पाकिस्तान जाकर मुझे घर जैसा महसूस होता है-सैम पित्रोदा
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
सैम पित्रोदा ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘मेरे हिसाब से हमारी विदेश नीति सबसे पहले पड़ोस पर फोकस होनी चाहिए। क्या हम वाकई अपने पड़ोसियों के साथ संबंध बेहतर कर सकते हैं?..मैं पाकिस्तान गया हूं और मैं आपको बताऊं कि मुझे घर जैसा लगा। मैं बांग्लादेश गया हूं, मैं नेपाल गया हूं और मुझे घर जैसा लगा।
मुझे नहीं लगा कि मैं दूसरे देश में हूं।’ पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध अभी बहुत ही खराब दौर से गुजर रहे हैं। आज तक ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सशस्त्र सेना की गौरव गाथा कम नहीं पड़ रही है और ऐसे में कांग्रेस नेता का यह बयान पार्टी के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर सकता है।
सैम पित्रोदा ने एक बार फिर से केंद्र सरकार को पाकिस्तान को लेकर बड़ा दिल दिखाने की नसहीत देने की कोशिश की है। उन्होंने पाकिस्तान समेत पड़ोसी सभी मुल्कों के साथ बातचीत को प्राथमिकता देने का अनुरोध किया है। दरअसल, उन्होंने एक इंटरव्यू में पाकिस्तान को लेकर जो कुछ कहा है, वह मौजूदा माहौल में उनकी पार्टी के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर सकता है। इससे पहले भी वह कई बार पाकिस्तान के प्रति बहुत ज्यादा प्रेम दिखा चुके हैं।
इनहेरिटेंस टैक्स की पैरवी
2024 के लोकसभा चुनाव की बात है। सैम पित्रोदा ने इनहेरिटेंस टैक्स (विरासत कर)की पैरवी करके कांग्रेस को बहुत बड़े राजनीतिक संकट में उलझा दिया था। उन्होंने एक अमेरिकी कानून का हवाला देते हुए भारत में भी विरासत कर पर विचार करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था, ‘अगर एक व्यक्ति के पास 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर की संपत्ति है, उसकी मौत के बाद उसकी 45 प्रतिशत संपत्ति उसके बच्चों को मिलेगी और 55 प्रतिशत संपत्ति सरकार को जाएगी। ऐसे मुद्दों पर विचार होना चाहिए।’ इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने चुनावों तक उन्हें ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटा दिया था।
‘पूरब के लोग चाइनीज दिखते हैं’
पिछले साल पित्रोदा ने एक और विवादास्पद बयान दिया था। उन्होंने भारत की विविधता की बात करते हुए कह दिया था, ‘पूरब में लोग चाइनीज दिखते हैं, पश्चिम में अरब नजर आते हैं, उत्तर में शायद गोरे दिखते हैं और दक्षिण के लोग अफ्रीकन नजर आते हैं। इससे कोई दिक्कत नहीं। हम सभी भाई और बहन हैं।’ कांग्रेस ने उनके बयान से किनारा कर लिया था।
चीन से खतरा समझ नहीं आता’
इसी साल फरवरी में पित्रोदा ने एक इंटरव्यू में यह दावा किया था कि भारत चीन के खतरे को बढ़ा चढ़ाकर दिखाता है। उन्होंने कहा, ‘मैं चीन से खतरा समझ नहीं पाता। मुझे लगता है कि अक्सर इस मुद्दे को बढ़ा चढ़ाकर बताया जाता है, क्योंकि अमेरिका की एक प्रवृत्ति है, दुश्मन को परिभाषित करना।…….हमें इस माइंडसेट को बदलने की जरूरत है और पहले दिन से यह मान लेना की चीन दुश्मन है, बंद करना होगा। यह सिर्फ चीन के लिए ही नहीं, सभी के साथ अनुचित है।’
राम मंदिर और महंगाई की तुलना
2023 में सैम पित्रोदा ने यह कहकर बीजेपी को कांग्रेस पर हमले का मौका दे दिया था कि राम मंदिर असली मुद्दा है या महंगाई। उन्होंने कहा था, ‘लोगों को तय करना है कि असल मुद्दा क्या है- क्या राम मंदिर असल मुद्दा है? या बेरोजगारी असल मुद्दा है। क्या राम मंदिर असल मुद्दा है या महंगाई असल मुद्दा है?’
’84 में (दंगा) हुआ तो हुआ’
1984 के सिख दंगा को लेकर सैम पित्रोदा ने जो टिप्पणी की थी, वह तो बहुत ही असंवेदनशील माना जा सकता है। 2019 में उन्होंने एक सवाल पर चिढ़कर कहा था, ‘अब क्या है 84 का? आपने क्या किया पांच साल में, उसकी बात करिए। 84 में हुआ तो हुआ। ‘
‘हमले के लिए पूरा पाकिस्तान दोषी नहीं’
2019 में पाकिस्तान ने पुलवामा हमला करवाया था। लेकिन, पित्रोदा की प्रतिक्रिया थी, ‘यह हमेशा होते रहते हैं। मुंबई में भी एक हमला हुआ था। हम तब प्रतिक्रिया दे सकते थे और हमारे विमान भेज सकते थे, लेकिन यह सही तरीका नहीं है। मेरे हिसाब से दुनिया के साथ ऐसे डील नहीं की जाती। 8 लोग (26/11)आते हैं और कुछ कर देते हैं, आप पूरे देश को कसूरवार नहीं कह सकते।’