Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
कोरोना व युद्धों जैसी विभीषिकाओं से दुनिया को बचा सकता है गीता का संदेश : मुख्यमंत्री मनोहर लाल - श्रीनारद मीडिया

कोरोना व युद्धों जैसी विभीषिकाओं से दुनिया को बचा सकता है गीता का संदेश : मुख्यमंत्री मनोहर लाल

कोरोना व युद्धों जैसी विभीषिकाओं से दुनिया को बचा सकता है गीता का संदेश : मुख्यमंत्री मनोहर लाल

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया, कुरूक्षेत्र ( हरियाणा)

कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में गीता का वैश्विक पाठ कराया गया।
गीता का उच्चारण करें और कंठस्थ करके जीवन में अपनाएं : मुख्यमंत्री।
हम अपनी जेब में रखें श्रीमद भागवत गीता की प्रति: मुख्यमंत्री।
भगवान श्रीकृष्ण का असम से भी रहा है गहरा संबंध : मुख्यमंत्री असम डा. हिमन्त बिस्वा सरमा।

धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में चल रहे अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के अवसर पर थीम पार्क में एक मिनट-एक साथ गीता के वैश्विक पाठ कार्यक्रम में संबोधित करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि आज का विश्व कोरोना जैसी महामारी तथा युद्ध जैसी विभीषिका के कारण अपने आपको को अंधेरी कोठरी में असहाय सा समझ रहा है। ऐसे हालात में हर किसी को भारत से आशा बंधी है कि उसकी संस्कृति व गीता रूपी विरासत दुनिया को बचा सकती है। भारत के प्रति विश्व का जो विश्वास बना है, हम उसको बनाएं रखेंगे।

उन्होंने कहा कि गीता का सार है कि हमे कर्म करते रहना चाहिए, फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। इसी को आत्मसात करते हुए वे स्वयं हरियाणा की 2.80 करोड़ जनता को अपना परिवार मानते हुए सेवा कर रहे हैं। आज एक मिनट-एक साथ गीता के पाठ से एकरूपता का संदेश मिला है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत गीता और हमारे ग्रंथ स्कूल पाठ्यक्रम में जोड़ने का कार्य जारी है। इस साल गीता के 54 श्लोक पाठ्यक्रम में शामिल होंगे। भविष्य में और भी श्लोकों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा, ताकि छात्र जीवन में गीता के सभी 700 श्लोकों की जानकारी मिल सके। उन्होंने विद्यार्थियों को अपने जेब में गीता की एक प्रति जेब में रखने का आह्वान करते हुए कहा कि वे बचपन से ही गीता के श्लोकों का उच्चारण करें और उनको अपने जीवन में भी अपनाएं।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमन्त बिस्वा सरमा का अभिनंदन करते हुए कहा कि मां कामाख्या देवी जी की पावन धरा असम राज्य इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का भागीदार राज्य है। उन्होंने बताया कि महाभारत के युद्ध में असम के महाराज भगदत्त के नेतृत्व में भाग लिया था। उसी क्षेत्र के महाबली घटोत्कच और महाबली बर्बरीक की दंत कथाएं तो पूरे देश में आज भी प्रचलित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में हरियाणा-असम के संबंध और प्रगाढ़ होंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्ष 2014 में कुरुक्षेत्र में आए थे तो उन्होंने कहा था कि गीता की धरा होने के नाते कुरुक्षेत्र का विशेष महत्व है। उन्हीं से प्रेरणा लेते हुए वर्ष 2016 से गीता महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जा रहा है। आज विश्व का हर देश चाहता है कि उनके यहां गीता महोत्सव का आयोजन हो। मॉरिशिस, कनाडा व ऑस्ट्रेलिया में गीता महोत्सव का आयोजन हो चुका है। श्रीलंका के संस्कृति मंत्री ने अपने देश में भी वर्ष 2024 में गीता महोत्सव का आयोजन कराए जाने की उनसे बात की है। इस बार अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में 30 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे हैं।


