Gyanvapi : ज्ञानवापी सर्वे से क्यों नाराज हुआ ASI ?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
ज्ञानवापी में ASI सर्वे पर रोक के लिए मुस्लिम पक्ष एक बार फिर कोर्ट पहुंचा। मुस्लिम पक्ष ने जिला कोर्ट में सर्वे रोकने के लिए याचिका दाखिल की। इसमें 5 तकनीकी पॉइंट्स को आधार बनाते हुए सर्वे पर रोक लगाने की मांग की गई। कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली है। साथ ही सुनवाई के लिए 17 अगस्त की तारीख दी है।
मुस्लिम पक्ष का कहना है कि सर्वे में कई खामियां हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि बिना फीस दिए ही सर्वे हो रहा है। ये मानक के विपरीत है। उन्होंने कहा कि नियमों का अनुपालन करने के बाद सर्वे हो, तब तक इसे रोका जाए। वहीं, हिंदू पक्ष ने कहा, हम लिखित में जवाब देंगे। इसके लिए कुछ समय चाहिए। फिलहाल कोर्ट ने सर्वे पर रोक नहीं लगाई है। हिंदू पक्ष को जवाब दाखिल करने के लिए 17 अगस्त तक का समय दिया गया है। तब तक सर्वे यूं ही चलता रहेगा।
मुस्लिम पक्ष के दो प्रार्थना पत्रों पर हुई सुनवाई
हिंदू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया, जिला कोर्ट में मीडिया कवरेज और सर्वे की फीस वाले मुस्लिम पक्ष के प्रार्थना पत्र की सुनवाई हुई। जज ने निर्देश दिए हैं कि सर्वे वाले स्पॉट पर जाकर किसी प्रकार की रिपोर्टिंग नहीं होगी। एएसआई के लोग मीडिया को कोई रिपोर्ट नहीं देंगे। ऐसे विषय सोशल मीडिया पर भी नहीं चलने चाहिए, जिससे शान्ति भंग की आशंका हो। बैरिकेडिंग के आगे मीडियाकर्मियों के लिए प्रतिबंध रहेगा।
जज बोले- सर्वे सीक्रेट है, इसको बेवजह तूल न दें
जज ने कहा, ”एएसआई का सर्वे सीक्रेट रिपोर्ट है। यह सिर्फ कोर्ट में दाखिल हो सकती है। पब्लिक डोमेन में तब तक नहीं जाएगी, जब तक कोर्ट के पटल पर एएसआई रिपोर्ट को दाखिल नहीं करता है। इसलिए तब तक इन साक्ष्यों के संदर्भ में एएसआई की जो कार्रवाई चल रही है, इनसे बचें। गलत या सही रिपोर्टिंग से बचें। इसका कवरेज करने से बाज आए। जो साक्ष्य मिल रहे हैं या नहीं मिल रहे हैं। इसको तूल न दें। धैर्य बनाएं रखें। साक्ष्य कहीं से भी लीक न हो।
प्रशासन ने हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष से बयान न देने की अपील की
वहीं, वाराणसी कमिश्नरेट में सर्वे को लेकर हिन्दू और मुस्लिम पक्ष के लोगों के साथ अलग-अलग बैठ की गई। पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन और कमिश्नर कौशल राज शर्मा, जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने दोनों पक्षों से सहयोग और मीडिया में बयानबाजी न करने की बात कही। साथ ही अफवाहों से बचने और सोशल मीडिया पर सोच-समझकर बयान देने की अपील की।
- न्यायालय ने आदेश के बाद अब तक वजूस्थल को छोड़कर संपूर्ण परिसर के सर्वे के लिए ASI को कोई रिट जारी नहीं किया।
- प्रतिवादी को भी सर्वे की कोई लिखित या मौखिक सूचना नहीं दी गई।
- वादियों ने ASI के सर्वे के लिए होने वाले व्यय को भी अग्रिम धनराशि के रूप में जमा नहीं कराया। जबकि मांग करने के बाद यह अनिवार्य था। नियमावली का उल्लंघन करते हुए आठ अगस्त तक सर्वे जारी है।
- वादीगणों को ASI के लिए पैरवी करने का भी कोई आदेश नहीं दिया गया।
- मुस्लिम पक्ष की ओर से ज्ञानवापी सर्वे में मीडिया कवरेज को लेकर रोक लगाने की अपील भी इसमें शामिल है।
बुधवार को ASI सर्वे का 7वां दिन है। ASI टीम ने लगातार तीसरे दिन गुंबद और व्यास तहखाने में सर्वे किया। गुंबद की नक्काशी की कार्बन कॉपी तैयार करने के साथ टीम तीनों गुंबदों की पैमाइश भी कर रही है। इसके साथ ही ASI टीम आधुनिक तकनीक पर आधारित फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, मैपिंग और स्कैनिंग की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी।
ASI ने IIT कानपुर की एक्सपर्ट टीम को GPR यानी ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार मशीन से सर्वे के लिए बुलाया। टीम मंगलवार को वाराणसी पहुंची। टीम बुधवार सुबह 10 बजे से GRP मशीन से मार्किंग की। पहले फेज में 10 से अधिक स्थानों पर मशीन को लगाया जाना है। इसके नतीजे आने के बाद मशीन लगाने की जगहों को फाइनल किया जाएगा।
मीडिया रिपोर्टिंग से मुस्लिम पक्ष नाराज
इधर, मंगलवार को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने मीडिया रिपोर्टिंग के खिलाफ याचिका दायर की है। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने याचिका में कहा है कि कोर्ट के आदेश पर ASI सर्वे हो रहा है। सर्वे की टीम या उसके किसी अधिकारी की ओर से सर्वे के संबंध में कोई बयान नहीं दिया गया।
इसके बाद भी सोशल मीडिया, अखबार और समाचार चैनलों में लगातार खबरें प्रकाशित हो रही हैं। इससे जनमानस पर गलत प्रभाव पड़ रहा है। वैमनस्य फैल रहा है। इसलिए इस तरह के समाचारों को प्रसारित और प्रकाशित करने से रोका जाए।
मंगलवार को टीम ने गुंबद और मीनारों के कंगूरों की जांच की
ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कर रही ASI टीम छठे दिन यानी मंगलवार को नींव से तीनों गुंबद और मीनारों के कंगूरे तक जांच की। टीम ने संरचना, वास्तु शैली काे परखने के साथ ही माप की। निर्माण में इस्तेमाल सामग्री की छानबीन की। जानकारी जुटाई कि हर हिस्से के निर्माण में किस तरह की सामग्री इस्तेमाल हुई और किस कालखंड में प्रयोग की गई।
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