क्या मोबाइल ट्रैक करना हुआ आसान?

क्या मोबाइल ट्रैक करना हुआ आसान?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
देश में मोबाइल चोरी और छिनैती की घटनाएं बेहद आम हैं। लोग मोबाइल चोरी होने के बाद पुलिस चौकी अथवा थाने जाकर शिकायत दर्ज करवा ते हैं,लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। शायद ही किसी का मोबाइल वापस मिला हो, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब चोरी हुए मोबाइल कूरियर के जरिए फोन मालिकों तक पहुंचाए जा रहे हैं। 2023 में चोरी हुए कई मोबाइल कुरियर से उनके मालिकों तक भेजे गए हैं। देश भर में ऐसे लाखों कुरियर अलग-अलग पुलिस स्टेशनों और फोन मालिकों को मिल रहे हैं।

दरअसल, चोरी के मोबाइल उनके मालिकों तक पहुंचाना दूरसंचार विभाग ने सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (Central Equipment Identity Register-CEIR) पोर्टल के कारण हो रहा है। इस पोर्टल के जरिए दूरसंचार विभाग ने चोरी या छीने गए मोबाइल फोन को ट्रैक करना बेहद आसान कर दिया है। यह भारत सरकार की ओर से संचालित एक पोर्टल है, जहां आईएमईआई नंबर के जरिए चोरी हुए मोबाइल फोन को ट्रैक करता है।

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अब तक कूरियर से कितने मोबाइल वापस आए?

भारत के अलग-अलग हिस्सों से 70 लोगों ने कूरियर के ज़रिए गाजियाबाद पुलिस को चोरी किए गए फोन वापस भेजे। ये लगभग 1,200 मोबाइल में से थे जिन्हें आम तौर पर स्नैचरों ने चुराया था और उन्हें ग्रे मार्केट में बेच दिया था या पिछले दो सालों में मालिकों द्वारा खोए गए फोन बरामद किए गए थे।गाजियाबाद पुलिस के मुताबिक, देश भर के अलग-अलग हिस्सों से 70 लोगों ने कूरियर कर चोरी के मोबाइल वापस भेजे हैं। ये 70 मोबाइल उन 1200 मोबाइल में से हैं, जिन्हें छिनैतों ने छीन लिया था या चोरी कर लिया था या फिर पिछले दो सालों में फोन मालिकों से खो गए थे। 

चोरी हुए कुल कितने मोबाइल वापस मिले?

क्रमराज्य / केंद्र शासित प्रदेशमोबाइल ब्लॉकमोबाइल ट्रेसमोबाइल रिकवर
1अंडमान और निकोबार1,126731418
2आंध्र प्रदेश1,11,43868,87124,272
3अरुणाचल प्रदेश5,0293,7381,537
4असम31,488 21,8677,261
5बिहार44,70230,1033,345
6चंडीगढ़1,9001,208141
7छत्‍तीसगढ़85,02358,91819,185
8दादरा नगर हवेली व दमण दीव2,6441,820399
9गोवा8,0744,919831
10गुजरात97,26556,87821,352
11हरियाणा53,24133,3567,491
12हिमाचल15,84610,8863,580
13जम्‍मू-कश्‍मीर10,12063102,252
14झारखंड14,3099,2401,164
15कर्नाटक3,82,2042,06,04178,665
16केरल50,15331,9726,894
17कोलकाता12,6434,504978
18लद्दाख28518171
19मध्‍य प्रदेश1,00,52663,38219,372
20महाराष्ट्र4,08,4752,31,35144,128
21मणिपुर1859427
22मेघालय4,4413209 1,122
23मिजोरम1,8971,211456
24नगालैंंड52939248
25दिल्‍ली7,79,7054,98,9659,032
26ओडिशा15,28610,2611,157
27पुदुचेरी5,6783,6171,233
28पंजाब83,71058,1375,948
29राजस्‍थान98,90865,59826,638
30सिक्किम1,251825209
31तमिलनाडु1,32,54377,90725,952
32तेलंगाना3,40,0941,89,97079,028
33त्रिपुरा1,12473384
34लक्षद्वीप1152
35उत्तर प्रदेश1,85,1561,15,34928,891
36उत्तराखंड16,0579,9401,753
37पश्चिम बंगाल1,22,85267,16311,455
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मोबाइल वापस मिलने की नहीं थी उम्‍मीद

