मधेपुरा में फर्जी निगरानी अधिकारी गिरफ्तार, पुलिस बनकर करता था अवैध वसूली, फर्जी आईडी बरामद

मधेपुरा में फर्जी निगरानी अधिकारी गिरफ्तार, पुलिस बनकर करता था अवैध वसूली, फर्जी आईडी बरामद

श्रीनारद मीडिया, स्‍टेट डेस्‍क:

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मधेपुरा पुलिस ने निगरानी विभाग का फर्जी पुलिस पदाधिकारी बनकर अवैध वसूली करने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आरोपी खुद को निगरानी का अधिकारी बताकर सड़क पर आने-जाने वाले वाहनों को रोकता था और लोगों को भय दिखाकर अवैध वसूली करता था।सदर थानाध्यक्ष को गुप्त सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति स्वयं को निगरानी विभाग का पुलिस पदाधिकारी बताकर वाहनों को रोक रहा है और अवैध वसूली कर रहा है।

 

सूचना के आलोक में सदर थानाध्यक्ष पुलिस बल के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे। इसी दौरान पुलिस वाहन को देखते ही आर्मी टी-शर्ट पहने एक व्यक्ति सड़क किनारे खड़ा दिखाई दिया, जो धीरे-धीरे भागने का प्रयास करने लगा। पुलिस बल ने तत्परता दिखाते हुए उसे खदेड़कर पकड़ लिया।पकड़े गए व्यक्ति से पूछताछ के दौरान वह पहले आनाकानी करता रहा और खुद को निगरानी विभाग का अधिकारी बताता रहा।

 

सख्ती से पूछताछ करने पर उसने अपना नाम विजय कुमार सिंह (34) बताया। वह सहरसा जिले के सौर बाजार थाना क्षेत्र अंतर्गत चंदौर हनुमाननगर वार्ड संख्या-10 निवासी अभय कुमार सिंह का पुत्र है। उसने यह भी बताया कि वर्तमान में वह मधेपुरा के भिरखी वार्ड संख्या-22 में नथन मुंशी के मकान में किरायेदार के रूप में रह रहा है। तलाशी के दौरान आरोपी के पास से एक फर्जी पुलिस परिचय पत्र बरामद किया गया, जिस पर “विशेष ड्यूटी अधिकारी पुलिस, पद—एसआई ऑफिसर, राज्य—बिहार” अंकित था। जांच में यह परिचय पत्र पूरी तरह फर्जी पाया गया।

मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने भी पुलिस को बताया कि उक्त व्यक्ति अक्सर इसी स्थान पर आकर खुद को पुलिस पदाधिकारी बताकर वाहनों को रुकवाता था और अवैध वसूली करता था। एएसपी प्रवेंद्र भारती ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त विजय कुमार सिंह को न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि छापेमारी दल में सदर थानाध्यक्ष विमलेन्दु कुमार, दरोगा नदीम अख्तर, सचिन कुमार एवं थाना सशस्त्र बल के जवान शामिल थे।

 

पूछताछ के दौरान आरोपी ने यह भी खुलासा किया कि उसने वर्ष 2022 में बिहार एसआई की परीक्षा दी थी। उसी दौरान परीक्षा केंद्र के बाहर उसकी मुलाकात एक व्यक्ति से हुई थी, जिसने उसका मोबाइल नंबर लिया और बाद में उसके घर आकर बातचीत की। आरोपी के अनुसार, उस व्यक्ति ने उससे 17 लाख रुपये लिए और एक फर्जी आईडी कार्ड बनाकर दिया। साथ ही उसे 15 हजार रुपये मासिक वेतन देने का झांसा भी दिया गया था। पुलिस मामले की गहन जांच में जुटी हुई है।

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