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50 से ज्यादा बिमारियों का इलाज है हरसिंगार (पारिजात) - श्रीनारद मीडिया

50 से ज्यादा बिमारियों का इलाज है हरसिंगार (पारिजात)

50 से ज्यादा बिमारियों का इलाज है हरसिंगार (पारिजात)

श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क:

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नारंगी डंडी वाले सफेद खूबसूरत और महकते हरसिंगार के फूलों को आपने जरूर देखा होगा। लेकिन क्या आपने कभी हरसिंगार की पत्तियों से बनी चाय पी है? या फि‍र इसके फूल, बीज या छाल का प्रयोग स्वास्थ्य एवं सौंदर्य उपचार के लिए क्या है ? आप नहीं जानते तो जरूर जान लीजिए इसके चमत्कारी औषधीय गुणों के बारे में। हरसिंगार को पारिजात भी कहते हैं। पारिजात का पेड़ बाग-बगीचों में पाया जाता है। इसके फूल बहुत ही मनमोहक और आकर्षक होते हैं। आमतौर पर लोग हरसिंगार के फूल को केवल पूजा-पाठ के लिए इस्तेमाल करते हैं। लोगों को यह जानकारी ही नहीं है कि पारिजात या हरसिंगार के फायदे एक-दो नहीं बल्कि बहुत सारे हैं।  इसे जानने के बाद आप हैरान हो जाएंगे.

क्या आप जानते हैं कि हरसिंगार का वृक्ष कई रोगों का इलाज भी कर सकता है। आयुर्वेद में इसके बारे में बताया गया है कि हरसिंगार का पौधा एक बहुत ही उत्तम औषधि है। हरसिंगार (पारिजात) के इस्तेमाल से आप पाचनतंत्र, पेट के कीड़े की बीमारी, मूत्र रोग, बुखार, लीवर विकार सहित अन्य कई रोगों में लाभ पा सकते हैं

पारिजात के फायदे  

अब तक आपने जाना कि हरसिंगार क्या है। हरसिंगार के पत्तों के साथ इसके फूल में भी चिकित्सीय गुण होते है। हरसिंगार के फूल आँखों की समस्या में फायदेमंद होते है साथ ही पारिजात  भूख को बढ़ाने और अन्य पाचन संबंधी विकारों को दूर करने में प्रयोग किया जाता है। आइए जानते हैं कि हरसिंगार का पौधा औषधीय रूप से किस-किस रोग के लिए काम में लाया जा सकता है, औषधीय प्रयोग की मात्रा क्या होनी चाहिए, और इसकी विधियां क्या हैंः-

रूसी (डैंड्रफ हटाने) की समस्या में पारिजात के फायदे 

अनेकों लोग बालों में रूसी की समस्या से परेशान रहते हैं। डैंड्रफ को हटाने के लिए अनेक उपाय भी करते हैं, लेकिन कई बार उचित उपाय नहीं कर पाने के कारण रूसी से निजात नहीं मिलता है। आप हरसिंगार के फायदे से रूसी को ठीक कर सकते हैं। आप पारिजात का बीज लें। इसका पेस्ट बनाएं। इसे सिर पर लगाएं। इससे डैंड्रफ की परेशानी खत्म होती है।

गले के रोग में पारिजात के फायदे  

जीभ के पास एक घंटी जैसा छोटा-सा मांस का टुकड़ा होता है, उसे गलशुण्डी बोलते हैं। इससे जुड़ी बीमारी हो तो हरसिंगार का पौधा लें। इसकी जड़ को चबाएं। इससे गलशुण्डी से जुड़े विकार ठीक होते हैं।

हरसिंगार का पेड़ करता है खांसी का इलाज  

खांसी के लिए आयुर्वेदिक दवा के रूप में आप पारिजात का पेड़ इस्तेमाल में लाएंगे तो बहुत लाभ मिलेगा। 500 मिग्रा पारिजात की छाल का चूर्ण बनाएं। इसका सेवन करने से खांसी ठीक होती है।

 

