चुनाव आयोग की टीम बिहार दौरे पर आई है

चुनाव आयोग की टीम बिहार दौरे पर आई है

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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बिहार चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए दो दिन के बिहार दौरे पर चुनाव आयोग की टीम आई है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधु और चुनाव आयुक्त डॉ. विवेक जोशी के साथ बिहार के सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ चर्चा हुई।

जिसमें सियासी दलों को अपनी मांगे और अपने सुझाव आयोग के सामने रखे। बीजेपी, आरजेडी समेत तमाम दलों ने दो चरणों में चुनाव कराने की मांग की। वहीं जेडीयू ने एक चरण में वोटिंग की डिमांड रखी। बैठक में राजनैतिक दलों ने बिहार के मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए छठ पर्व के तुरंत बाद चुनाव कराने की मांग की। साथ कम से कम चरणों में चुनाव कराने का सुझाव दिया।

वहीं चुनाव आयोग द्वारा हाल में उठाए गए नए कदमों जैसे पोस्टल वोटों की गिनती, फॉर्म 17C संबंधी प्रावधानों की सराहना की। इसके अलावा राजद ने एसआईआर के बाद जारी हुई नई वोटर लिस्ट से 3 लाख 66 हजार काटे गए नामों की सूची जारी करने की मांग की। सियासी दलों ने मतदान केंद्रों पर 1200 मतदाताओं की अधिकतम संख्या निर्धारित करने के लिए आयोग का धन्यवाद किया।

आपको बता दें इस बैठक में 6 राष्ट्रीय पार्टियां आप, बीएसपी, बीजेपी, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्ससिस्ट) कांग्रेस और नेशनल पीपुल्स पार्टी शामिल हुईं। इसके अलावा राज्य पार्टियों में आरजेडी, जेडीयू, एलजेपी-आर, राजोलपा, राष्ट्रीय लोक मोर्चा, और भाकपा माले शामिल हुई।

इसके बाद चुनाव की तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी चुनाव आयोग ने बिहार के कमिश्नरों, जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीएम) पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों और अन्य अधिकारियों को पूरी निष्पक्षता से काम करने और राजनीतिक दलों की शिकायतों का तुरंत समाधान सुनिश्चित करने और ज़रूरत पड़ने पर क़ानूनी कार्रवाई सहित फर्जी खबरों के खिलाफ़ तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया। कल भी चुनाव आयोग की बैठकों का दौर जारी रहेगा। उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले 3-4 दिनों में बिहार चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है।

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग ने तैयारियां तेज कर दी हैं। शनिवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में बिहार के सभी 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ बैठक की गई है, जिसमें चुनावों पर चर्चा हुईं। बैठक में चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधु और चुनाव आयुक्त विवेक जोशी के अलावा बिहार के मुख्य चुनाव अधिकारी विनोद गुंजियाल और आयोग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने आयोग से विधानसभा चुनाव एक या दो चरणों में कराने और मतदान केंद्रों पर बुर्का पहनकर पहुंचने वाली महिलाओं के चेहरे का मिलान मतदाता पहचान पत्र से करने की मांग की। वहीं, जेडीयू ने एक ही फेज में चुनाव संपन्न कराने की मांग की।

एक या दो चरणों में कराए जाएं चुनाव- बीजेपी

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में बिहार दौरे पर आई आयोग की टीम से मुलाकात करने के बाद जायसवाल ने कहा, ‘हमने आयोग से आग्रह किया है कि चुनाव एक या दो चरणों में कराए जाएं। चुनाव प्रक्रिया को अधिक खींचने की आवश्यकता नहीं है। साथ ही यह भी जरूरी है कि मतदान करने आने वाले मतदाताओं, खासकर बुर्का पहनने वाली महिलाओं की पहचान को उनके चेहरा का पहचानपत्र से मिलान करके सत्यापित किया जाए,

