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अपने ही श्रम कानून का उल्लंघन कर रही सरकार : अखिलेश पाण्डेय - श्रीनारद मीडिया

अपने ही श्रम कानून का उल्लंघन कर रही सरकार : अखिलेश पाण्डेय

अपने ही श्रम कानून का उल्लंघन कर रही सरकार : अखिलेश पाण्डेय

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श्रीनारद मीडिया, प्रसेनजीत चौरसिया, रघुनाथपुर (सीवान)

सरकार स्वयं के द्वारा निर्धारित श्रम कानून का का उल्लंघन कर रही है. उक्त बातें राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस(इंटक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष-सह-प्रदेश अध्यक्ष तथा बिहार राज्य चिकित्सा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश सिंह एवं इंटक के महासचिव अखिलेश पांडेय ने ने कहा.द्वय नेताओं संयुक्त रूप से कहा की राज्य में विगत 12 जुलाई से अपने विभिन्न मांगों के समर्थन में जारी आशा कार्यकर्ताओं एवं फेसिलिटेटर्स की अनिश्चितकालीन हड़ताल का समर्थन करते हुए कहा है कि सरकार को अविलम्ब इनकी मांगों पर विचार करना चाहिए.

इन दोनों नेताओं ने आगे कहा कि राज्य के ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था के प्रबंधन में आशा कार्यकर्ताओं एवं फेसिलिटेटर्स की अहम् भूमिका के बावजूद सरकार ‘ग्रामीण स्वस्थ्य व्यवस्था योजना’ के सकल खर्च की एक न्यूनतम राशि भी इन पर खर्च नहीं करती है, तथा तथा सरकार द्वारा जो कानून बनाया गया है उसका स्वयं उल्लंघन करती है. श्रम संसाधन विभाग द्वारा प्रत्येक श्रमिक के लिए एक न्यूनतम मजदूरी निर्धारित की गई है जो सरकार नहीं दे रही है न्यूनतम मजदूरी के हिसाब से 12000 मासिक वेतन होना चाहिए.

आशा कार्यकर्ताओं को तो किसी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा भी नहीं दिया जा रहा है. इन लोगों को भी ईएसआई और ईपीएफ के अंतर्गत जल्द से जल्द इसका भी लाभ देना चाहिए.

इनके दिन-रात के मेहनत के बदले मात्र 1000/- रुपये की मासिक पारितोषिक देकर अपना पल्ला झाड़ रही है, जो किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है. प्रशासनिक स्तर पर भी राज्य के आशा कार्यकर्ताओं एवं फेसिलिटेटर्स के हो रहे निरंतर शोषण एवं उत्पीड़न की घटनाएं भी अत्यंत गंभीर मामला है.

उन्होंने कहा कि बिहार राज्य चिकित्सा कर्मचारी संघ पूर्ण रूप से आशा कार्यकर्ताओं एवं फेसिलिटेटर्स के हड़ताल में उनके साथ खड़ा है. सिवान समेत प्रदेश के सभी जिलों में यूनियन के सदस्य आशा कार्यकर्ताओं एवं फेसिलिटेटर्स के आंदोलनात्मक कार्रवाई में हिस्सा लेते हुए आन्दोलन को बल दे रहे हैं, वहीँ दूसरी ओर यूनियन द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री को एक आशा कार्यकर्ताओं एवं फेसिलिटेटर्स के मांगों के समर्थन में एक ज्ञापन भी प्रेषित गया है.

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