रक्तस्राव (नाक-कान से खून बहना) में हरसिंगार के फायदे  

कुछ लोगों को बराबर नाक-कान आदि से खून बहता रहता है। ऐसे लोग पारिजात का पेड़ उपयोग में ला सकते हैं। हरसिंगार का पौधा लें। इसकी जड़ को मुंह में रखकर चबाएं। इससे नाक, कान, कंठ आदि से निकलने वाला खून बंद हो जाता है।

पेट के कीड़े की समस्या में हरसिंगार के फायदे  

बच्चे हों या वयस्क, सभी को कई बार पेट में कीड़े की समस्या हो जाती है। हरसिंगार के फायदे इस रोग में मिलते हैं। हरसिंगार के पेड़ से ताजे पत्ते तोड़ लें। चीनी के साथ पारिजात के ताजे पत्ते का रस (5 मिली) सेवन करें। इससे पेट और आंतों में रहने वाले हानिकारक कीड़े खत्म हो जाते हैं।

बार-बार पेशाब करने की समस्या में पारिजात से लाभ  

अगर आप बार-बार पेशाब करने की परेशानी से ग्रस्त हैं तो पारिजात का पेड़ लाभ दिलाएगा। पारिजात के पेड़ के तने के पत्ते, जड़, और फूल का काढ़ा बनाएं। इसे 10-30 मिली मात्रा में सेवन करें। इससे बार-बार पेशाब करने की परेशानी खत्म होती है।

पारिजात का पेड़ सुखाता है घाव  

हरसिंगार के फायदे से घाव ठीक हो सकता है। पारिजात के बीज का पेस्ट बनाएं। इसे सिर की त्वचा पर होने वाली फोड़े-फुन्सी या अन्य सामान्य घाव पर लगाएँ। इससे घाव ठीक हो जाता है।

हरसिंगार का पेड़ डायबिटीज में फायदेमंद  

पारिजात का पेड़ डायबिटीज में बहुत लाभदायक होता है। 10-30 मिली पारिजात (parijatha) के पत्ते का काढ़ा बना लें। इसका सेवन करें। इससे डायबिटीज रोग में लाभ होता है।

पारिजात का पेड़ देता है तिल्ली रोग में लाभ  

पारिजात (parijatha), अपामार्ग तथा तालमखाना के क्षार (125-250 मिग्रा) को तेल में मिलाएं। इसका सेवन करने से तिल्ली रोग में लाभ होता है।

हरसिंगार का पेड़ पहुंचाता है गठिया में लाभ 
पारिजात के गुण से गठिया की बीमारी में भी लाभ ले सकते हैं। पारिजात की जड़ का काढ़ा बनाएं। इसकी 10-30 मिली की मात्रा सेवन करें। इससे गठिया में फायदा होता है।

हरसिंगार के पत्ते को पीसकर, गुनगुना करके लेप बना लें। इससे जोड़ों के दर्द पर लेप करने से बहुत फायदा होता है।

पारिजात (parijatha) के पत्तों का काढ़ा बनाएं। इससे सेकने से भी जोड़ों का दर्द और गठिया आदि में लाभ होता है।

दाद की समस्या में हरसिंगार से लाभ  

दाद में भी पारिजात के गुण से लाभ लिया जा सकता है। पारिजात के पत्तों को घिसकर रस निकाल लें। इसको दाद वाले अंग पर लगाएं। इससे दाद ठीक होता है।

त्वचा रोग में हरसिंगार से लाभ  

पारिजात के पत्ते का काढ़ा एवं पेस्ट बना लें। इसका प्रयोग करने से दाद, खुजली, घाव, तथा कुष्ठ रोग आदि त्वचा विकारों में लाभ होता है।

गंजेपन की समस्या में हरसिंगार से लाभ  

आज गंजापन एक आम समस्या बन चुकी है। पुरुष और महिलाएं, दोनों गंजेपन की समस्या से परेशान हैं। हरसिंगार (parijatham) के बीजों का पेस्ट बनाएं। इसे सिर पर लगाएं। इससे गंजेपन की परेशानी में लाभ मिलता है।