भगवान श्रीकृष्ण का असम से भी रहा है गहरा संबंध: मुख्यमंत्री असम डा. हिमन्त बिस्वा सरमा
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव को संबोधित करते हुए असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमन्त बिस्वा सरमा ने कहा कि कुरुक्षेत्र में महाभारत के समय में पूरे भारत का संगम हुआ था। भगवान श्रीकृष्ण का असम से गहरा संबंध था। श्रीकृष्ण की पत्नी रुकमणी असम से थी। इसलिए असम में श्रीकृष्ण को दामाद मानते हैं। महाबली भीम ने भी असम में शादी की थी। अर्जुन ने उनके राज्य पड़ोसी मणिपुर में शादी की थी। उन्होंने कहा कि अंग्रेज सोचते थे कि भारत को अंग्रेजों ने बनाया है, लेकिन यह सत्य नहीं है। भारत का इतिहास बहुत पुराना है। यहां की संस्कृति हजारों वर्ष पुरानी है। उन्होंने गीता महोत्सव में निमंत्रण के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का धन्यवाद किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से महोत्सव को मिला अंतरराष्ट्रीय स्वरुप: ज्ञानानंद।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से गीता जयंती को अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव का स्वरुप मिला। इस वैश्विक गीता पाठ से युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी। इस वैश्विक गीता पाठ का संदेश पूरे विश्व में जाएगा और पूरे विश्व में इन उपदेशों से सदभावना, शांति का संदेश मिलेगा। इस पवित्र ग्रंथ गीता ने पूरे विश्व में कुरुक्षेत्र का मान बढ़ाया है। इस पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों में मानवता के कल्याण का मार्ग दिखाया गया है। आज करीब 1 करोड़ 25 लाख लोगों ने एक साथ वैश्विक गीता का पाठ किया है, यहीं नहीं हर की पौड़ी, नर्मदा किनारे, वैष्णों देवी सहित कई स्थानों पर वैश्विक गीता का पाठ किया गया है तथा 950 से ज्यादा विश्वविद्यालय, महाविद्यालय और विद्यालय इस वैश्विक गीता पाठ के साथ जुड़े है।
एक साथ गीता पाठ में करोड़ों लोगों का एक साथ जुडऩा ऐतिहासिक क्षण : सुधा।
विधायक सुभाष सुधा मेहमानों का आभार और प्रदेश वासियों को गीता जयंती की बधाई देते हुए कहा कि अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव के दौरान वैश्विक गीता पाठ के साथ विद्यार्थियों के अलावा विदेशों का वर्चुअल रुप से जुडऩा अपने आप में एक ऐतिहासिक क्षण है। इन ऐतिहासिक क्षणों के साक्षी बनना एक गौरव का विषय है। सरकार ने युवा पीढ़ी को प्रेरणा देने के लिए ही वैश्विक गीता पाठ जैसे कार्यक्रमों को शुरु किया है। इन कार्यक्रमों के जरिए युवाओं को अच्छी शिक्षा और अच्छे संस्कार मिलेंगे। इससे युवा पीढ़ी राष्टï्र निर्माण में अपना योगदान दे सकेगी।

18 हजार विद्यार्थियों के 18 श्लोकों के उच्चारण से गूज उठा नभ
इस मौके पर 18 हजार विद्यार्थियों द्वारा गीता के 18 श्लोकों का उच्चारण किया, जिससे आसमान गूंज उठा। इसी तरह से देश के कोने-कोने व विश्व में भी गीता को श्लोकों का उच्चारण किया गया। इस दौरान गीता ज्ञान संस्थानम के अध्यक्ष स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव से कुरुक्षेत्र का सम्मान और भगवत गीता की पहचान विश्व में बनी है। गीता के प्रति बच्चों व लोगों की रुचि बढ़ी है। इस मौके पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज, राज्यसभा सदंस्य कार्तिकेय शर्मा, विधायक सुभाष सुधा, मुख्यमंत्री के राजनैतिक सलाहकार भारत भूषण भारती, बाबा भूपेंद्र सिंह, माधव प्रिय महाराज, प्रश्ेवानंद, पियूष मूनि जी महाराज, राजेंद्र महाराज, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक व राष्ट्रीय सदस्य इंद्रेश, प्रांत प्रचारक पवन, प्रांत प्रचारक विजय, पूर्व विधायक एवं भाजपा प्रदेश महामंत्री डा. पवन सैनी, उपायुक्त शांतनु शर्मा, पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र भौरिया, जिला परिषद चेयरमैन कंवलजीत कौर, जिलाध्यक्ष रवि बतान, जिप वाईस चेयरमैन डीपी चौधरी, केडीबी मानद महासचिव उपेंद्र सिंघल, 48 कोस तीर्थ निगरानी कमेटी के चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

यह भी पढ़े

रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होगी

परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने गीता जयंती महोत्सव 2023 की देश प्रदेश वासियों को दी शुभकामनाएं 

बिहार के लाल चंदन कुमार की पुंछ में हुई शहादत

सिधवलिया की खबरें : शेर गाँव से शराब के नशे में  एक व्यक्ति गिरफ्तार

मनीष कश्यप पूरे 9 महीने बाद जेल से रिहा हुए हैं,क्यों?

भगवानपुर हाट की खबरें :  सीएचसी में करोना जांच शुरू

Leave a Reply

error: Content is protected !!