आखिरी व्यक्ति तक सुशासन पहुंचे,इसके समान विचारधारा के लोगों एकजुट होना होगा-पीके

*आखिरी व्यक्ति तक सुशासन पहुंचे,इसके समान विचारधारा के लोगों एकजुट होना होगा-पीके
तीसरे दिन भी प्रशांत किशोर का तूफानी सीवान दौरा जारी, जन सुराज की सोच को लेकर पहुंचे रघुनाथपुर, दारौंदा और दरौली

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श्रीनारद मीडिया, सीवान(बिहार):

जन सुराज यात्रा के तत्वावधान में सीवान आए प्रशांत किशोर ने अपनी जन सुराज यात्रा के चौथे दिन की शुरुआत रघुनाथपुर प्रखंड से की। उन्होंने रघुनाथपुर प्रखंड की राजपुर पंचायत में स्वतंत्रता सेनानियों और जेपी सेनानियों को श्रद्धा सुमन अर्पित किया। इसके बाद उन्होंने वहां मौजूद किसानों, महिलाओं और पंचायत जन प्रतिनिधियों के साथ उनके स्थानीय मुद्दों पर चर्चा की। जन सुराज की सोच को लोगों की बीच साझा किया। प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज का मतलब है समाज के आखिरी व्यक्ति तक सुशासन पहुंचे। पीके ने कहा कि इसकी परिकल्पना महात्मा गांधी ने की थी। समान विचार वाले लोगों को साथ जोड़ने पर बल देते हुए श्री किशोर ने जन सुराज की सोच को बिहार के विकास के लिए जरूरी बताया। उन्होंने लोगों के सभी सवालों का जवाब भी दिया।

उसके बाद प्रशांत किशोर दरौंदा के जलालपुर गांव पहुंचे। यहां सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय ग्रामीणों ने फूल माला पहनाकर प्रशांत किशोर का गर्मजोशी से स्वागत किया। कड़ी धूप में भी हजारों की संख्या में लोग प्रशांत किशोर को सुनने के लिए खड़े रहे। प्रशांत किशोर ने राजनीतिक दलों पर हमला बोलते हुए कहा, “बिहार की राजनीति सिर्फ 1200 – 1300 परिवारों के इर्द गिर्द ही रहती है। इन्हीं परिवारों के लोग विधायक और सांसद बनते हैं, किसी नए व्यक्ति को मौका नहीं मिलता। ये व्यवस्था बंद होनी चाहिए और सामान्य परिवार से आने वाले लोगों को भी राजनीति में जगह मिलनी चाहिए।”


श्री किशोर ने जन सुराज अभियान की चर्चा करते हुए कहा कि 13 करोड़ की आबादी वाले बिहार में लगभग 8 करोड़ लोग 100 रूपये भी प्रतिदिन नहीं कमा पाते हैं। उन्होंने बताया कि बिहार के लोग दिल्ली और मुंबई में सब्जी बेचने जाते हैं ये कोई गौरव की बात नहीं है। गौरव की बात तब होती जब वो सब्जी यहां उगाते और दिल्ली – मुंबई यहां से भेजते।

वहीं जिले के दरौली प्रखंड में प्रशांत किशोर ने लोगों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि कोई दल बनाने नहीं आए हैं, एक नई राजनीतिक व्यवस्था खड़ा करना चाहते हैं। ऐसे लोगों को साथ जोड़ना चाहते हैं जो बिहार की बेहतरी के लिए एक साथ काम करना चाहते हों और जन सुराज की सोच के साथ आगे बढ़ना चाहते हों। उन्होंने ये भी कहा कि ये तभी संभव है जब सही लोग, सही सोच के साथ सामूहिक प्रयास करेंगे।

 

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