चंपारण के लाल पूर्व डीजीपी की हत्या कैसे हुई?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
स्विमिंग पूल में मिला शव
बिहार से ताल्लुक रखने वाले ओम प्रकाश नारायण 1981 बैच के IPS ऑफिसर थे। कर्नाटक के पॉश इलाके HSR लेआउट में ओम प्रकाश का तीन मंजिला घर बना था। रविवार को उनका शव घर के स्विमिंग पूल में पड़ा मिला। शव बुरी तरह खून से लथपथ था और पानी की सतह पर तैर रहा था।कैसे की हत्या?
हत्या की वजह क्या?
मानसिक बीमारी से पीड़ित है पल्लवी
शुरुआती जांच की मानें तो कर्नाटक के दांदेली में एक जमीन थी, जिसे लेकर ओम प्रकाश और पल्लवी के बीच लड़ाई चल रही थी। कुछ महीने पहले पल्लवी ने HSR लेआउट पुलिस स्टेशन में ओम प्रकाश के खिलाफ शिकायत लिखवाने की कोशिश की। हालांकि, पुलिस ने उसकी FIR लिखने से मना कर दिया। ऐसे में पल्लवी धरने पर बैठ गई थी। सूत्रों के अनुसार, पल्लवी सिज़ोफ्रेनिया नामक मानसिक बीमारी से पीड़ित है और लंबे समय से उसका इलाज चल रहा है।
कौन थे पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश नारायण?
बता दें कि 68 वर्षीय IPS ऑफिसर ओम प्रकाश बिहार के चंपारण जिले से ताल्लुक रखते हैं। भूगर्भ शास्त्र में मास्टर्स की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा दी और 1981 में IPS ऑफिसर बने थे। 1 मार्च 2015 को उन्हें कर्नाटक के डीजीपी पद पर नियुक्त किया गया था।
ओमप्रकाश की हत्या के वक्त घर में कौन-कौन लोग थे? क्या मानसिक रूप से बीमार पत्नी और बेटी एक पुरुष को इतनी बेरहमी से हत्या कर सकती है? क्या हत्या के वक्त पत्नी और बेटी के अलावा कोई तीसरा शख्स भी था? पूर्व डीजीपी की हत्या की शक की सुई किस पर जा रही है?
बता दें कि कर्नाटक के पूर्व पुलिस महानिदेशक ओमप्रकाश एक ऐसे आईपीएस अधिकारी थे, जिनकी प्रतिभा और कर्तव्यनिष्ठा ने उन्हें पुलिस महकमे में एक अलग पहचान दी थी. बिहार के चंपारण में जन्मे ओमप्रकाश ने भूविज्ञान में एमएससी की डिग्री हासिल की और 1981 में यूपीएससी परीक्षा पास कर कर्नाटक कैडर में आईपीएस बने. हरपनहल्ली में सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में करियर शुरू करने वाले ओमप्रकाश ने शिवमोग्गा,
उत्तर कन्नड़ और चिकमंगलूर जैसे जिलों में पुलिस अधीक्षक के रूप में सेवा दी. लोकायुक्त, सीआईडी और अग्निशमन सेवाओं में भी उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया. 1 मार्च 2015 को कर्नाटक के डीजीपी बने और 2017 में सेवानिवृत्त हुए. दंगों से निपटने में माहिर इस अधिकारी की जिंदगी का अंत एक दुखद और रहस्यमयी घटना के साथ हुआ.
काबिल अधिकारी की क्यों हुई ऐसी मौत?
20 अप्रैल 2025 को बेंगलुरु के एचएसआर लेआउट स्थित उनके तीन मंजिला घर में ओमप्रकाश का खून से लथपथ शव मिला. पुलिस को शक है कि उनकी पत्नी पल्लवी ने मिर्च पाउडर फेंककर, बांधकर और चाकू से 8-10 बार वार कर उनकी हत्या की. उनकी बेटी कृति भी इस घटना में शामिल बताई जा रही है. पल्लवी ने आत्मरक्षा का दावा किया और कहा कि ओमप्रकाश बंदूक लहराकर धमकी देते थे. पुलिस सूत्रों के अनुसार, पल्लवी 12 साल से सिजोफ्रेनिया से पीड़ित थीं और अक्सर भ्रम में रहती थीं. बेटे कार्तिकेश ने मां और बहन पर हत्या का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज की, जिसमें संपत्ति विवाद और पारिवारिक कलह का जिक्र है.
क्या संंपत्ति विवाद तो मौत की वजह नहीं?
ओमप्रकाश अपनी संपत्ति बेटे के नाम करना चाहते थे, जिससे पल्लवी नाराज थीं. घटना के वक्त घर में तीसरे शख्स की मौजूदगी ने रहस्य को और गहरा दिया. पुलिस सूत्रों के अनुसार यह कोई पड़ोसी या रिश्तेदार हो सकता है, जिसने पुलिस को सूचना दी, लेकिन उनकी पहचान अभी तक स्पष्ट नहीं है.कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि पल्लवी ने हत्या के बाद एक दोस्त को वीडियो कॉल कर कहा, ‘मैंने राक्षस को मार डाला’ पुलिस ने दो चाकू और एक टूटी बोतल बरामद की, जो हत्या में इस्तेमाल हुई हो सकती है.
शव के पास लंच प्लेट और मछली के अवशेष मिले, जो बताते हैं कि ओमप्रकाश डाइनिंग टेबल पर थे जब हमला हुआ. पुलिस ने पल्लवी और कृति को हिरासत में लेकर पूछताछ की, लेकिन कई सवाल अभी भी नहीं मिले हैं. कर्नाटक के गृह मंत्री ने कहा है कि पुलिस इस हत्या की जांच कर रही है और बहुत जल्द ही तह तक जाकर खुलासा कर देगी. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि केवल घरेलू विवाद था या इसके पीछे कोई गहरी साजिश? तीसरा शख्स कौन था और उसकी भूमिका क्या थी? ओमप्रकाश जैसे काबिल अधिकारी, जो बाहरी चुनौतियों से आसानी से निपट लेते थे, अपने घर के विवाद को क्यों नहीं सुलझा पाए?