अनुशासन, नैतिकता और साधनों की पवित्रता के संवाहक थे डॉ. सिन्हा : डॉ. रामेन्द्र सिंह

अनुशासन, नैतिकता और साधनों की पवित्रता के संवाहक थे डॉ. सिन्हा : डॉ. रामेन्द्र सिंह

श्रीनारद मीडिया, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, हरियाणा

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युग मनीषी समाज गौरव प्रो. हिम्मत सिंह सिन्हा की स्मृति में ‘बहरीन’ में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न
आदरणीय हिम्मत सिंह जी की स्मृति में बहरीन में लोटस ब्लूम

लोटस ब्लूम पब्लिकेशन, महिला काव्य मंच तथा ख्वाबगाह के संयुक्त तत्वावधान में एक साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन भारत से बाहर बहरीन देश में किया गया। ‘बहरीन’ के होटल रमादा विंधम के सभागार में दो सत्रों में आयोजित हुई। पहले सत्र का संचालन महिला काव्य मंच दुबई इकाई की सचिव कौसर भुट्टो ने किया, जिसमें डॉ. सिन्हा के जीवन, साहित्य और उनके व्यक्तित्व पर केंद्रित प्रस्तुतियां दी गईं।

भारत से पधारे विद्या भारती शिक्षा संस्थान, कुरुक्षेत्र के निदेशक डॉ. रामेंद्र सिंह ने अपने वक्तव्य में डॉ. हिम्मत सिंह जी से जुड़े कई संस्मरण बताए जिससे डॉ. सिन्हा के व्यक्तित्व के बारे में गुरु शिष्य परम्परा को समझने वाले प्रसिद्ध समाजसेवी, कर्तव्यनिष्ठ, शिक्षाविद्, कर्मयोगी, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, महात्मा गांधी व राजर्षि गुलजारी लाल नंदा की विचारधारा से ओत-प्रोत सिद्धान्त निष्ठ, सत्य, अनुशासन, नैतिकता और साधनों की पवित्रता के संवाहक होने की जानकारी मिली।

सभी ने एकाग्रचित्त होकर उनके संस्मरण सुने। महिला काव्य मंच की विदेश उपाध्यक्ष श्रीमती स्नेह देव ने हिम्मत सिंह जी के कुछ वीडियो का सार बताया तथा यूट्यूब पर उपलब्ध डॉ. सिन्हा के वीडियो से उनके बारे में और जानने का आग्रह किया।

इसके बाद हिम्मत सिंह जी के वीडियो साझा किए गए, जिसमें पहला वीडियो सत्य के बारे में था, दूसरा वीडियो शिक्षा के बारे और तीसरे वीडियो में लिटिल फ्लॉवर स्कूल की डायरेक्टर डॉ. मनीषा डागा, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. लालचंद मंगल, मस्कत से उद्यमी व पोएट्री एंड लिटरेरी ग्रुप के संस्थापक तुफैल अहमद जी ने हिम्मत सिंह जी के बारे में अपने विचार प्रकट किए।

कार्यक्रम के आयोजक कुलभूषण व्यास तथा अनुराधा व्यास ने विशेष अतिथियों डॉ. रामेंद्र सिंह, गिरीश पुजारी, स्नेहा देव तथा अनुपम रमेश किंगर का स्मृति चिन्ह तथा अपनी पुस्तक ‘सहज अभिव्यक्ति भाग-तीन’ देखकर सम्मानित किया।


उल्लेखनीय है कि हिम्मत सिंह जी के व्यक्तित्व और साहित्य से प्रभावित होकर शारजाह के कुलभूषण व्यास जी ने यह संकल्प लिया कि वे हिम्मत सिंह जी के साहित्य और उनके व्यक्तित्व को उनकी 100वीं जन्मतिथि तक (2028 तक) दुनिया के 12 देश में लेकर जाएंगे। इसी संकल्प का तीसरा पड़ाव बहरीन था। इससे पहले दो पड़ाव भारत और यूएई में हो चुके हैं। बहरीन की भूमि पर संपन्न हुए इस कार्यक्रम में हिम्मत सिंह जी के साहित्यिक योगदान को अंतरराष्ट्रीय धरातल पर नई ऊंचाइयां मिलीं। इस कार्यक्रम में यूएई, भारत तथा बहरीन के प्रतिष्ठित रचनाकारों तथा गणमान्य अतिथियों ने हिस्सा लिया।

दूसरा सत्र कविताएं गीत, गजल को समर्पित था, जिसका संचालन बहरीन की अनुपम रमेश किंगर ने किया। कार्यक्रम में हिंदुस्तान मेरी जान की भावना से ओतप्रोत कविता गरिमा सूदन जी ने प्रस्तुत की और सब में देश प्रेम का जोश जगा दिया। शिखा वर्मा ने एक दिन कविता से विशेष दिनों जैसे स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस आदि पर जगने वाली भावना को पूरे साल जिंदा रखने का आह्वान किया।

कार्यक्रम की संचालक अनुपम ने भी इसी भावना को लेकर एक कविता कही और पूरे माहौल को देशभक्त प्रेम में रंग दिया। इसके बाद महिला काव्य मंच दुबई इकाई की सचिव कौसर भूट्टो ने अपनी गजल ‘गजल दर गजल’ से समा बांधा। कार्यक्रम में अंतिम प्रस्तुति महिला काव्य मंच इकाई की विदेश उपाध्यक्ष तथा दुबई से पधारी स्नेहा देव की थी, जिन्होंने ‘दृष्टा’ शीर्षक से कविता का पाठ कर दशकों से खूब सराहना पाई। कार्यक्रम का तकनीकी संचालन अनुराधा व्यास द्वारा किया गया।

कार्यक्रम के अंत में कुलभूषण व्यास ने सभी अतिथियों, दर्शकों तथा बहरीन की सांस्कृतिक भूमि का आभार व्यक्त किया। गोष्ठी के पश्चात सबने सुस्वाद रात्रि भोज का आनंद लिया और इस प्रकार डॉ. हिम्मत सिंह जी के साहित्य और व्यक्तित्व को 12 देशों तक पहुंचाने के संकल्प का तीसरा कदम और आगे बढ़ा तथा बहरीन की पावन भूमि पर उर्दू और हिंदी साहित्य की इबारतें फिर से जीवित हो उठीं।

यह कार्यक्रम डॉ. सिन्हा के साहित्य और व्यक्तित्व को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव सिद्ध हुआ। यह आयोजन केवल एक श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि एक साक्ष्य था कि साहित्य, सीमाओं से परे जाकर दिलों को जोड़ता है।

बहरीन में भारतीय दूतावास के द्वितीय सचिव गिरीश पुजारी को डॉ. हिम्मत सिंह सिन्हा स्मृति ग्रन्थ भेंट करते विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के निदेशक डॉ. रामेन्द्र सिंह और लोटस ब्लूम से कुलभूषण व्यास। साथ हैं महिला काव्य मंच की महिला विदेश उपाध्यक्षा श्रीमती स्नेहा देव।

 

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