बिहार विश्वविद्यालय में पहले फेल, फिर पास और अब परिणाम निरस्त!

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार में बीआर अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय का यह कारनामा  जानकर माथा पकड़ लेंगे। एक फेल छात्र को गलत तरीके से पास कराने का मामला सामने आया है। छात्र 2015-18 सत्र का है। परीक्षा विभाग की जांच में इसका खुलासा हुआ। कुछ दिन पहले संबंधित छात्र परीक्षा विभाग में अपना रिजल्ट सुधार कराने आया था। रिजल्ट चेक करने पर पता चला कि वह जीएस के पेपर में फेल है। इसके बाद छात्र को वापस कर दिया गया, लेकिन विगत चार दिन पहले फिर वही छात्र जब डिग्री लेने आया तो डिग्री सेक्शन के कर्मियों के कान खड़े हो गये।

परीक्षा नियंत्रक डॉ टीके डे ने इस पर तत्परता दिखाते हुए रिजल्ट की जांच कराई तो पता चला कि एक टैबुलेटिंग रजिस्टर (टीआर) में छात्र फेल है और दूसरे में उसे पास करा दिया गया है। विश्वविद्यालय  में किसी भी छात्र के दो टीआर होते हैं। एक टीआर गोपनीय रखा जाता है। गोपनीय टीआर में छात्र फेल था। इसके बाद छात्र का रिजल्ट कैंसिल कर दिया गया।

इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन अब जांच करने भी जा रहा है कि किस तरह से छात्र को एक टीआर में पास कराया गया। विवि के पीआरओ राजीव कुमार झा ने परीक्षा नियंत्रक प्रो. टीके डे से जानकारी लेकर बताया कि नंबर की छेड़छाड़ नहीं हुई थी। गड़बड़ी से पहले ही मामला पकड़ में आ गया और रिजल्ट रद्द कर दिया गया। लेकिन इस बात का जवाब नहीं दिया कि एक में फेल तो दूसरे में पास कैसे हुआ। इसमें किस स्तर पर गड़बड़ी की गई है।

2018 में भी आया था अंक से छेड़छाड़ का मामला  

बीआरएबीयू में वर्ष 2018 में भी नंबर से छेड़छाड़ का मामला समाने आया था। तत्कालीन प्रतिकुलपति प्रो. आरके मंडल ने जांच के बाद इस गड़बड़ी को पकड़ी थी। बड़ी संख्या में पार्ट टू के फेल छात्रों को पास करा दिया गया था। इस मामले में कई कर्मियों पर भी कार्रवाई की गई थी। उस समय टीआर में अंक के साथ छेड़छाड़ की गई थी। बीआरएबीयू में एक फेल छात्र को पास कराने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।

डिग्री सेक्शन के बाहर रहेगा सुरक्षा गार्ड का पहरा

परीक्षा विभाग के डिग्री सेक्शन के बाहर सुरक्षा गार्ड का पहरा भी लगाने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि विभाग से जुड़े लोगों ने बताया कि अब छात्रों की उतनी भीड़ नहीं रहती है। छात्रों की डिग्रियां उनके कॉलेज में पहुंचाई जा रही हैं। कुछ समय पहले तक परीक्षा विभाग में छात्रों की बहुत भीड़ लगती थी।

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