हाथीपांव के 8 मरीजों को दिया गया दिव्यांगता प्रमाण पत्र, सरकारी योजनाओं का मिलेगा लाभ
• पेशेंट स्टेक होल्डर प्लेटफार्म के माध्यम से मिली सहायता
• पंचायत के मुखिया और जनप्रतिनिधियों ने भी किया है सहयोग
• सामाजिक सुरक्षा पेंशन सहित अन्य योजनाओं का मिलेगा लाभ
श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, अमनौर, सारण (बिहार):
सारण जिले में राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर विभिन्न स्तर पर विभाग के द्वारा प्रयास किया जा रहा है। जो मरीज हाथीपांव से ग्रसित है, जो अपंग हो चुके हैं उनका अब दिव्यांगता प्रमाण-पत्र भी बनाया जा रहा है। इसको लेकर जिले के सभी योग्य मरीजों का ग्रेडिंग के अनुसार दिव्यांगता प्रमाण-पत्र बनाया जा रहा है।
सारण जिले के रिविलगंज प्रखंड के कचनार, इनई, टेकनिवास और भादपा आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर गठित पेशेंट स्टेक होल्डर प्लेटफार्म के माध्यम से मरीजों को स्वास्थ्य विभाग के योजनाओं से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, जिसमें पीएसपी के सदस्यों द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभायी जा रही है।
रिविलगंज में पीएसपी के माध्यम से 15 फाइलेरिया के मरीजों का दिव्यांगता प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन किया गया है, जिसमें से 8 मरीजों का दिव्यांगता प्रमाण-पत्र बन चुका है। कचनार पंचायत के मुखिया नागेंद्र कुमार के द्वारा मरीजों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र दिया गया। सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा, डीबीवीडीसीओ डॉ. दिलीप कुमार सिंह के निर्देशानुसार प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राकेश कुमार के लीडरशिप में यह कार्य किया जा रहा है।
ग्रेडिंग के आधार पर बनता है दिव्यांगता प्रमाण पत्र
लिम्फेडेमा एक प्रकार का दीर्घकालिक रोग है, जिसमें हाथ या पैर में सूजन आ जाती है। समय पर उपचार और देखभाल के अभाव में यह स्थिति गंभीर हो सकती है और व्यक्ति की शारीरिक क्षमता को प्रभावित कर देती है। ग्रेडिंग प्रक्रिया से न केवल सही इलाज में मदद मिलती है, बल्कि सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अंतर्गत लाभ दिलाना भी संभव हो पाता है। केंद्र सरकार की अधिसूचना (जनवरी 2018) के अनुसार, ग्रेड 3 या उससे ऊपर के लिम्फेडेमा रोगियों को 40% या उससे अधिक विकलांगता की श्रेणी में शामिल किया जाता है। इसके आधार पर वे सरकारी लाभों के पात्र होंगे।
क्या होगा लाभ?
दिव्यांगता प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद मरीजों को कई सरकारी सुविधाओं का लाभ मिलेगा, जिनमें प्रमुख हैं:
• सामाजिक सुरक्षा पेंशन
• दिव्यांगजन सहायक उपकरण योजना
• सरकारी अनुदान आधारित स्वरोजगार योजनाएं
• मुफ्त चिकित्सा सुविधा एवं परिवहन सहायता
स्थानीय नेतृत्व भी दे रहा है सहयोग
इस अभियान को सफल बनाने में जनप्रतिनिधियों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। कचनार पंचायत के मुखिया नागेंद्र कुमार ने कहा, “यह पहल समाज के उन वर्गों तक सहायता पहुंचाने का माध्यम है जो वर्षों से नजरअंदाज थे। अब उन्हें सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ मिलेगा।”
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि आने वाले दिनों में जिले भर में फाइलेरिया से ग्रसित अन्य योग्य मरीजों की पहचान कर दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया तेज की जाएगी। इस कार्य में मेडिकल टीम, पीएसपी सदस्य, जीविका दीदी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और पंचायत प्रतिनिधि समन्वय में कार्य कर रहे हैं।
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