डेंगू-चिकनगुनिया की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, अस्पतालों में बनेगा डेंगू वार्ड
• स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने वीडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की समीक्षा बैठक
• जिलाधिकारी और सिविल सर्जन समेत अन्य स्वास्थ्य अधिकारी हुए शामिल
• लार्वीसाइडल दवा का छिड़काव करने का दिया गया निर्देश
श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, अमनौर, सारण (बिहार):
छपरा। डेंगू और चिकनगुनिया जैसे मच्छर जनित रोगों की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के द्वारा वीडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डेंगू एवं चिकनगुनिया की रोकथाम को लेकर एक समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला प्रशासन, नगर निकायों, स्वास्थ्य महकमे और अन्य संबद्ध विभागों के अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए।
इस दौरान जिलाधिकारी अमन समीर, उप विकास आयुक्त यतेंद्र पाल, नगर आयुक्त सुनिल कुमार पांडेय, सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह शामिल थे। इस दौरान लार्वीसाइडल दवा का छिड़काव, जल जमाव को समाप्त करने, अस्पतालों में डेंगू-चिकनगुनिया के इलाज की विशेष व्यवस्था करने का निर्देश दियाग या। शहरी क्षेत्र में नगर निगम और नगर परिषद्, नगर पंचायत के द्वारा फॉगिंग कराया जायेगा। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग के टीम द्वारा छिड़काव होगा।
सदर अस्पताल में 10, अनुमंडलीय अस्पताल में 5 तथा सभी पीएचसी में 2 बेड का डेंगू वार्ड बनेगा:
इस दौरान जिलाधिकारी अमन समीर ने कहा कि डेंगू और चिकनगुनिया से निपटने के लिए सदर अस्पताल में 10 बेड, अनुमंडलीय अस्पताल में 5 बेड तथा सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 2 बेड सुरक्षित रखें। सभी बेड को मच्छरदानी युक्त रखने का निर्देश दिया है। संबंधित मरीजों के उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में दवा की व्यवस्था सभी अस्पतालों में हमेशा उपलब्ध रखें। डेंगू के मरीज की पुष्टि होने पर मरीज के निवास स्थान के 500 मीटर के रेडियस में फागिंग कराने का निर्देश दिया गया है।
इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के द्वारा एक्टिव सर्विलांस कराने का निर्देश भी दिया गया है ताकि नए मरीजों की खोज की जा सके। जिलाधिकारी ने आदेश दिया कि मेडिकल कॉलेज से समन्वय स्थापित कर प्लेटलेट्स की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। जिलाधिकारी निर्देश पर डीसीसी और और नगर आयुक्त के द्वारा सदर अस्पताल का भ्रमण किया गया और जलजमाव की समस्या से निपटने के लिए आवश्यक उपाय बताये गये।
एडीज मच्छर के काटने से होता है डेंगू:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि जिले में डेंगू के रोकथाम के लिए सभी आवश्यक तैयारी की गयी है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों में डेंगू के जांच के लिए कीट की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है। फॉगिंग के लिए नये मशीन की खरीदारी हुई है। बैठक आयोजित कर निर्देश दिया जा चुका है। जल्द हीं जिला समन्वय समिति की बैठक आयोजित की जायेगी। एडीज मच्छर के काटने से डेंगू होता है।
यह मच्छर दिन में काटता है और स्थिर एवं साफ पानी में पनपता है। तेज बुखार, बदन, सिर एवं जोड़ों में दर्द और आंखों के पीछे दर्द हो तो सतर्क हो जाएं। त्वचा पर लाल धब्बे या चकते का निशान, नाक-मसूढ़ों से या उल्टी के साथ रक्तस्राव होना और काला पखाना होना डेंगू के लक्षण हैं। इन लक्षणों के साथ यदि तेज बुखार हो तो तत्काल सदर अस्पताल जाएं और अपना इलाज करवाएं। उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को पहले डेंगू हो चुका है तो उसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे व्यक्ति दोबारा डेंगू बुखार की आशंका होने पर सरकारी अस्पताल या फिर डॉक्टर से संपर्क करें।
इन बातों का रखे ध्यान:
• घर के आसपास पानी जमा न होने दें।
• कूलर, टायर, गमलों आदि की सप्ताह में कम से कम एक बार सफाई करें।
• मच्छरदानी का उपयोग करें और पूरी बाजू के कपड़े पहनें।
• लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें।
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