नीतीश कुमार की जिद के कारण हुआ सारण शराबकांड-पूर्व MLC मनोज सिंह

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तीन दिनों तक रहेगा कोहरे का असर

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार के सीवान में भाजपा नेता एवं पूर्व MLC मनोज सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफा की मांग की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की व्यक्तिगत जिद की वजह से आज बिहार में शराब से इतने सारे लोगों की मौत हो गई। कहा बिहार जैसे गरीब राज्य के लिए यह शराबबंदी कानून कतई ठीक नहीं था। शराब से इतने लोगों की मौत का पूरा का पूरा जिम्मेवार माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार है। उन्हें तो अपने तरीके और सलीके से नैतिक जीवन और जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए।

कहा कि नीतीश कुमार का शराबबंदी कानून बिहार राज्य और राजस्व के लिए भारी क्षति है। जिसकी वजह से बिहार में होने वाले विकास कार्य नहीं हो पाते हैं। उन्होंने सीवान और छपरा में जहरीली शराब से हुई मौत मामले का जिक्र करते हुए कहा है कि जिनकी मौतें हुई व सभी गरीब तबके के लोग थे। जो पूरे दिन मजदूरी करने के बाद शाम को शराब पीकर खाते पीते और सो जाते हैं। उन्होंने कहा कि दारूबंदी अच्छी चीज है यह में नहीं सारे लोग मानते है।

लेकिन उस राज्य और देश के लिए जिसकी सीमाएं सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि हमारा बिहार अंतर्राष्ट्रीय सीमा नेपाल और बांग्लादेश से जुड़ा हुआ है। इस के अगल-बगल जीतने भी राज्य है। चाहे वह उत्तर प्रदेश हो,झारखंड हो या फिर उड़ीसा हो, बंगाल हो सभी जगह सरकार दारू बिकवाती हैं। इसलिए यहां बिहार में संभव ही नहीं है की यहां शराबबंदी सफल हो जाए।

उन्होंने कहा की यह माननीय मुख्यमंत्री जी का सिर्फ और सिर्फ व्यक्तिगत जींद की वजह से पूरे बिहार राज्य में आज इसके साथ ही उन्हें यह भी घोषणा करना चाहिए कि कम से कम जहरीली शराब से मरने वालों के परिवार को चार से पांच लाख रुपए मृतक के परिजनों को सहायता राशि मिले।

क्योंकि उस परिवार का कमाने और पीने वाला मर गया। और मरते मरते अपने पीछे पत्नी और बच्चों को छोड़ गया। उन बच्चों का क्या कसूर था,अब वह क्या करेंगे और किसके सहारे रहेंगे। उन्होंने कहा कि सदन में जो उनके बोलने का लहजा था तुम कहके जो उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को बोला यह बहुत ही शर्मनाक और शर्मिंदा भरे है। इसके लिए उन्हें बिहार की जनता से माफी मांगनी चाहिए।

तीन दिनों तक रहेगा कोहरे का असर

धीरे-धीरे अब मौसम खराब होने लगा है। इससे जनजीवन पर असर पड़ रहा है। सुबह में मंगलवार को कोहरा भी छाया रहा। दिन में भी आकाश साफ नहीं था। इस वजह से सूरज की रोशनी पहले की अपेक्षा माध्यम पड़ गई थी। इससे दिन में भी ठंड का असर ज्यादा रहा। मंगलवार को अधिकतम तापमान 26 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान 10 डिग्री रहा। अगले 3 से 4 दिनों तक जिले में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में बदलाव होने की संभावना नहीं है।

मौसम विभाग के वेवसाइट से मिली जानकारी के अनुसार 3 से 13 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा बहने की संभावना है। इस वजह से दिन में भी ठंड का असर बढ़ेगा। मौसम विभाग का पहले से ही अनुमान था कि मंगलवार को कोहरे की संभावना है। इससे सुबह में जिले के कई भागों में कोहरा छाया हुआ था। शहरी क्षेत्र के आसपास वाले इलाके में भी कोहरा छाया रहा। जब भी कोहरा छाता है तो उस समय सुबह में ठंड का असर ज्यादा पड़ने लगता है। सुबह 09:00 बजे के बाद कोहरा खत्म हो गया, लेकिन आकाश पूरी तरह साफ नहीं रहा। कभी कभार आकाश में बादल छाया रहा। इस वजह से भी धूप प्रभावित हुई।

इधर ठंड का असर बढ़ने की वजह से शहरी क्षेत्र में रहने वाले गरीब तथा फुटपाथी लोगों को काफी परेशानी हो रही है। कारण कि उन्हें शहर में ठीक से रहने के लिए आशियाना भी नहीं है। नतीजतन उन्हें रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड व अन्य फुटपाथ वाले स्थानों पर रात गुजारनी पड़ रही है। उन्हें ठंड के काफी कठिनाई महसूस हो रही है, फिर भी नगर परिषद जिला प्रशासन द्वारा ठंड से बचाव के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है। अलाव का इंतजाम नहीं किया गया है, ताकि चौक चौराहे पर अलाव के सहारे ठंड से बचाव कर सके।

वहीं शहर आने वाले लोगों के लिए भी ठंड से बचाव के लिए किसी भी तरह का इंतजाम नहीं किया गया है। ठंड की वजह से सुबह में छोटे बच्चे भी ठिठुरते हुए स्कूल जाने के लिए मजबूर है, लेकिन प्राइमरी तथा मिडिल स्कूलों के स्कूल संचालन में अभी तक बदलाव नहीं किया गया है। जबकि अभिभावकों ने भी मांग शुरू कर दिया है कि स्कूल संचालन में बदलाव करने से बच्चों के सेहत पर असर नहीं पड़ता। ठंड की वजह से बच्चे भी बीमार पड़ रहे हैं।

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