पटना के अटल पथ पर साजिश रचकर उपद्रव करवाया गया,कैसे?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

राजधानी पटना के इंद्रपुरी में हुए भाई-बहन की मौत के कारणों का खुलासा नहीं होने के विरोध में अटल पथ पर सोमवार की देर शाम हंगामा करने, पुलिस पर पथराव और आगजनी करने वालों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने 24 घंटे के भीतर हंगामा की साजिश रचने वाले वार्ड नंबर सात के पार्षद अमर कुमार उर्फ टूटू और पेशे से वकील श्वेत रंजन को गिरफ्तार किया.
वार्ड पार्षद था मास्टरमाइंड, वकील की मदद से करवाया उपद्रव
पुलिस ने बताया कि पहले से रची गयी साजिश के तहत इन दोनों ने घटना को अपने सहयोगियों से अंजाम दिलवाया. साथ ही अन्य 42 लोग भी इनके साथ थे. जिन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया हैं. इसके अलावा फिलहाल 20 लोग पुलिस की हिरासत में हैं, जिनकी भूमिका का सत्यापन किया जा रहा है.
कौन है अधिवक्ता श्वेत रंजन?
अधिवक्ता श्वेत रंजन मूल रूप से घोसवरी के रहने वाले हैं और बोरिंग रोड हरिहर चैंबर में कार्यालय खोल रखा है. गिरफ्तार होने वाले लोगों में प्रदीप कुमार, राकेश कुमार, रवि कुमार, गुड़िया देवी, निभा, रेणु, नेहा आदि शामिल हैं. इन सातों को घटना के बाद ही सोमवार की रात गिरफ्तार कर लिया गया था.
राजनीतिक लाभ के लिए करवाया हंगामा
एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने मंगलवार को पूरे मामले का खुलासा करते हुए कहा कि अटल पथ पर हंगामा व उपद्रव पूर्व नियोजित साजिश के तहत की गयी है. पूरे घटना का मास्टरमाइंड वार्ड पार्षद अमर कुमार उर्फ टूटू व अधिवक्ता श्वेत रंजन हैं. वार्ड पार्षद ने राजनैतिक लाभ लेने के लिए एक सप्ताह पहले अधिवक्ता श्वेत रंजन से संपर्क किया और हंगामे की योजना बनायी.
वार्ड पार्षद ने दो लाख रुपए की डील करके करवाया उपद्रव
वार्ड पार्षद ने श्वेत रंजन को इस काम के लिए दो लाख रुपये भी दिए थे. इसके बाद श्वेत रंजन ने दो गाड़ियों से कंकड़बाग, पत्रकार नगर व अन्य इलाकों से उपद्रवियों को बुलाया और प्रति व्यक्ति 25 सौ रुपया भी दिया.
21 अगस्त को ही उपद्रव करने की थी तैयारी
एसएसपी ने बताया कि श्वेत रंजन अपने आप को अधिवक्ता बताते हैं और इनका काम धरना-प्रदर्शन व हंगामा कराना है. इस बात की जानकारी वार्ड पार्षद को थी. इसलिए श्वेत रंजन से संपर्क किया. 21 अगस्त को भी सड़क जाम कर उपद्रव करने की योजना थी. लेकिन ये लोग सफल नहीं हो पाये थे. इस मामले में भी पाटलिपुत्र थाने में केस दर्ज किया गया है.
पीड़ित परिवार का किया गया इस्तेमाल
एसएसपी ने कहा कि इस घटना में पीड़ित परिवार की कोई भूमिका नहीं है. उनकी मानसिक स्थिति का वार्ड पार्षद ने इस्तेमाल किया. दोनों बच्चों की मौत मामले का राजनैतिक लाभ लेने की कोशिश की गयी, ताकि अगले इलेक्शन में इसका फायदा मिल सके. पार्षद ने गलत अफवाह उड़ायी. वह इस फिराक में भी था कि पीड़ित परिवार को जो मुआवजा मिले, उसमें भी वह हिस्सा ले सके.
