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भले बिजली, सड़क न हो, फिर भी कांग्रेस को वोट देते हैं - हिमंत बिस्वा सरमा - श्रीनारद मीडिया

भले बिजली, सड़क न हो, फिर भी कांग्रेस को वोट देते हैं – हिमंत बिस्वा सरमा

भले बिजली, सड़क न हो, फिर भी कांग्रेस को वोट देते हैं – हिमंत बिस्वा सरमा

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को मुसलमानों के खिलाफ एक बार फिर जहर उगला है। उन्होंने दावा किया है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में बांग्लादेश मूल के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने कांग्रेस को भारी संख्या में वोट दिया है। उन्होंने कहा है कि इन लोगों ने केंद्र और राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकारों द्वारा उनके लिए किए गए विकास कार्यों को अनदेखा किया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह असम का एकमात्र समुदाय है जो सांप्रदायिकता में लिप्त है।

बीजेपी के असम मुख्यालय में विजयी उम्मीदवारों के स्वागत समारोह में बोलते हुए हिमंत सरमा ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन को लगभग 47 प्रतिशत वोट मिले, जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगियों को 39 प्रतिशत वोट मिले। भाजपा-एजीपी-यूपीपीएल गठबंधन ने राज्य की 14 लोकसभा सीटों में से 11 पर जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस ने बची हुई तीन सीटें जीतीं। उन्होंने दावा किया, “अगर हम कांग्रेस के 39 प्रतिशत वोटों का विश्लेषण करें तो यह पूरे राज्य में नहीं फैला है।

इसका पचास प्रतिशत हिस्सा 21 विधानसभा क्षेत्रों में केंद्रित है, जो अल्पसंख्यक बहुल हैं। इन अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में बीजेपी को केवल 3 प्रतिशत वोट मिले।” मुख्यमंत्री ने बिना किसी संप्रदाय का नाम लिए बिना कहा, “इससे साबित होता है कि हिंदू सांप्रदायिकता में लिप्त नहीं हैं। अगर असम में कोई सांप्रदायिकता में लिप्त है, तो वह केवल एक समुदाय, एक धर्म है।

कोई अन्य धर्म ऐसा नहीं करता।” उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में भले ही सड़कें न हों, बिजली न हो, लेकिन वे कांग्रेस को भारी मत देते रहे हैं और फिर से ऐसा ही किया। इसके उलट, हालांकि भाजपा असमिया लोगों और आदिवासियों के लिए काम करती रही है, लेकिन इन समुदायों ने हमारी पार्टी को वोट नहीं दिया है।

“अगले 10 सालों में राज्य को नियंत्रित करना चाहते हैं”

सीएम हिमंत ने आगे कहा, “करीमगंज को छोड़कर, अगर हम बांग्लादेशी मूल के लोगों की बहुलता वाले केंद्रों को देखे, तो 99 प्रतिशत वोट कांग्रेस को गए हैं।” सरमा ने दावा किया, “वे (अल्पसंख्यक लोग) भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए घरों में रह रहे हों, मोदी द्वारा दी गई बिजली और स्वच्छता सुविधाओं का लाभ उठा रहे हों, लेकिन जब वे वोट देने जाते हैं, तो वे कांग्रेस को वोट देते हैं।” उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी मूल के इस समुदाय को लोग कांग्रेस को ही वोट देंगे क्योंकि वे “अगले 10 सालों में राज्य को नियंत्रित करना चाहते हैं”।

सरमा ने आरोप लगाया कि समुदाय के सदस्यों ने लखीमपुर, बारपेटा के एक गांव में एक पुलिस स्टेशन पर हमला किया और कोकराझार में जमीन पर अतिक्रमण करने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “जब भाजपा सरकार नहीं होगी, तो कोई केवल कल्पना कर सकता है कि इस तरह के कितने हमले होंगे।” मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा और उसके सहयोगियों ने इस लोकसभा चुनाव में 126 विधानसभा क्षेत्रों में से 92 पर जीत हासिल की,

जो राज्य में किसी भी सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए अब तक की सबसे बड़ी जीत थी। उन्होंने कहा, “इस बार हमें 47 फीसदी वोट मिले। हमारा लक्ष्य 2026 के राज्य चुनावों में 50 फीसदी वोट हासिल करना होगा।” बिस्वा सरमा ने कहा कि भाजपा राष्ट्र निर्माण की राजनीति करती है और देश के सभी भागों के विकास के लिए काम करती रहेगी, भले ही उसके उम्मीदवार उन क्षेत्रों से जीते हों या नहीं।

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