ताकि केवल वास्तविक मतदाता ही मतदान कर सकें।’ भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी ने आयोग से यह भी अनुरोध किया है कि अति पिछड़े वर्ग और कमजोर तबकों की अधिक आबादी वाले गांवों में अर्धसैनिक बलों की पहले से तैनाती की जाए और फ्लैग मार्च कराया जाए ताकि मतदाताओं में आत्मविश्वास कायम हो सके।

जल्द कराना चाहती है चुनाव बिहार बीजेपी

उन्होंने कहा कि जिन दियारा क्षेत्रों में ‘बूथ कैप्चरिंग’ का इतिहास रहा है, वहां अश्वारोही बल की तैनाती सुनिश्चित की जानी चाहिए। दिलीप जायसवाल ने बताया कि आयोग ने भी राजनीतिक दलों से कुछ सुझाव साझा किए। उन्होंने कहा, ‘आयोग ने कहा कि मतदान पूर्ण होने के बाद प्रत्येक मतदान एजेंट को ‘प्रेसीडिंग ऑफिसर’ (एक तरह का चुनाव अधिकारी) से फॉर्म-17सी लेना चाहिए।

अक्सर ऐसा होता है कि एजेंट फॉर्म लिए बिना ही बूथ छोड़ देते हैं, जिससे बाद में अनावश्यक विवाद की गुंजाइश रहती है।’ भाजपा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि तारीखों के संबंध में पार्टी ने आयोग को बताया कि नियमों के अनुसार, अधिसूचना जारी होने के कम से कम 28 दिन बाद चुनाव कराए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि आने वाले कुछ दिनों में अधिसूचना जारी होती है तो 3-4 नवंबर तक चुनाव संभव है। उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि चुनावों में अब और देरी नहीं होनी चाहिए और जल्द से जल्द मतदान कराया जाना चाहिए।

जेडीयू ने की एक ही फेज में चुनाव कराने की मांग

वहीं, जद(यू) के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार झा ने निर्वाचन आयोग से एक चरण में ही बिहार विधानसभा चुनाव करवाने की मांग की। अपने तर्क में उन्होंने कहा कि अगर महाराष्ट्र में एक चरण में चुनाव हो सकता है तो बिहार में क्यों नहीं? जदयू सांसद संजय कुमार झा ने कहा, ‘हमने चुनाव आयोग के समक्ष अपनी बात रखी और बिहार में इतनी महत्वपूर्ण प्रक्रिया (एसआईआर) के संचालन के लिए आभार भी व्यक्त किया।

बिहार देश के लिए एक उदाहरण स्थापित करेगा कि एसआईआर का क्रियान्वयन कैसे किया जाता है। बिहार में विशेष प्रोत्साहन पुनरीक्षण से मतदाता सूची बहुत साफ-सुथरी हुई है। हमने चुनाव आयोग को एक चरण में विधानसभा चुनाव कराने का भी सुझाव दिया है, क्योंकि यहां कानून-व्यवस्था और नक्सल मुद्दे चिंता का विषय नहीं हैं। हमने आयोग से चुनाव जल्दी कराने और तारीखों की घोषणा जल्द करने का भी अनुरोध किया है, ताकि छठ पूजा के लिए आने वाले लोग अपनी व्यवस्था कर सकें।’

मतादाता सूची में गड़बड़ी मामले को उठाया गया

राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भी दो चरणों में चुनाव कराने की मांग निर्वाचन आयोग से की है। पार्टी के सांसद अभय कुशवाहा ने संवेदनशील बूथों की सूची राजनीतिक दलों को भी उपलब्ध करवाने और फॉर्म 17 की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने की मांग की। भाकपा(माले) ने बिहार में मतदाता सूची और चुनावी प्रक्रिया में ‘गंभीर गड़बड़ी’ का आरोप लगाते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखा है और उसमें सुधार की मांग की है। भाकपा(माले) ने मतदाता सूची से बाहर किए गए सभी नामों को आधार से जोड़कर पुनः बहाल करने की भी मांग की।

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