी ने भी कोलकाता में आईटी सेल को मजबूती देने की कोशिश तेज कर दी है. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में 213 सीटों जीतकर टीएमसी ने बीजेपी को तगड़ा झटका दिया था. अब, कोशिश है कि नए नारों के साथ 2024 में दिल्ली में कमाल किया जाए.

नंदीग्राम से विधानसभा चुनाव हारने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा चुनाव आयोग से जल्द से जल्द विधानसभा उपचुनाव कराये जाने की मांग पर माकपा ने तंज कसा है. प्रदेश में लगातार 34 साल तक शासन करने वाली पार्टी, जो इस बार शून्य (0) हो गयी, ने बंगाल की 112 नगरपालिकाओं में भी मतदान कराने की मांग की है.

माकपा केंद्रीय कमेटी के नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा है कि छह महीने के अंदर किसी सीट से चुनाव लड़कर विधानसभा में पहुंचना संवैधानिक मजबूरी है. यही वजह है कि तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी बार-बार केंद्रीय चुनाव आयोग से जल्द चुनाव करवाने की मांग कर रही हैं. ममता बनर्जी नंदीग्राम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी से हार गयीं थीं.

श्री चक्रवर्ती ने कहा कि ममता बनर्जी दावा कर रही हैं कि चुनाव प्रचार को लंबा करने की बजाय यदि उन्हें 7 दिन का समय भी मिले, तो वह काफी होगा. वह किसी भी हालत में चुनाव जल्द करवाना चाहती हैं. ममता के इस बयान पर माकपा केंद्रीय कमेटी के नेता सुजन चक्रवर्ती ने तंज कसा कि कि विधानसभा उपचुनाव का समय पर होना जरूरी है.

तुरंत उपचुनाव की घोषणा करे चुनाव आयोग, बोलीं टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी

उन्होंने कहा कि अधिकतम छह महीने के अंदर उपचुनाव हो, यह केंद्रीय चुनाव आयोग की जिम्मेवारी है. इसके साथ ही उन्होंने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य की 112 नगरपालिकाओं की मियाद खत्म होने के दो से तीन वर्ष गुजर जाने के बावजूद वहां अब तक चुनाव नहीं हुए हैं.

नगरपालिका चुनाव कराने की जिम्मेवारी किसकी?

ऐसे में सवाल उठता है कि यहां चुनाव करवाने की जिम्मेवारी किसकी है. माकपा नेता श्री चक्रवर्ती ने कहा कि नगरपालिकाओं में चुनाव कराने की जिम्मेवारी राज्य सरकार व राज्य चुनाव आयोग की होती है. लिहाजा, जो लोग अपनी कुर्सी बचाने के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग पर उपचुनाव कराने का दबाव बना रहे हैं, वे लोग यहां भी जल्द से जल्द चुनाव करवायें.

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