गाजियाबाद में चोरी हुए 1200 मोबाइल में से एक विनोद कुमार गुप्‍ता का भी था। विनोद कुमार गुप्‍ता का मोबाइल अगस्‍त 2023 में चोरी हुआ था। वह बताते हैं कि कौशांबी से लालकुआं बस से जा रहे थे। बस में उनको झपकी आ गई, जब आंख खुली तो मोबाइल गायब था। कंडक्‍टर को इसकी जानकारी दी। बस में सबकी तलाशी भी ली गई, लेकिन मोबाइल नहीं मिला। इसके पुलिस स्‍टेशन जाकर एफआईआर दर्ज कराई थी।गुप्‍ता बताते हैं कि अगर सच कहूं तो मोबाइल वापस मिल जाएगी, इसकी जरा भी उम्‍मीद नहीं थी। वह अपने पैन कार्ड, आधार कार्ड जैसे सभी जरूरी दस्‍तावेजों की सॉफ्ट कॉपी और बैंकिंग एप लॉगिन होने को लेकर चिंतित थे। खैर, वक्‍त के साथ चिंता भी कम होने लगी थी, लेकिन इस साल 13 अप्रैल को मुझे मेरा मोबाइल वापस मिल गया। यह पहली बार जब मुझे लगा कि पुलिस अपना काम बखूबी कर रही है। उनका मोबाइल भटिंडा से कूरियर किया गया।

पुलिस का कॉल आया तो मोबाइल कूरियर किया

भटिंडा निवासी गुप्‍ता के मोबाइल को यूज करने वाला शख्स बताता है, मेरा भाई दिसंबर, 2023 में दिल्‍ली गया था। वहां एक दुकान से यह मोबाइल खरीदा था। जब गाजियाबाद पुलिस का कॉल आया और कहा कि यह मोबाइल चोरी का है तो शुरुआत में मुझे लगा कि यह कोई साइबर फ्रॉड करने वाले शख्स की कॉल है, क्‍योंकि मोबाइल को यूज करते हुए साल से ज्यादा का समय बीत चुका था।

फिर मैंने यूपी पुलिस की वेबसाइट पर अधिकारी की ओर से दी गई जानकारी और मोबाइल नंबर वेरीफाई किया। मोबाइल नंबर वेबसाइट पर दिया हुआ था। जब मुझे यकीन हुआ कि यह गाजियाबाद पुलिस की ओर से कॉल थी। उसके बाद मैंने अपने परिवार को पूरी बात बताई। मेरी फैमिली ने मोबाइल वापस करने की सलाह दी। इसके बाद मैंने मोबाइल कूरियर कर पुलिस के पास भेजा।

क्‍या चोरी हुए मोबाइल को ट्रैक करना आसान है?

दूरसंचार विभाग के सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर यानी CEIR पोर्टल की वजह से अब खोए या चोरी हुए मोबाइल की ट्रैकिंग आसान हो गई है। हां, इसके लिए जरूरी यह है कि आईएमईआई (IMEI) नंबर से छेड़छाड़ न हुई हो। अगर  IMEI नंबर से tampered (छेड़छाड़) कर दिया तो ट्रैकिंग नहीं हो पाएगी। गाजियाबाद पुलिस के मुताबिक, हर साल लाखों चोरी किए गए मोबाइल  IMEI नंबर tampered  किए बिना ही बेच दिए जाते हैं, ऐसे मोबाइल फोनों को ट्रेस किया जा रहा है।

अब कितने मोबाइल वापस मिले?

अगर आंकड़ों पर नजर डाले तो देखेंगे कि CEIR पोर्टल 16 मई, 2023 से लेकर अब तक 50 लाख से ज्‍यादा मोबाइल फोन के चोरी या खोने की शिकायत CEIR पोर्टल पर रजिस्‍टर की गई है। इनमें से 32 लाख 27 हजार 542 को ब्‍लॉक किया गया है, जबकि 19 लाख 50 हजार 480 मोबाइल फोन का पता लगा लिया गया। हालांकि, देश भर रिकवरी सिर्फ साढ़े चार लाख मोबाइल फोन की ही हो सकी है।

 CEIR पर कैसे ट्रेस करे मोबाइल?

  •  CEIR की वेबसाइटceir.gov.in  पर लॉगिन करें।
  •  ब्‍लॉक योर मोबाइल विकल्‍प पर क्लिक करें, IMEI नंबर समेत डिटेल फिल करें।
  • पुलिस में शिकायत करते वक्‍त जो एफआईआर दर्ज की हो, उसकी कॉपी अपलोड करें।
  •  सबमिट का बटन दबाकर अपने मोबाइल को ब्‍लॉक करें ताकि मिसयूज न हो सके।
  • शिकायत की स्थिति जानने के लिए पोर्टल पर ‘चेक स्टेटस’ के ऑप्शन पर क्लिक करें।

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