दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता के लिए कैसा रहेगा उनका कार्यकाल : ज्योतिषाचार्य प्रो. अनिल मित्रा

दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता के लिए कैसा रहेगा उनका कार्यकाल : ज्योतिषाचार्य प्रो. अनिल मित्रा

प्रो. अनिल मित्रा ज्योतिषाचार्य द्वारा दिल्ली शपथ ग्रहण समारोह समय के दौरान बनाई गई कुंडली पर विस्तार से वार्तालाप

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श्रीनारद मीडिया, वैध पण्डित प्रमोद कौशिक, हरियाणा

विश्व के विख्यात ज्योतिषयों में से एक भारत की राजधानी दिल्ली में रहने वाले ज्योतिषाचार्य प्रोफेसर अनिल मित्रा ने दिल्ली की सरकार श्रीमती रेखा गुप्ता मुख्यमंत्री द्वारा शपथ ग्रहण के दौरान बनाई गई कुंडली का अध्ययन करते हुए बताया कि देश की राजधानी दिल्ली के विधानसभा चुनाव में अभूतपूर्व जीत के बाद श्रीमती रेखा गुप्ता द्वारा 20/02/25 को अपराह्न 12:27 अभिजीत मुहूर्त में भाजपा सरकार का नेतृत्व करते हुए दिल्ली के रामलीला मैदान में दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री एवं वर्तमान में देश में भाजपा की इकलौती मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण कर चुकी है।

(1). शपथ ग्रहण की कुंडली का संक्षिप्त परिचय :
श्रीमती रेखा गुप्ता द्वारा वृषभ राशि (स्थिर राशि) मैं शपथ ग्रहण की गई तथा लग्नेश शुक्र छठवें भाव का भी स्वामी होकर 11वें भाव में अपनी उच्च की मीन राशि मैं राहु के साथ स्थित है। लग्न में ही बृहस्पति विराजमान है। प्रमुख रूप से देखा जाए तो चंद्रमा सप्तम भाव में नीच स्थिति में वृश्चिक राशि में बैठे हैं तथा सूर्य, बुध (अस्त होकर) एवं शनि दशम भाव में बैठे हुए हैं. मंगल वक्री होकर द्वितीय भाव में शपथ ग्रहण के समय गोचर कर रहे थे।

(2). शपथ ग्रहण कुंडली का विश्लेषण :
(2.1). लग्नेश शुक्र का मीन राशि (उच्च राशि) में तथा मीन राशि के स्वामी बृहस्पति लग्न में स्थित होकर जहां एक और परिवर्तन कर रहे हैं वहीं तीसरे भाव के स्वामी होकर चंद्रमा बृहस्पति के नक्षत्र में और बृहस्पति चंद्रमा के नक्षत्र में शपथ ग्रहण के समय गोचर कर रहे थे। महिला कारक ग्रह गोचर कि यह स्थिति महिला मुख्यमंत्री के लिए अत्यंत प्रभावशाली राजयोग बना रहा था। इसी वजह से पूर्व महिला मुख्यमंत्री के तुरंत बाद वर्तमान भाजपा सरकार की महिला विधायक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने के प्रबल योग बना।

(2.2). श्रीमती रेखा गुप्ता जी को विशेष रूप से अप्रैल 2025 में उत्तरी भारत एवं विशेष रूप से दिल्ली के आसपास क्षेत्र में भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं की संभावनाओं के कारण सतर्क रहने की आवश्यकता है।

(2.3). 11वें भाव में बैठे लग्नेश शुक्र पर केतु की दृष्टि के कारण मंत्रिमंडल के सदस्यों द्वारा मुख्यमंत्री को आवश्यक सहयोग नहीं प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त कुंडली के द्वितीय भाव में वक्री मंगल के कारण जुलाई – सितंबर 2025 के मध्य दिल्ली भाजपा इकाई मैं भी श्रीमती रेखा गुप्ता जी के प्रति विरोध उत्पन्न होने की संभावना भी दिखाई पड़ रही हैं।

(2.4). सत्ता के दशम भाव में दशमेश शनि, चतुर्थेश सूर्य और धनेश बुध का योग दिल्ली में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स जैसे रिंग रेलवे, सड़कें / फ्लाइओवर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तथा पर्यावरण की दृष्टि से कूड़े के जमाबड़े की सफाई आदि में केंद्र सरकार के विशेष वित्तीय सहयोग से सरकारी निवेश का पूर्ण योग बनता है दिखाई पड़ रहा है।
(2.5). नवांश कुंडली में सूर्य छठवें भाव में होने के कारण मुख्यमंत्री जी के दिल्ली के उप राज्यपाल से अप्रैल 2025 के बाद सौहार्द पूर्ण व्यक्तिगत संबंध आश्चर्यजनक रूप से खराब होते दिखाई पड़ रहे हैं।

(2.6). दशम भाव में बुध ग्रह अस्त होने के कारण ऐसा लगता है कि दिल्ली के आगामी बजट में शिक्षा एवं स्वास्थ्य के बजट में कटौती की जाएगी।
(2.7). लग्न कुंडली में अष्टमेश बृहस्पति के लग्न में परंतु नवांश कुंडली में 12वीं भाव में होने के कारण विभिन्न मुफ्त सरकारी जनकल्याण योजनाओं जैसे कि मुफ्त बिजली, फ्री बस यात्रा इत्यादि मैं बदलाव किए जाने की पूर्ण संभावना है। वर्ष 2026 के बजट में झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों के लिए विशेष जनकल्याणकारी सरकारी योजनाएं प्रारंभ किए जाने के प्रबल योग दिखाई पड़ते हैं।

(2.8). शपथ ग्रहण कुंडली के सप्तम भाव में नीच का चंद्रमा तथा उस पर दशम भाव से शनि की दृष्टि के कारण तथा सितंबर 2025 से शनि की दशा प्रारंभ होने के कारण सरकार द्वारा विपक्ष के नेताओं पर भ्रष्टाचार के विभिन्न आरोपों की जांच, कोर्ट केस एवं गिरफ्तारी का योग दिखाई पड़ता है। विपक्ष की पार्टी के लिए कम से कम अगले 2 वर्ष का समय काफी चुनौतियां भरा होगा।

(2.9). शपथ ग्रहण की इस कुंडली के अनुसार श्रीमती रेखा गुप्ता अपने 5 वर्ष के मुख्यमंत्री कार्यकाल को पूरा नहीं कर पाएंगे। अप्रैल – मई 2027 के बाद श्रीमती रेखा गुप्ता को अपनी ही पार्टी कि नेताओं से अत्यधिक विरोध का सामना करना पड़ सकता है जिसके कारण पार्टी द्वारा कोई दूसरा मुख्यमंत्री नियुक्त किए जाने की पूर्ण संभावना दिखाई पड़ती है।

दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की स्थापना के बाद वर्ष 1993 – 98 के बीच दिल्ली में भाजपा के सत्ता में रहते हुए तीन मुख्यमंत्री हुए – मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज परंतु तीनों अपना कार्यकाल पूरा करने में सफल नहीं रहे।

डिस्क्लेमर : शोधकर्ता द्वारा उपरोक्त विश्लेषण मात्र एकेडमिक दृष्टिकोण से ज्योतिष विज्ञान के अनुरूप विश्लेषण के आधार पर किया गया है इसका कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है। शोधकर्ता सभी व्यक्तियों, पार्टी एवं संस्थाओं के प्रति सकारात्मक सोच रखता है।

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