महिला दुकानदार ने महिलाओं को जुटाया
एसएसपी ने कहा कि इन लोगों ने पहले से हंगामा करने के लिए तमाम इंतजाम कर लिया था और सड़क जाम करने के बाद पीड़ित परिवार को वहां लाया गया. एक महिला दुकानदार ने महिलाओं को जुटाया था, उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है. एसएसपी ने कहा कि पीड़ित परिवार से पुलिस लगातार संपर्क में है और हर जांच की जानकारी उनसे शेयर की जा रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी शेयर किया गया. पुलिस की जांच से पीड़ित परिवार संतुष्ट है.
200 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज
पाटलिपुत्र थाने में 200 अज्ञात पर केस दर्ज किया गया है. इस मामले में हंगामा करने, सड़क जाम करने, पुलिस पर हमला करने, सरकारी कार्य में बाधा डालने आदि का आरोप लगाया गया है.
सोमवार की देर शाम किया था लोगों ने हंगामा, उपद्रव
सोमवार की देर शाम असामाजिक तत्वों ने अटल पथ पर जमकर हंगामा व उपद्रव किया था. इस दौरान पुलिस पर हमला भी किया गया. पथराव की गयी और शीशे के बोतल भी फेंके गये. जिसमें सात पुलिसकर्मी जख्मी हो गये हैं. एक सब इंस्पेक्टर के सिर पर ईंट लगी है और वे बूरी तरह से जख्मी हो गये थे. फिलहाल उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है.
पटना में सोमवार को अटल पथ पर हुआ हंगामा अब एक सोची-समझी साजिश के रूप में सामने आया है। इस मामले का खुलासा पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने किया। पुलिस की जांच में यह बात सामने आई कि हंगामा करने के लिए किराए पर लोगों को बुलाया गया था, जिन्हें आगजनी और पत्थरबाजी करने का जिम्मा सौंपा गया था। पूरी घटना का मास्टर माइंड इलाके का वार्ड पार्षद और एक कथित वकील है। इस मामले में इन दोनों के साथ ही अब तक 40 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जबकि 62 लोगो को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इस मामले में 250 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
वार्ड पार्षद मास्टरमाइंड
एसएसपी ने बताया कि इस पूरे प्रकरण का मास्टरमाइंड स्थानीय वार्ड पार्षद टूटु है। दो बच्चों की मौत के बाद श्वेत रंजन नामक व्यक्ति ने वार्ड पार्षद से मुलाकात कर इस हंगामे की प्लानिंग की थी। इसका मकसद राजनीतिक लाभ उठाने के साथ-साथ मुआवजे की राशि में हिस्सेदारी लेना था।जांच में सामने आया कि इस साजिश की रूपरेखा पटना के हरिहर चैंबर में तैयार की गई थी। श्वेत रंजन ने ही बाहर से लोगों को बुलाया और उन्हें अटल पथ पर हिंसा भड़काने का काम सौंपा। हंगामे में महिलाओं को भी शामिल किया गया था।
पैसे का लेन-देन और हिंसा
पुलिस के अनुसार, वार्ड पार्षद टूटु ने इस पूरे हंगामे के लिए दो लाख रुपए की डील की थी। इसमें 8 लोगों को पैसा बांटा गया और साफ निर्देश दिया गया कि वे अटल पथ पर पत्थरबाजी और आगजनी करें। हंगामे के दौरान पुलिस की गाड़ी और आम लोगों की बाइक को आग के हवाले कर दिया गया था। एसएसपी ने खुलासा किया कि वकील श्वेत रंजन का काम ही इस तरह के हंगामे करना है। वह पहले भी कई बार इस तरह की घटनाओं में शामिल रहा है। इस बार भी वही पूरे षड्यंत्र का मुख्य पात्र था। फिलहाल पुलिस ने दोनों मुख्य षड्यंत्र कर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है।
एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि पीड़ित परिवार का इस हंगामे से कोई लेना-देना नहीं है। उन्हें केवल मोहरा बनाया गया ताकि उनके नाम पर सहानुभूति और आर्थिक लाभ लिया जा सके।
बच्चों की मौत की जांच जारी
दोनों बच्चों का पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ चुका है और उनका बिसरा जांच के लिए भेजा गया है। सूत्रों के अनुसार, बच्चों के शरीर पर कोई बाहरी चोट नहीं मिली है। हालांकि, ओठ और नाखून नीले पड़ गए थे, जिससे पॉइजनिंग की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।


