स्वस्थ नारी से बनेगा सशक्त समाज, एनीमिया-टीबी, कैंसर और सिकल सेल पर वार
• 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलेगा विशेष स्वास्थ्य अभियान
• महिलाओं और बच्चों पर खास फोकस
श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, अमनौर/छपरा (बिहार):
प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य, पोषण, तंदुरुस्ती और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में सारण जिले में 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान चलाया जाएगा। यह राष्ट्रव्यापी सघन अभियान महिलाओं और बच्चों के लिए सुलभ, गुणवत्तापूर्ण और निवारक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने पर केंद्रित होगा। अभियान का मकसद गैर-संचारी रोगों (एनसीडी), एनीमिया, तपेदिक (टीबी), सिकल सेल रोग जैसी गंभीर बीमारियों की जाँच, शीघ्र पहचान और उपचार सुनिश्चित करना है। साथ ही प्रसवपूर्व देखभाल, पोषण, मासिक धर्म स्वच्छता, मानसिक स्वास्थ्य और टीकाकरण को बढ़ावा देने पर जोर रहेगा। राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देश पर जिलों को आवश्यक आदेश जारी किए हैं।
जमीनी स्तर पर होगा व्यापक अभियान
इस पहल में एएनएम, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, स्वयं सहायता समूह, पंचायती राज संस्थाएं, शहरी स्थानीय निकाय और युवा समूह सामुदायिक लामबंदी का नेतृत्व करेंगे। शिविरों के जरिये ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य जांच, परामर्श और उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध
जिले की मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों, निजी अस्पतालों और केंद्र सरकार के संस्थानों की मदद से महिलाओं और बच्चों को स्त्री रोग, बाल रोग, नेत्र, ईएनटी, दंत चिकित्सा, त्वचा रोग और मनोचिकित्सा जैसी विशेषज्ञ सेवाएं भी मिलेंगी।
कैंसर और गैर-संचारी रोग
शिविरों में रक्तचाप, ब्लड शुगर और बीएमआई की जांच की जाएगी ताकि उच्च रक्तचाप, मधुमेह और मोटापे जैसी समस्याओं का पता चल सके। महिलाओं को मुख कैंसर, स्तन कैंसर और गर्भाशय ग्रीवा कैंसर की स्क्रीनिंग कराई जाएगी। स्तन स्व-परीक्षण की विधि सिखाने के साथ रेफरल सेवाएं भी उपलब्ध होंगी।
पोषण और एनीमिया नियंत्रण
किशोरियों और महिलाओं का हीमोग्लोबिन जांच कर एनीमिया की स्क्रीनिंग की जाएगी। जरूरतमंदों को आयरन-फोलिक एसिड टैबलेट और कृमिनाशक दवाएं दी जाएंगी। साथ ही संतुलित आहार, अन्नप्राशन और स्वस्थ व्यंजनों का प्रदर्शन कर पोषण जागरूकता बढ़ाई जाएगी। मासिक धर्म स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए सैनिटरी पैड भी वितरित किए जाएंगे।
तपेदिक और सिकल सेल की जांच
संवेदनशील समूहों में टीबी की जांच के लिए मोबाइल एक्स-रे यूनिट और थूक संग्रहण की सुविधा होगी। मरीजों को डॉट्स केंद्र से जोड़ा जाएगा। वहीं जनजातीय आबादी में सिकल सेल जांच, परामर्श और रोग प्रबंधन की विशेष व्यवस्था की जाएगी।
मातृ और शिशु स्वास्थ्य
गर्भवती महिलाओं की प्रसवपूर्व देखभाल के तहत हीमोग्लोबिन और रक्तचाप जांच, वजन की निगरानी और भ्रूण विकास पर नजर रखी जाएगी। मातृ एवं शिशु सुरक्षा कार्ड वितरित किए जाएंगे और सुरक्षित प्रसव के लिए परामर्श दिया जाएगा। बच्चों के टीकाकरण और विकास की नियमित निगरानी की जाएगी।
जागरूकता और मानसिक स्वास्थ्य
अभियान के दौरान मानसिक स्वास्थ्य परामर्श सत्र आयोजित होंगे। शिविरों में महिलाओं और किशोरियों को मासिक धर्म स्वच्छता, संतुलित आहार और जीवनशैली सुधार पर जागरूक किया जाएगा। समुदाय को तेल-चीनी की खपत घटाने और स्वास्थ्यवर्धक भोजन अपनाने का संदेश दिया जाएगा।
रक्तदान और डिजिटल सेवाएं
रक्तदान शिविर आयोजित कर दाताओं का पंजीकरण ई-रक्तकोष पोर्टल पर किया जाएगा। MyGov पोर्टल के माध्यम से रक्तदान और अंगदान की प्रतिज्ञा को बढ़ावा दिया जाएगा। स्वास्थ्य शिविरों में आयुष्मान कार्ड और आभा आईडी बनाने, शिकायत निवारण और परामर्श की सुविधा भी रहेगी।
आयुष और युवा सहभागिता
अभियान में योग सत्र, आयुर्वेद परामर्श और आयुष सेवाओं को भी जोड़ा गया है। युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए MY Bharat के स्वयंसेवक जागरूकता कार्यक्रम, सांस्कृतिक गतिविधियां और सामुदायिक लामबंदी अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
समाज में व्यापक असर की उम्मीद:
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि यह अभियान मातृ एवं शिशु मृत्यु दर कम करने, किशोरियों में एनीमिया घटाने और महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति सजग बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल साबित होगा। विशेषज्ञ सेवाओं और सामुदायिक भागीदारी के साथ यह प्रयास जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को नई मजबूती देगा।
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