तंत्रिका-तंत्र विकार में हरसिंगार का पेड़ फायदेमंद  

तंत्रिका-तंत्र विकार में भी पारिजात के गुण से फायदा मिलता है। पारिजात और निर्गुण्डी के पत्ते लें। पत्तों की मात्रा बराबर होनी चाहिए। इससे काढ़ा बना लें। इस काढ़ा को 15-30 मिली मात्रा में पीने से तंत्रिका-तंत्र से संबंधित दर्द ठीक होता है।

आंखों के रोग में पारिजात के वृक्ष से लाभ  
पारिजात का पेड़ आंखों की बीमारी में भी लाभ देता है। पारिजात के वृक्ष की छाल को कांजी से पीसकर तेल बना लें। इसे आंखों पर लगाने से आंखों के दर्द में लाभ होता है। बेहतर उपाय के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।

 

बुखार उतारने के लिए पारिजात के पेड़ का प्रयोग  

पारिजात का पेड़ बुखार ठीक करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। पारिजात के पेड़ के पत्ते का काढ़ा बना लें। 10-30 मिली काढ़ा में अदरक का चूर्ण तथा मधु मिलाकर सेवन करें। इससे साधारण बुखार सहित बुखार की गंभीर स्थिति में भी लाभ होता है।

5-10 मिली हरसिंगार (parijatham) के पत्ते के रस में 1-2 ग्राम त्रिकटु चूर्ण मिलाकर सेवन करें। इससे भी गंभीर बुखार उतर जाता है।

बवासीर से राहत दिलाये पारिजात  
हरसिंगार के बीज का प्रयोग बवासीर की समस्या को दूर करने में सहायक होते है, लेकिन खास बात यह है की बीजों को पीसकर बवासीर में वाह्य रूप से प्रयोग किया जाता है और इनको अभयान्तर रूप से भी करते है।

हरसिंगार अस्थि-भंग में लाभप्रद 

हरसिंगार के तने  की छाल को अर्जुन छाल के साथ वाह्य रूप से प्रयोग करने से अस्थि -भंग में फायदेमंद होता है।

लंबे व मज़बूत बालों के लिए हरसिंगार का उपयोग  

हरसिंगार से बीज का काढ़ा बालों की समस्या को दूर करने में सहायक होता है। हरसिंगार का काढ़ा बनाकर बालों को धोये इससे डैंड्रफ दूर करने तथा बालों को झड़ने से रोकने में मदद मिलती है।

पाचन शक्ति बढ़ाने का उपाय है हरसिंगार  
अगर आपकी पाचन शक्ति कमजोर है तो हरसिंगार का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है क्योंकि हरसिंगार का वीर्य उष्ण होने से पाचन शक्ति बेहतर करता  है।

महिलाओं के लिए स्वास्थ्यवर्द्धक हरसिंगार  
हरसिंगार महिलाओं के लिए एक स्वास्थ्यवर्धक औषधि है क्योंकि हरसिंगार फीमेल -टॉनिक के रूप में कार्य करता है इसलिए इसका सेवन महिलाओं संबंधी विकारों को दूर करने में सहायक होता है।

तनाव दूर करने में हरसिंगार फायदेमंद  
तनाव को दूर करने में हरसिंगार का सहायक हो सकता है क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार तनाव का मुख्य कारण वात का प्रकोप होना बताया गया है और हरसिंगार में वात को शांत करने का गुण होता है।

पारिजात के उपयोगी भाग  
पारिजात (parijat) का इस्तेमाल निम्न तरह से किया जा सकता हैः-

पारिजात वृक्ष के पत्ते

पारिजात वृक्ष की जड़

पारिजात वृक्ष के तने की छाल

पारिजात वृक्ष के फूल

पारिजात वृक्ष की बीज

पारिजात का इस्तेमाल कैसे करें?  

पारिजात (parijatham) के इस्तेमाल की मात्रा ये होनी चाहिएः-

पारिजात का काढ़ा- 15-30 मिली

पारिजात का रस- 5 मिली

एक औषधि के रूप में पारिजात (हरसिंगार) से अधिक लाभ लेने के लिए चिकित्सक के परामर्शानुसार उपयोग करें।

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