गैंगस्टर चंदन मिश्रा हत्याकांड-शेरू गैंग से बदला लेने की प्लानिंग:गन फैक्ट्री में तैयार हो रहे थे हथियार, मुंगेर से बुलाया था एक्सपर्ट, 6 गिरफ्तार
श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क:
पटना के पारस में गैंगस्टर चंदन मिश्रा के मर्डर के बाद शेरू गैंग से बदले की प्लानिंग चल रही थी। पुलिस को इसकी भनक लगी और पुलिस ने एक घर पर रेड किया। यहां मिनी गन फैक्ट्री चलाई जा रही थी। 3 पिस्टल, 18 जिंदा कारतूस और हथियार बनाने के कई औजार मिले हैं। पिस्टल बनाने के लिए मुंगेर से एक्सपर्ट को बुलाया गया था। बक्सर पुलिस ने औद्योगिक थाना क्षेत्र के दलसागर गांव में हुई है।
बक्सर के कुछ लोग निशाने पर थे,पुलिस ने इस मामले में कुल 6 लोगों को पकड़ा है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि हथियार बनाने का काम 1 अगस्त से शुरू हुई थी। पुलिस ने इस मामले में दुर्गेश उपाध्याय को भी अरेस्ट किया है। वो गैंगस्टर चंदन मिश्रा का करीबी बताया जाता है,पुलिस को जानकारी मिली है कि इन लोगों की फरार अपराधी धीरज मिश्रा से लगातार बातचीत हो रही थी।
धीरज का पहले से आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। बताया जाता है कि धीरज भी चंदन का साथी रहा है अस्पताल में घुसकर चंदन मिश्रा का हुआ था मर्डर 17 जुलाई को पारस अस्पताल के 209 नंबर कमरे में पांच हथियारबंद अपराधी घुसे और चंदन मिश्रा को गोलियों से छलनी कर दिया।
कोलकाता से पकड़ा गया था तौसीफ
पारस अस्पताल में घुसकर चंदन मिश्रा की हत्या के बाद शूटर्स अलग-अलग फरार हो गए थे। शूटआउट को लीड करने वाला तौसीफ अपने मैसेरे भाई निशु खान के साथ गया होते हुए कोलकाता भाग गया था। मर्डर के बाद क्लीन शेव कराया 17 जुलाई काे पारस हॉस्पिटल में तौसीफ, शूटर्स को लीड कर रहा था।
तौसीफ दूसरे फ्लोर पर चंदन मिश्रा के रूम में गया तो वो सबसे आगे था। उस वक्त उसके बाल-दाढ़ी बढ़े हुए थे। हत्या करने के बाद जब वह पटना से गया, रांची होते हुए कोलकाता भागा।घटना के बाद तौसीफ जब कोलकाता पहुंचा तो उसकी निगाह बिहार की खबरों पर थी।
घटना की अपडेट ले रहा था। इसी बीच उसे अपना फुटेज दिखा। इसके फौरन बाद वो पास के सैलून में गया और पुलिस से बचने के लिए अपना क्लीन शेव कराकर अपना हुलिया बदलने की कोशिश की।ताकि अगर पटना पुलिस फोटो कोलकाता पुलिस काे भेजती है ताे पहचान में न आ सके। जानकारी के अनुसार, तौसीफ पटना का डॉन बनना चाहता था। 10 लाख में शेरू ने दी हत्या की सुपारी बताया जाता है कि चंदन मिश्रा के मर्डर की सुपारी शेरू ने 10 लाख में दी थी।
शूटर वारदात से 3 दिन पहले ही समनपुरा पहुंच गए थे। हर दिन अस्पताल की रेकी की जाती थी।जांच में पता चला है कि पारस अस्पताल के कुछ स्टाफ से तौसीफ का पहले से परिचय था। कुछ महीने पहले उसका एक दोस्त पारस में ही भर्ती था। वह उससे मिलने अक्सर अस्पताल आता-जाता था। जांच टीम के घेरे में पारस अस्पताल के कुछ कर्मी भी हैं। शुक्रवार को पुलिस ने पारस अस्पताल के कुछ कर्मियों से पूछताछ की है। अस्पताल प्रशासन से पुलिस सिक्योरिटी में तैनात कर्मियों की सूची मांगी है। शेरू ने शूटर्स को नेपाल भागने को कहा पुलिस की पूछताछ में तौसीफ ने बताया कि हर रोज बलवंत सभी शूटरों को पैसों का लालच देता था। वह कहता था कि सभी को समय पर पूरी रकम मिल जाएगी।तौसीफ के अनुसार, जेल में बंद शेरू ने वारदात के बाद सभी को बिहार के रास्ते नेपाल भाग जाने की सलाह दी थी। उसे लगता था कि दूसरे देश में पुलिस आरोपियों को पकड़ने नहीं पहुंचेगी।किसी भी हाल में शेरू इस घटना में खुद का नाम नहीं आने देना चाहता था। इसलिए वो चाहता था कि शूटर्स पकड़े न जाएं।
