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इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र को कुचलने के किए गए प्रयास-PM मोदी. - श्रीनारद मीडिया

इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र को कुचलने के किए गए प्रयास–PM मोदी.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस (Congress) पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत में 1975 में लगाए गए आपातकाल (Emergency 1975) के दौरान लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास किया गया था. उन्होंने कहा कि दुनिया में ऐसा कोई और उदाहरण खोजना मुश्किल है, जहां लोगों ने लोकतांत्रिक तरीकों से तानाशाही मानसिकता को हराया. रेडियो पर प्रसारित अपने मन की बात कार्यक्रम में मोदी ने अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों को भी सराहा. उन्होंने इन-स्पेस की स्थापना का जिक्र किया, जो अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों के लिए अवसरों को बढ़ावा दे रहा है.

आपातकाल के काले दौर को ना भूले देश

आज जब देश अपनी आजादी के 75 वर्षों का जश्न मना रहा है, तब हमें आपातकाल के काले दौर को नहीं भूलना चाहिए. आने वाली पीढ़ियां भी इसे न भूलें. अंतरिक्ष क्षेत्र में जारी कार्यों के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि स्टार्ट-अप की संख्या अब सौ से अधिक हो गई है. उन्होंने कहा, “ये सभी स्टार्ट-अप उन विचारों पर काम कर रहे हैं, जिनके बारे में या तो पहले कभी सोचा नहीं गया था या फिर जिन्हें निजी क्षेत्र के लिए असंभव माना जाता था.

पीएम मोदी ने किशोर कुमार पर कहा

पीएम मोदी ने कहा, आपातकाल के समय भारत में लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास किया गया था. देश की अदालतों, सभी संवैधानिक संस्थाओं, प्रेस, सबको नियंत्रण में ले लिया गया था. उन्होंने कहा कि सेंसरशिप इतनी सख्त थी कि बिना मंजूरी के कुछ भी प्रकाशित नहीं किया जा सकता था. प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे याद है, जब प्रसिद्ध गायक किशोर कुमार जी ने सरकार की तारीफ करने से इनकार कर दिया था, तब उन्हें प्रतिबंधित कर दिया गया था, रेडियो पर उनके गाने बजने बंद हो गए थे. उन्होंने जोर देकर कहा कि कई प्रयासों, हजारों गिरफ्तारियों और लाखों लोगों पर अत्याचार के बावजूद लोकतंत्र में भारतीयों का विश्वास नहीं डगमगाया.

लोकतांत्रिक तरीकों से तानाशाही मानसिकता को हराया

मोदी ने कहा, सदियों से हमारे भीतर बसे लोकतांत्रिक मूल्यों, हमारी रगों में बहने वाली लोकतंत्र की भावना की आखिरकार जीत हुई. उन्होंने कहा कि भारत के लोगों ने लोकतांत्रिक तरीकों से आपातकाल से छुटकारा पाया और लोकतंत्र को बहाल कराया. प्रधानमंत्री ने कहा, लोकतांत्रिक तरीकों से तानाशाही मानसिकता को हराने का दुनिया में ऐसा उदाहरण मिलना मुश्किल है. उन्होंने कहा, “आपातकाल के दौरान मुझे भी देशवासियों के संघर्ष का साक्षी बनने और उसमें योगदान देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ.

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम, मन की बात के 90 वें एपिसोड को संबोधित कर रहे हैं. इससे पहले, पीएम मोदी ने इस महीने के मन की बात के लिए खुशी व्यक्त की थी और देशवासियों का आभार व्यक्त किया था. प्रधानमंत्री ने लोगों से मन की बात पर MyGov या NaMo ऐप पर अपने विचार साझा करने का भी आग्रह किया था.

बता दें कि इससे पहले मन की बात के 89वें एपिसोड में प्रधानमंत्री ने गर्व व्यक्त किया कि देश में यूनिकॉर्न की संख्या सौ के पार पहुंच गई है. पीएम मोदी ने कहा था कि इन यूनिकॉर्न का कुल वैल्यूएशन 330 अरब डॉलर से ज्यादा है, यानी 25 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा. एक यूनिकॉर्न कम से कम 7.5 हजार करोड़ रुपये का स्टार्ट-अप है.

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल 44 यूनिकॉर्न आए और इस साल 3 से 4 महीनों में 14 और बने. उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान भी, भारतीय स्टार्ट-अप धन और मूल्य पैदा कर रहे हैं. भारतीय यूनिकॉर्न की औसत वार्षिक वृद्धि दर अमेरिका, ब्रिटेन और कई अन्य देशों की तुलना में अधिक है.

प्रधान मंत्री ने बताया था कि भारतीय यूनिकॉर्न विविध हैं और ई-कॉमर्स, फिन-टेक, एड-टेक और बायो-टेक जैसे कई क्षेत्रों में काम कर रहे हैं. उन्होंने खुशी से कहा कि भारत का स्टार्ट-अप इकोसिस्टम सिर्फ बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि छोटे शहरों और कस्बों से भी उद्यमी उभर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि भारत में, जिसके पास एक अभिनव विचार है, वह धन पैदा कर सकता है.

 

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