चंदन मिश्रा गैंग को अटैक होने की थी आशंका पुलिस को शक है कि, चंदन मिश्रा के गुर्गों को ये शक था कि गैंगस्टर पर अटैक हो सकता है। इसलिए चंदन मिश्रा के कुछ लोग अस्पताल के आस-पास ही ठहरे थे।दरअसल, वारदात के फौरन बाद शास्त्री नगर थाना की पुलिस मौके पर पहुंची थी। लेकिन घटना के कुछ देर बाद ही चंदन मिश्रा के लोग अस्पताल पहुंच गए थे। इतनी जल्दी बक्सर से पटना के पारस अस्पताल पहुंचना संभव नहीं था। बिना एडवांस तौसीफ ने किया मर्डर बताया जाता है कि गैंगस्टर चंदन मिश्रा के मर्डर के लिए तौसीफ को कोई एडवांस पेमेंट नहीं हुई थी।
तौसीफ ने बिना पैसे के ही चंदन मिश्रा का मर्डर कर दिया। हालांकि, ये बताया जा रहा है कि 5 लाख की पेमेंट मास्टरमाइंड को दी गई थी।मेन शूटर तौसीफ से ADG मुख्यालय कुंदन कृष्णनन, सेंट्रल रेंज के IG जितेंद्र राणा, SSP कार्तिकेय शर्मा के अलावा STF के आला अधिकारियों ने करीब 4 घंटे तक बारी-बारी से पूछताछ की। कोलकाता से पटना लेकर आई पुलिस बक्सर के कुख्यात चंदन मिश्रा की हत्या की साजिश 3 दिन पहले रची गई थी। इस मामले में मुख्य शूटर तौसीफ उर्फ बादशाह, उसके मौसेरे भाई निशु खान, निशु के केयर टेकर हर्ष, उसके नर्सिंग स्टाफ भीम काे पुलिस ने कोलकाता से गिरफ्तार किया है।इन सभी को STF सोमवार को कोलकाता से लेकर पटना पहुंची।
तौसीफ काे तीनों से अलग गाड़ी में लाया गया। पुलिस की 4 गाड़ियां स्कॉर्पियो को स्कॉट करते हुए लाईं। पटना लाकर इनका मेडिकल कराया गया। शास्त्रीनगर, कंकड़बाग और दूसरे इलाकों में ले जाया गया।उसके बाद चाराें काे पुलिस लाइन लाया गया। फिर तौसीफ काे STF के अभियान भवन में लाया गया।निशु के घर मर्डर की प्लानिंग, कोलकाता में पहले से होटल बुक था,पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि तौसीफ के मौसेरे भाई निशु के घर पर ही चंदन की हत्या की साजिश रची गई थी।
तौसीफ 17 जुलाई की सुबह चंदन की हत्या के बाद निशु के समनपुरा स्थित घर पर गया। वहां से निशु की कार से ही तौसीफ, निशु, उसकी गर्लफ्रेंड, हर्ष और भीम गया, बरही, रांची होते कोलकाता भाग गए।वारदात को अंजाम देने से पहले 16 जुलाई काे इन लोगों ने कोलकाता के एक होटल में रूम बुक कराया था। निशु और तौसीफ मैसेरे भाई बताए जाते हैं। निशु खान पटना के समनपुर का रहने वाला है। समनपुरा वही इलाका है, जहां पारस अस्पताल है। शूटर्स समनपुरा से ही आए थे। वारदात को अंजाम देने के बाद समनपुरा से होते हुए ही निकले थे।तौसीफ खुद को ‘बादशाह’ बताता है, वैसे ही निशु खुद को ‘भाईजान’ कहलवाना पसंद करता है। भाईजान का सपना सफेदपोश बनने की थी। तौसीफ और निशु दोनों रील्स बनाने के शौकीन हैं।
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